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सीतामढ़ी जंक्शन पर सुविधाओं का घोर अभाव, टिकट के लिए घंटों करना पड़ता है इंतजार

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Published : Jan 13, 2020, 5:09 PM IST

सीतामढ़ी से रोजाना करीब दस हजार यात्री सफर करते हैं. लेकिन यहां सिर्फ एक आरक्षण और दो अनारक्षित टिकट काउंटर हैं. लिहाजा यात्रियों को टिकट लेने के लिए घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ता है.

sitamarhi railway station
सीतामढ़ी जंक्शन पर सुविधाओं का आभाव

सीतामढ़ी: सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन विभागीय उदासीनता के कारण रेल यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. बी श्रेणी के इस जंक्शन पर वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांगजनों और महिलाओं के लिए कोई भी टिकट काउंटर नहीं बनाया गया है. साथ ही सामान्य यात्रियों के लिए भी महज एक ही काउंटर बनाए गए हैं. जहां टिकट लेने के लिए यात्रियों को घंटों कतार में खड़े होकर भारी मशक्कत करनी पड़ती है. इसके बावजूद यात्री टिकट लेने से वंचित रह जाते हैं.

घंटो लाइन में लगे रहते हैं यात्री
माता सीता के जन्मस्थली के चलते यहां दूर-दराज के पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है. लेकिन टिकट का खामियाजा उन पर्यटकों को भी भुगतना पड़ता है. बता दें कि इस रेलवे जंक्शन से प्रतिदिन रक्सौल, दरभंगा, समस्तीपुर, पटना सहित अन्य प्रदेशों के लिए गाड़ियां प्रस्थान करती हैं. जंक्शन के सुप्रीटेंडेंट मदन प्रसाद ने बताया कि यहां से रोजाना करीब दस हजार यात्री सफर करते हैं. लेकिन यहां एक आरक्षण और दो अनारक्षित टिकट काउंटर हैं. लिहाजा यात्रियों को टिकट लेने के लिए घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ता है. इसके बावजूद दर्जनों यात्री टिकट लेने से वंचित हो जाते हैं. कई यात्री अपनी यात्रा भी स्थगित कर देते हैं.

सीतामढ़ी जंक्शन पर सुविधाओं का आभाव

परेशानी का सबब बना जंक्शन
स्टेशन अधीक्षक के मुताबिक जंक्शन पर 5 आरक्षित टिकट काउंटर और एक सीनियर सिटीजन, दिव्यांग जनों और महिलाओं के लिए काउंटर होने चाहिए. लेकिन टिकट काउंटर की व्यवस्था नहीं होने के कारण एक ही आरक्षित काउंटर पर सभी आयु वर्ग के लोग कतार में खड़े होकर टिकट लेने के लिए मशक्कत करते रहते हैं. टिकट ले रहे बुजुर्ग यात्री चितवन सिंह और डॉक्टर भाग नारायण चौधरी ने बताया कि विभाग की उदासीनता के कारण यह जंक्शन आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. सालों से सीनियर सिटीजन, दिव्यांग जनों और महिलाओं के लिए अलग से टिकट काउंटर की मांग की जा रही है. लेकिन अधिकारियों का इस ओर ध्यान नहीं है.

sitamarhi railway station
सीतामढ़ी जंक्शन

'जल्द होगा समस्या का समाधान'
वहीं, सीतामढ़ी सांसद सुनील कुमार पिंटू ने बताया कि वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग जनों और महिलाओं के लिए अलग से टिकट काउंटर बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है. रेल मंडल की ओर से इसके लिए स्वीकृति भी मिल चुकी है. लेकिन अब तक काउंटर शुरू करने की दिशा में कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है. जल्द ही इस समस्या का समाधान कर लिया जाएगा.

सीतामढ़ी: सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन विभागीय उदासीनता के कारण रेल यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. बी श्रेणी के इस जंक्शन पर वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांगजनों और महिलाओं के लिए कोई भी टिकट काउंटर नहीं बनाया गया है. साथ ही सामान्य यात्रियों के लिए भी महज एक ही काउंटर बनाए गए हैं. जहां टिकट लेने के लिए यात्रियों को घंटों कतार में खड़े होकर भारी मशक्कत करनी पड़ती है. इसके बावजूद यात्री टिकट लेने से वंचित रह जाते हैं.

घंटो लाइन में लगे रहते हैं यात्री
माता सीता के जन्मस्थली के चलते यहां दूर-दराज के पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है. लेकिन टिकट का खामियाजा उन पर्यटकों को भी भुगतना पड़ता है. बता दें कि इस रेलवे जंक्शन से प्रतिदिन रक्सौल, दरभंगा, समस्तीपुर, पटना सहित अन्य प्रदेशों के लिए गाड़ियां प्रस्थान करती हैं. जंक्शन के सुप्रीटेंडेंट मदन प्रसाद ने बताया कि यहां से रोजाना करीब दस हजार यात्री सफर करते हैं. लेकिन यहां एक आरक्षण और दो अनारक्षित टिकट काउंटर हैं. लिहाजा यात्रियों को टिकट लेने के लिए घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ता है. इसके बावजूद दर्जनों यात्री टिकट लेने से वंचित हो जाते हैं. कई यात्री अपनी यात्रा भी स्थगित कर देते हैं.

