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सिवान में कैदी की इलाज के दौरान मौत, आक्रोशित परिजनों ने काटा बवाल

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Published : Jul 18, 2022, 2:24 PM IST

कैदी की इलाज के दौरान मौत
कैदी की इलाज के दौरान मौत

शराब पीने के मामले (Liquor Ban In Bihar) में सिवान में एक व्यक्ति को पुलिस ने पकड़ा था. जहां जेल में तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भेजा गया था. वहीं इलाज के दौरान कैदी की मौत हो गई. परिजनों ने आक्रोश जताया और सड़क पर आगजनी भी की. पढ़ें पूरी खबर...

सिवान: सिवान मंडलकारा (Siwan Jail) में बंद कैदी को तबीयत बिगड़ने पर सदर अस्पताल लाया गया था. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत (Prisoner Died from Treatment ) हो गई. कैदी के परिजनों का आरोप है कि जेल प्रशासन की पिटाई के कारण व्यक्ति की मौत हुई है. वहीं परिजनों ने बताया कि मृतक के शरीर पर काले धब्बे के कई जगह दाग के निशान हैं. इधर, जेल प्रशासन ने सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और सड़क को जामकर आगजनी भी की.

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दरअसल, मामला यह था कि सिवान के जीबी नगर थाना इलाके के सोनबरसा गांव निवासी बाल्मीकि यादव पिता (अवध यादव) को दूसरी बार शराब पीने के मामले में 13 जुलाई को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. वहीं पर तबीयत बिगड़ने पर पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया. जहां इलाज के दौरान मौत हो गई.

पिटाई कर हत्या करने का आरोप: परिजनों ने बताया कि गिरफ्तारी के अगले दिन जेल में मुलाकात करने गये तो जेल प्रशासन ने मुलाकात नहीं करवायी. वहीं पुलिस वालों ने परिजनों से कहा कि वो बोल रहा है कि हमें किसी से नहीं मिलना है. उसके बाद अगले दो दिनों में सूचना दी जाती है कि जल्दी से अस्पताल आओ, इस कैदी की तबीयत बिगड़ रही है. जबतक हमलोग वहां पहुंचे तो उसका शव पड़ा हुआ था. मृतक व्यक्ति की मां शैल कुमारी ने कहा कि जेल में पुलिस ने पीट-पीटकर मेरे बेटे को मार दिया. वहीं मृतक बाल्मीकि के शरीर पर काले-काले धब्बे का निशान देखे गए.

बाल्मिकी यादव को पुलिस ने पीट-पीटकर घायल कर दिया, जिस कारण मौत हो गई. पूरे शरीर पर खून ही खून था. कान से भी खून निकल रहा था. प्रशासन अच्छी तरह से जांच करें- शैल देवी, मृतक की मां



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जेल अधीक्षक ने दी सफाई: इस पूरे मामले पर सिवान कारा जेल अधीक्षक संजीव कुमार ने बताया कि परिजनों ने पुलिस पर जो भी आरोप लगाया है, वह बिल्कुल गलत है. आगे बताया कि वो कैदी नशे का आदी बन गया था. उस तरह के लोगों को बीमारी होने पर अचानक अटैक आता है और उस वक्त वो अपने आप को कुछ भी कर लेता है. कुछ इसी तरह का अटैक कैदी बाल्मीकि को आया. जिसके कारण वो खुद अपने आप को ही कष्ट देने लगा.

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कैदी के परिजनों ने किया सड़क जाम: वहीं जेल प्रशासन ने बताया कि जेल के भीतर भी सोने के बेड को भी उठा कर पटकने लगा. जिसके बाद सदर अस्पताल सिवान भेजा गया. पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. वहीं सड़क जाम कर परिजन और गांव के स्थानीय लोगों ने सड़क जाम कर आगजनी की है और जिला प्रशासन से मुआवजे की मांग पर अड़े हैं.

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