मोतिहारी: बिहार में अपराधियों की रोकथाम के लिए पुलिस एक्टिव हो गई है. पुलिस कार्रवाई कर अपराधियों को गिरफ्तार करने में जुट गई है. ताजा मामला बिहार के मोतिहारी से सामने आ रहा है. जहां पुलिस ने छौड़ादानो थाना क्षेत्र में 7 वर्षीय नीतीश हत्या मामले में तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
अभियुक्तों ने अपराध स्वीकारा: मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस ने बताया कि महज 1500 रुपया को लेकर हुए विवाद में नीतीश की हत्या कर दी गई थी. विवाद मृत बच्चे के पिता के साथ था. पुलिस ने नीतीश हत्याकांड में शामिल तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार अभियुक्तों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है.
घर से 500 मीटर दूर फेंका शव: मामले को लेकर एसपी कान्तेश कुमार मिश्रा ने बताया कि 7 जनवरी को छौड़ादानो थाना क्षेत्र के हीरमनी गांव के वृत राम के सात वर्षीय पुत्र नीतीश कुमार की अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी. फिर उसके शव को घर से पांच सौ मीटर दूर फेंक दिया था.
अभियुक्तों को हिरासत में लिया: घटना की जानकारी मिलने के बाद रक्सौल डीएसपी धीरेंद्र कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया. एसएफएल और डॉग स्क्वायड टीम बुलाई गई. घटना के जांच के दौरान मृतक के पिता वृत राम के दोस्त रशीद उर्फ ओवैश को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की गई.
"वृत राम ने मुझ से 1500 रुपये उधार लिया था. जब मैंने वृत राम से पैसा मांगा तो उसने नहीं दिया. इसी से नाराज होकर मैंने उसके बेटा नीतीश को चाउमीन खिलाने के बहाने बुलाया और अपने दो साथियों निरोध और रशीद के साथ मिलकर पहले ईंट से मार दिया. फिर चाकू मारकर उसकी हत्या कर दी." - ओवैश, मुख्य अपराधी
अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेजा: ओवैश ने बताया कि बच्चे के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए उसके साथ सदर अस्पताल भी आया था. सड़क जाम में भी वह शामिल रहा. फिलहाल तीनों अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. साथ ही स्पीडी ट्रायल चलाकर अपराधियों को सजा दिलाया जाएगा.
आक्रोशितों ने किया था सड़क जाम: बता दें कि विगत 7 जनवरी को छौड़ादानो थाना क्षेत्र के हीरमनी गांव से लापता सात वर्षीय नीतीश कुमार का क्षत विक्षत शव बरामद हुआ था. बच्चे का शव बरामद होने के बाद आक्रोशित लोगों ने सड़क पर आगजनी कर रोड जाम कर दिया था. डीएसपी रक्सौल समेत कई थाना की पुलिस मौके पर पहुंची थी.
48 घंटे में मामले का पर्दाफाश: पुलिस ने अपराधियों की गिरफ्तारी का आश्वासन देकर लगभग पांच घंटे बाद सड़क जाम हटवाया था. एफएसएल और डॉग स्क्वायड की टीम बुलाई गई. पुलिस ने वैज्ञानिक तरीके से घटना की जांच करते हुए महज 48 घंटे में उसका पर्दाफाश कर दिया. घटना में शामिल तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई.
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