सीतामढ़ी जंक्शन पर सुविधाओं का आभाव

परेशानी का सबब बना जंक्शन
स्टेशन अधीक्षक के मुताबिक जंक्शन पर 5 आरक्षित टिकट काउंटर और एक सीनियर सिटीजन, दिव्यांग जनों और महिलाओं के लिए काउंटर होने चाहिए. लेकिन टिकट काउंटर की व्यवस्था नहीं होने के कारण एक ही आरक्षित काउंटर पर सभी आयु वर्ग के लोग कतार में खड़े होकर टिकट लेने के लिए मशक्कत करते रहते हैं. टिकट ले रहे बुजुर्ग यात्री चितवन सिंह और डॉक्टर भाग नारायण चौधरी ने बताया कि विभाग की उदासीनता के कारण यह जंक्शन आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. सालों से सीनियर सिटीजन, दिव्यांग जनों और महिलाओं के लिए अलग से टिकट काउंटर की मांग की जा रही है. लेकिन अधिकारियों का इस ओर ध्यान नहीं है.

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सीतामढ़ी जंक्शन

'जल्द होगा समस्या का समाधान'
वहीं, सीतामढ़ी सांसद सुनील कुमार पिंटू ने बताया कि वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग जनों और महिलाओं के लिए अलग से टिकट काउंटर बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है. रेल मंडल की ओर से इसके लिए स्वीकृति भी मिल चुकी है. लेकिन अब तक काउंटर शुरू करने की दिशा में कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है. जल्द ही इस समस्या का समाधान कर लिया जाएगा.

Intro:सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन पर आरक्षित और अनारक्षित टिकट काउंटर की कमी का खामियाजा भुगत रहे यात्री वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग जनों और माहिलायो के लिए नहीं है कोई व्यवस्था। Body:समस्तीपुर रेल मंडल का सीतामढ़ी रेलवे जक्शन विभागीय उदासीनता के कारण यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। बी श्रेणी के इस जंक्शन पर वरिष्ठ नागरिक, दिव्यांग जनों और महिलाओं के लिए कोई भी टिकट काउंटर नहीं बनाया गया है। साथ ही सामान्य यात्रियों के लिए भी महज एक ही काउंटर बनाए गए हैं। जहां टिकट लेने के लिए यात्रियों को घंटों कतार में खड़े होकर भारी मशक्कत करना पड़ता है। इसके बावजूद भी यात्री टिकट लेने से वंचित रह जाते हैं। लेकिन इस दिशा में रेल मंडल की ओर से अब तक कोई समाधान नहीं किया गया है। जबकि मां जगत जननी जानकी की जन्म स्थली होने के कारण इस शहर में बाहर के पर्यटकों का भी आना जाना लगा रहता है। लेकिन टिकट का खामियाजा उन पर्यटकों को भी भुगतना पड़ता है जो यहां आते हैं।
जबकि इस रेलवे जंक्शन से प्रतिदिन रक्सौल, दरभंगा, समस्तीपुर, पटना सहित अन्य प्रदेशों के लिए गाड़ियां प्रस्थान करती है।
जंक्शन के सुपरिटेंडेंट मदन प्रसाद का बताना है कि इस जंक्शन से प्रतिदिन करीब 10000 यात्री सफर करते हैं। लेकिन यंहा एक आरक्षण और दो अनारक्षित टिकट काउंटर है। लिहाजा यात्रियों को टिकट लेने के लिए घंटों कतार में खड़ा होकर इंतजार करना पड़ता है। इसके बावजूद भी दर्जनों ऐसे यात्री है जो टिकट लेने से वंचित हो जाते हैं और ज्यादा समय लगने के कारण अपनी यात्रा स्थगित भी कर देते हैं। स्टेशन सुपरिटेंडेंट के अनुसार इस जंक्शन पर 5 आरक्षित टिकट काउंटर और एक सीनियर सिटीजन दिव्यांग जनों और महिलाओं के लिए काउंटर होने चाहिए। लेकिन टिकट काउंटर की व्यवस्था नहीं होने के कारण एक ही आरक्षित काउंटर पर सभी आयु वर्ग के लोग कतार में खड़े होकर टिकट लेने के लिए मशक्कत करते रहते हैं। चाहे वरिष्ठ नागरिक हो दिव्यांगजन हो या महिलाएं सभी को सामान्य टिकट काउंटर पर ही कतार में लगना होता है।
वहीं टिकट लेने आए वरिष्ठ नागरिक चितवन सिंह और युवा यात्री डॉक्टर भाग नारायण चौधरी ने बताया कि रेल विभाग की उदासीनता के कारण यह जंक्शन आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। वर्षों से सीनियर सिटीजन दिव्यांग जनों और महिलाओं के लिए अलग से टिकट काउंटर की मांग की जा रही है। लेकिन इस मांग पर अब तक ध्यान नहीं दिया गया है। लिहाजा एक ही काउंटर पर सभी तरह के यात्री टिकट के लिए कतार में खड़े होकर अपनी बारी की प्रतीक्षा करते रहते हैं। आए दिन यात्रियों को टिकट लेने के चक्कर में ट्रेनें भी छूट जाती है।
बाइट 1. चितवन सिंह। वरिष्ठ यात्री। काला बंडी में।
बाइट 2. डॉक्टर भाग्य नारायण सिंह। यात्री। Conclusion: इस संबंध में पूछे जाने पर सीतामढ़ी के सांसद सुनील कुमार पिंटू ने बताया कि वरिष्ठ नागरिक दिव्यांग जनों और महिलाओं के लिए अलग से टिकट काउंटर बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। रेल मंडल की ओर से इसके लिए स्वीकृति भी मिल चुकी है। लेकिन अब तक काउंटर शुरू करने की दिशा में कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है। जल्द ही इस समस्या का समाधान कर लिया जाएगा।
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