एक चिकित्सक के भरोसे वाल्मीकिनगर अस्पताल, ऐसे में कैसे बनेगा VTR अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल

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Published : Sep 29, 2022, 6:34 AM IST

Updated : Sep 29, 2022, 7:55 AM IST

वाल्मीकिनगर में स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल

बगहा का वाल्मिकि टाइगर रिजर्व को बिहार सरकार अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलानी चाहती है. लेकिन यहां वाल्मीकिनगर में स्वास्थ्य सुविधाएं अंतरराष्ट्रीत तो छोड़िए, मोहल्ला क्लीनिक जैसा भी नहीं है. महज एक आयुष चिकित्सक के भरोसे अस्पताल में मरीजों का इलाज किया जाता है. जिससे मरीजों को बेहतर इलाज के लिए नेपाल और अन्य जगह भटकना पड़ता है. इस कारण कई पर्यटकों को हादसे में अपनी जान भी गंवानी पड़ी है. ग्राउंड जीरो से पढ़ें ये रिपोर्ट...

बगहा: इंडो नेपाल अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित वाल्मीकिनगर एक खूबसूरत पर्यटन (Valmikinagar Tourist Place) स्थल बनकर उभरा है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसको पहचान दिलाने के लिए सरकार कई सारे सुविधाएं मुहैया करा रही है. लेकिन यहां आने वाले पर्यटकों और स्थानीय लोगों के स्वास्थ्य सुविधा को लेकर सरकार गंभीर नहीं दिख रही है, क्योंकि यहां स्वास्थ्य सुविधा की व्यवस्थाएं काफी लचर (Bad Health Facilities In Valmikinagar) हैं. स्थिति यह है कि एकमात्र स्वास्थ्य केन्द्र में सिर्फ एक आयुष चिकित्सक है. जिस पर पूरे स्वास्थ्य महकमा का दारोमदार है.

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लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं घूमने: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (Valmiki Tiger Reserve) का भ्रमण करने प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं. बिहार सरकार इस क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाना चाहती है. लेकिन स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर एक आयुष चिकित्सक का होना, अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार नहीं है. हालत यह है कि यदि किसी को बेहतर चिकित्सय की जरूरत पड़ती है, तो उन्हें नेपाल, यूपी या जिला मुख्यालय का रुख करना पड़ता है.

अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा अस्पताल: वीटीआर का जंगल ऐसा है कि यहां हमेशा बड़े-बड़े और गंभीर एक्सीडेंट होते रहते हैं. बावजूद इसके पर्यटन की इस नगरी में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहाल है. ग्राउंड जीरो से जब ईटीवी ने अस्पताल में जांच की तो सामने कई कुव्यवस्थाएं देखने को मिली. यहां प्रसव कराने आईं प्रसूताओं को ना तो समय पर भोजना और ना ही मेन्यू को फॉलो किया जाता. अस्पताल में दो गर्भवती महिलाएं भर्ती थी. उन्होंने पूछने पर बताया कि अब तक खाने के लिए भोजन नहीं दिया गया है.

दो रुपये में इलाज देने का अस्पताल का दावा: अस्पताल में रजिस्ट्रेशन शुल्क के नाम पर दो रुपया मरीजों से लिया जाता है. वह राशि भी विगत 5 वर्षों से जमा नहीं किया गया है. जब इस मामले को लेकर एकमात्र आयुष चिकित्सक संजय सिंह से पूछा गया तो उन्होंने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि इसका लेखा जोखा डाटा ऑपरेटर के पास है. राशि अस्पताल में जमा कर दी जाती है. लेकिन डाटा ऑपरेटर का कहना था कि उसके पदस्थापना को महज 5 से 6 महीने ही हुए हैं. ऐसे में उसे अपने कार्यकाल के राशि के बाबत जानकारी है, बाकी शेष राशि क्या हुआ, उसको नहीं पता.

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इंटरनेशनल बॉर्डर और पर्यटक स्थल होने के कारण यहां भारत और नेपाल दोनों जगहों के लोग आते हैं. लेकिन अस्पताल में सिर्फ एक चिकित्सक के होने के कारण जरूरत पड़ने पर उनका इलाज नहीं हो पाता. ऐसी परिस्थिति में उन्हें नेपाल, यूपी और बगहा का रुख करना पड़ता है. हाल के दिनों में बगहा से वाल्मीकिनगर जाने के क्रम में कई पर्यटक दुर्घटना के शिकार हुए हैं. जिसमें दर्जनों पर्यटकों की समय पर इलाज के अभाव में मौत हो गयी. ऐसे में पर्यटन स्थल पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा और अस्पताल का न होना एक बड़ा मुद्दा है.


"यहां अस्पताल में उनके अलावा एक नर्स है, जो विगत 6 माह से छुट्टी पर है. नतीजतन प्रसव एएनएम कराती हैं. साथ ही अकेले डॉक्टर होने के कारण बेहतर सुविधा देना सम्भव नहीं हो पाता. अस्पताल में एक्सरे सुविधा अब बिल्कुल बन्द हो गई है. जिसके बारे में यहां के प्रभारी बता पाएंगे. इस बाबत हमने कई दफा शिकायत की. लेकिन डॉक्टर समेत अन्य सुविधाओं को बढ़ाने पर ध्यान नही दिया गया" -संजय कुमार सिंह, डॉक्टर

Last Updated :Sep 29, 2022, 7:55 AM IST
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