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Bihar Politics: 'शराबबंदी कानून को फौरन वापस ले सरकार', प्रशांत किशोर की CM नीतीश से बड़ी मांग

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Published : Mar 2, 2023, 11:02 AM IST

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर

बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) को लेकर आए दिन विपक्ष नीतीश सरकार को घेरती रहती है. इस बार चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी नीतीश सरकार पर शराबबंदी को लेकर निशाना साधा है. उनका कहना है कि इससे किसी समाज का सामाजिक और आर्थिक उत्थान नहीं हुआ है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

शराबबंदी पर बोले प्रशांत किशोर

सिवान: बिहार के सिवान में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor in Siwan) अपनी जनसुराज यात्रा लेकर पहुंच गए हैं. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शराबबंदी के लिए जमकर घेरा है. उन्होंने कहा कि मैं बिहार का एक ऐसा व्यक्ति हूं जो पहले दिन से कह रहा है कि शराबबंदी बिहार के लिए नुकसानदायक है. शराबबंदी को तुरंत हटाया जाना चाहिए. शराबबंदी से पूरी दुनिया में किसी भी समाज का आर्थिक और सामाजिक विकास हुआ हो इसका कोई भी प्रमाण नहीं है. अगर शराबबंदी के जरिए ही सामाजिक और आर्थिक विकास हो सकता था तो दुनिया के दूसरे देश भी इसको लागू करते.

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शराब बंदी से 20 हजार करोड़ का है नुकसान: बता दें कि प्रशांत किशोर ने शराबबंदी पर सरकार को घेरते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी से सरकार को हर साल 20 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है. बिहार के गांव में शराब की होम डिलीवरी हो रही है. जिस बच्चे को पढ़ना चाहिए वह शराब के कारोबार में संलिप्त हो रहा है. शराब को घर-घर पहुंचा जा रहा है. पुलिस शराब तस्करों को पकड़ने में दिन-रात लगी हुई है. आए दिन उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है, इस वजह से पुलिस और अहम केस पर ध्यान नहीं दे पा रही है.

"बिहार में शराबबंदी से सरकार को हर साल 20 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है. बिहार के गांव में शराब की होम डिलीवरी हो रही है. जिस बच्चे को पढ़ना चाहिए वह शराब के कारोबार में संलिप्त हो रहा है. शराब को घर-घर पहुंचा जा रहा है. पुलिस शराब तस्करों को पकड़ने में दिन-रात लगी हुई है. आए दिन उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है, इस वजह से पुलिस और अहम केस पर ध्यान नहीं दे पा रही है."- प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार

शराब की होती है होम डिलीवरी: प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि जिन महिलाओं के नाम पर शराबबंदी को लागू किया गया है, उनके बच्चों के पकड़ने जाने पर सबसे ज्यादा प्रताड़ना उन्हें ही सहनी पड़ती है. जिस महात्मा गांधी के नाम पर नीतीश कुमार कहते हैं कि शराबबंदी कानून लागू है, वही महात्मा गांधी ने कभी नहीं कहा कि सरकारों को शराबबंदी कानून लागू करना चाहिए. उन्होंने ये कहा कि शराब पीना बुरी बात है, समाज में शराब लोग ना पीये इसका प्रयास होना चाहिए. बता दें कि इससे पहले छपरा में हुए शराब कांड पर भी प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार को घेरा था.

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