सुपौल : सुपौल के राघोपुर में मनरेगा योजना घोटाले (MNREGA cattle shed construction scam in Supaul) में खुलासे के बाद ETV Bharat की खबर का बड़ा असर हुआ है. डीएम द्वारा गठित जांच टीम की रिपोर्ट पर राघोपुर के देवीपुर पंचायत में हुए इस घोटाले के आरोपी कर्मियों को सेवा से मुक्त कर दिया गया है. मनरेगा राघोपुर के पीओ, टेक्नीशियन, जेई, लेखपाल और पंचायत के पीआरएस को सेवा से मुक्त किया गया (5 Employee free from service In Supaul) है.
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देवीपुर में पशु शेड निर्माण के नाम पर घोटाला : दरअसल, राघोपुर के देवीपुर पंचायत में पशु शेड निर्माण के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया था. जिसमें सप्लायर एजेंसी को बिना काम के लाखों रुपए का भुगतान दे दिया गया था. जिसके बाद ईटीवी भारत ने मामले का खुलासा किया तो डीएम कौशल कुमार ने मामले पर संज्ञान लेते हुए जांच टीम गठित कर दिया. जिसके बाद जांच टीम ने पाया कि 25 पशु शेड में आधे से अधिक का नींव भी पड़ी. लेकिन सप्लाई एजेंसी छाया इंफोकॉम को इन लोगों ने मिलकर फर्जी वाउचर और फर्जी मजदूर का बिल लगाकर 1 करोड़ से अधिक का विभिन्न योजनाओं में भुगतान कर दिया.
इन लोगों को किया गया सेवा से मुक्त : जिसके बाद जांच टीम की अनुशंसा पर राघोपुर मनरेगा पीओ धीरज कुमार, पीआरएस मनोज शर्मा, अकाउंटेंट विवेक मंडल, तकनीकी सहायक धर्म प्रकाश मल्लिक सहित तत्कालीन जेई ओमप्रकाश चौधरी को भी सेवा मुक्त कर दिया गया. इतना ही नहीं इस मामले में पीआरएस और तत्कालीन मुखिया बिंदुवाला गुप्ता के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया गया है.
''देवीपुर पंचायत में पशु शेड के निर्माण में अनियमितता हुई थी. आपलोगों के माध्यम से भी काफी प्रमुखता से इसे उठाया गया था. जिसके बाद हमलोगों ने जांच टीम का गठन किया था. जांच में पाया गया कि 6 पशु शेड ऐसे थे जो निर्माण हुआ ही नहीं, उसका भुगतान कर दिया गया. 9 पशु शेड ऐसे थे जो अर्धनिर्मित थे पर उसका पूरा भुगतान कर दिया गया था. वहां के पीओ और मनरेगा अकाउंटेट ने लापरवाही बरतते हुए मनमानी तरीके से भुगतान किया. जांच के बाद दोषी पाए जाने पर सभी को चयनमुक्त कर दिए हैं.''- कौशल कुमार, डीएम, सुपौल