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सिवान में प्रदूषण जांच के नाम पर खानापूर्ति, 100 रुपये में जारी हो रहे प्रदूषण सर्टिफिकेट्स

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Published : Sep 23, 2019, 11:08 PM IST

वाहन में प्रदूषण की मापदंड की राशि 1 हजार रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दी गई है, लेकिन प्रदूषण जांच केंद्र बिना जांच के सिर्फ 100 रुपये में लोगों को प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट दे रहा है.

pollution checking in siwan

सीवान: नए मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर जिले के कई प्रदूषण केंद्रों में लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है. ऐसे में प्रदूषण जांच केंद्र बिना किसी जांच के ग्राहकों को फिटनेस सर्टिफिकेट दे रहा है. इसके बावजूद जिला प्रशासन मौन साधे हुए है. ऐसा लग रहा है मानो जिले में प्रदूषण जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है.

100 रुपये में दिए जा रहे सर्टिफिकेट्स
जब ईटीवी भारत पूरी हकीकत जानने के लिए प्रदूषण जांच केंद्र पर पहुंचा. तो वहां लोगों की लंबी लाइन लगी हुई थी. उनसे पूछने पर पता चला कि उन्हें ऐसा बोला गया है कि अपनी गाड़ी के नंबर की फोटो खींच कर लाइन में लगना है. फिर नंबर आने पर 100 रुपये देकर प्रदूषण का फिटनेस सर्टिफिकेट ले जाना है. इस संबंध में वहां मौजूद कर्मी से जब पूरी बात जानने की कोशिश की गई तो वह कैमरा देखते ही अपनी जगह से भाग खड़ा हुआ.

प्रदूषण जांच के नाम पर हो रही है खानापूर्ति

मापदंड है 10,000 रुपये
गौरतलब है कि वाहनों से निकलने वाले धुएं से होने वाला प्रदूषण नियंत्रण में रहे इसलिए मापदंड तय कर जुर्माने की राशि को 1 हजार से बढ़ाकर 10 हजार कर दिया गया है. प्रदूषण जांच केंद्र पर वाहनों से निकलने वाले धुंए में कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा को आयतन पर मापा जाता है. किसी भी वाहन के प्रदूषण स्तर को मापने के लिए जांच मशीन को वाहन के साइलेंसर में डाला जाता है. जिसके बाद गाड़ी से निकलने वाले धुएं की मशीन जांच करती है. ऐसे में प्रदूषण जांच केंद्र में सिर्फ 100 रुपये के बदले प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट दे दिए जा रहे हैं.

इस पर जिला डीटीओ से पूछने पर उन्होंने बोला कि अगर बिना जांच किए प्रदूषण सर्टिफिकेट जारी किया जा रहा है तो इसके ऊपर कार्रवाई की जाएगी.

Intro:प्रदूषण जांच के नाम पर खानापूर्ति

स्पेशल

सिवान।

नए मोटर एक्ट के बाद सिवान के लोग गाड़ी के हर एक कागजात को दुरुस्त कराने में जुटे हुए हैं वहीं सिवान के कई प्रदूषण केंद्रों में लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है.प्रदूषण जांच केंद्र बिना किसी जांच के ग्राहकों को फिटनेस सर्टिफिकेट दे दे रहे हैं बावजूद इसके जिला प्रशासन मौन साधे हुए है. सिवान में प्रदूषण जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है.


Body:जब हमने इसकी हकीकत जानने के लिए एक प्रदूषण जांच केंद्र पर पहुँचे तो वहां लंबी लाइन लगी हुई थी.लोगो से पूछने पर पता चला कि अपनी गाड़ी नंबर की फ़ोटो मोबाइल में खींच के लाइन में लग जाईये.नंबर आने पर 100 रुपये दीजिये और प्रदूषण का फिटनेस सर्टिफिकेट प्राप्त कीजिये.वही जब इस संबंध में हमने वहां मौजूद कर्मी से जानने का प्रयास किया तो वो कैमरा देखते ही अपने स्थान से भाग खड़े हुआ. मालूम हो कि वाहनों से निकलने वाले धुएं से होने वाला प्रदूषण नियंत्रण में रहे इसलिए मापदंड तय कर जुर्माना की राशि को 1 हजार से बढ़ाकर 10 हजार कर दी गई है बावजूद इसके प्रदूषण जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. प्रदूषण जांच केंद्र पर वाहनों से निकलने वाले धुंए में कार्बन मोनोऑक्साइड की प्रतिशत मात्रा आयतन पर मापते हैं.किसी भी वाहन के प्रदूषण स्तर को मापने के लिए जांच मशीन को वाहन के साइलेंसर में डाला जाता है इसके बाद गाड़ी से निकलने वाले धुएं की मशीन जांच करती है. प्रदूषण जांच केंद्र में सिर्फ ₹100 के बदले प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट निर्गत कर दिए जाते हैं.



Conclusion:वही जब इस संबंध में सिवान डीटीओ से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सिवान में अगर बिना और प्रदूषण जांच के सर्टिफिकेट निर्गत किया जाता है तो उसके ऊपर कार्रवाई की जाएगी.

बाइट-कैमरा देख भागता कर्मी
बाइट- वाहन मालिक (रजनीश कुमार)
बाइट-डीटीओ( कृष्ण मोहन प्रसाद)
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