वैशाली कोर्ट ने दुष्कर्म के अभियुक्त को सुनाई 20 साल की सजा, लगाया 50 हजार का अर्थदंड

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Published : Sep 14, 2022, 8:23 PM IST

वैशाली कोर्ट

बिहार के हाजीपुर में नाबालिक के साथ दुष्कर्म के अभियुक्त को अदालत ने 20 साल की सजा और 50 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है. घटना 2019 की है, जब बच्ची माता-पिता के लिए खाना लाने गई थी, तभी आरोपी ने घर में घुसकर जबरन दुष्कर्म किया था. आगे पढ़ें पूरी खबर...

हाजीपुर: बिहार के हाजीपुर में ढाई साल पुराने जबरन दुष्कर्म के मामले में अदालत ने फैसला सुनाते हुए आरोपी को 20 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही उस पर 50 हजार रुपए के जुर्माना भी लगाया गया है. घटना 18 मार्च 2019 की है, जब किशोरी को अपने घर में अकेला देखकर दीघा फतेहपुर गांव निवासी राजीव कुमार घर में घुस गया और किशोरी के साथ दुष्कर्म (Rape With Teenager) किया था. घटना के बाद बच्ची गंभीर रूप से जख्मी होकर बेहोश हो गई थी. बच्ची की मां जब घर पहुंची तो उसे इलाज के लिए ताजपुर के एक अस्पताल ले गई. होश में आने पर बच्ची ने परिजनों को घटना की पूरी जानकारी दी थी.

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2019 में दर्ज कराई गई थी प्राथमिकी: इस मामले 24 मार्च 2019 को आरोपित के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. बीते 30 अगस्त को न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई करते हुए राजीव कुमार को दोषी करार दिया. दोषी को 20 वर्ष कारावास की सजा के साथ 50 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई गई है. दण्ड की राशि में से 50 फीसदी बिहार सरकार को और 50 फीसदी पीड़िता को दी जाएगी. पीड़िता को बिहार प्रतिकर स्कीम के तहत पूर्व में 3 लाख की राशि मिली थी. इसके अतिरिक्त इस स्कीम के तहत 5 लाख रुपए और पीड़िता को देने का आदेश न्यायालय ने दिया है.


माता-पिता के लिए लाने गई थी खाना: बताया गया कि घटना वाले दिन बच्ची अपने माता-पिता के साथ खेत में आलू खोदने का काम कर रही थी. कई घंटों तक आलू खोदने के काम के बाद उसके माता-पिता ने कहा घर से खाना लाने के लिए, जिसके बाद बच्ची खेत से घर खाना लाने के लिए गई थी. वह माता-पिता के लिए खाना निकाल ही रही थी तभी आरोपी ने घर के अंदर घुस कर उसे दबोच लिया था और फिर उसके साथ जबरन दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया और जब बच्ची बेहोश हो गई तो मौके से फरार हो गया.

"माता पिता के साथ बच्ची अपने खेत में आलू खोद रही थी. इसके बाद वह माता-पिता के लिए खाना लाने घर गई थी. जहां उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया गया और जब वह बेहोश हो गई तो उसे छोड़कर आरोपी फरार हो गया था. इस मामले में साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अदालत ने अभुक्त को 20 वर्ष कारावास और 50 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है." - मनोज कुमार शर्मा, विशेष लोक अभियोजक


पीड़िता के पुनर्वास के लिए प्रयास कर रही संस्था: बच्चों के अधिकार के संरक्षण के लिए कार्य कर रहे कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के सहयोग से संचालित एक्सप्रेस टू जस्टिस फॉर चिल्ड्रन कार्यक्रम के डायरेक्टर सुधीर कुमार शुक्ला ने त्वरित न्याय देने के लिए पॉक्सो के विशेष न्यायाधीश जीवनलाल एवं पोक्सो के विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार शर्मा के प्रति आभार व्यक्त किया है. साथ ही इस मामले में कहां की पीड़ितों के पुनर्वास के लिए संस्था प्रयास कर रही है. पीड़िता को हर संभव सहायता संस्था की ओर से दी जाएगी.


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