ETV Bharat / state

जानिए, क्यों आज भी महिलाएं गीत गा कर देती हैं प्रभु श्री राम को गालियां

author img

By

Published : Aug 1, 2020, 7:05 PM IST

Updated : Aug 29, 2020, 3:25 PM IST

माता सीता सीतामढ़ी में ही प्रकट हुई थी और इसे उनकी जन्मस्थली कहा जाता है. जिससे यहां के लोग भगवान श्री राम को अपना जीजा मानते हैं.

sitamarhi
sitamarhi

सीतामढ़ीः त्रेता काल से ही श्री राम जन्मभूमि अयोध्या और मां जगत जननी जानकी जन्मभूमि सीतामढ़ी यानी मिथिला का अटूट संबंध कायम है. संपूर्ण मिथिला क्षेत्र भगवान श्रीराम का ससुराल कहा जाता है. इसलिए मिथिलावासी भगवान श्री राम को अपना जीजा यानी पाहुन मानते हैं. जिससे शादी विवाह के आयोजनों पर भगवान श्री राम के ऊपर गालियों वाला गायन प्रस्तुत किया जाता है. यह परंपरा त्रेता युग से चली आ रही है जो द्वापर युग के बाद कलयुग में भी जारी है.

भगवान श्री राम के विवाह की कथा
कथाओं के अनुसार त्रेता काल में मिथिला के राजा जनक ने माता सीता के स्वंयवर का आयोजन किया था. शर्त यह रखी गई थी कि जो भी भगवान शिव का घनुष उठा लेगा उसी को माता सीता वरेंगी. जिसमें भगवान श्री राम ने पहुंचकर शिव जी का धनुष तोड़ दिया और माता सीता के साथ विवाह सूत्र में बंध गए. तब से मिथिलांचल और अयोध्या का अटूट रिश्ता कायम है.

देखें रिपोर्ट

निभाई जाती है परंपरा
हर साल विवाह पंचमी के अवसर पर अयोध्या से चलकर बारात सीतामढ़ी और जनकपुर पहुंचती है. उस बारात में शामिल अयोध्या वासियों को मिथिला की महिलाएं गालियां देती हैं जो राजा रामचंद्र जी के शादी के दौरान बारातियों को दिए गए थे. इसके अलावा अन्य धार्मिक आयोजनों पर भी भगवान श्री राम और जगत जननी मां जानकी के नाम से गायन प्रस्तुत किया जाता है जो बेहद ही मनमोहक होते हैं.

sitamarhi
गीत गाती महिलाएं

जीजा साले का रिश्ता
मां जगत जननी जानकी की जन्म स्थली के प्रधान पुजारी त्रिलोकी दास और शास्त्री भवेश झा ने बताया कि अयोध्या और मिथिला का जीजा और साले का रिश्ता है. जिससे मिथिलांचल की महिलाएं आज भी विवाह समारोह के दौरान भगवान श्री राम के ऊपर गालियां देते हुए गाना गाती है. उन्होंने बताया कि हर साल यह परंपरा निभाई जाती है.

sitamarhi
मां जानकी मंदिर की प्रतिमा

मंदिर निर्माण से खुश हैं जिलेवासी
5 अगस्त को राम जन्मभूमि अयोध्या में रामलला मंदिर के निर्माण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन करेंगे. इसको लेकर मां जगत जननी जानकी जन्मस्थली सीतामढ़ी में काफी खुशी देखी जा रही है. मिथिला की महिलाओं ने कहा कि प्रभु श्री राम मिथिला के जीजा हैं और उनके लिए मंदिर निर्माण हो रहा है. इससे ज्यादा खुशी की बात और क्या हो सकती है कि मंदिर में जीजा श्री राम के साथ बहन जानकी का भी निवास होगा.

sitamarhi
माता सीता की पालकी

मनाया जाएगा दीपोत्सव
महिलाओं ने बताया कि हमलोगों को राम मंदिर के निर्माण का बरसों से इंतजार था इसलिए 5 अगस्त की शाम को संपूर्ण जिले में दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा. साथ ही भगवान श्री राम और माता सीता से जुड़े गायन प्रस्तुत किए जाएंगे. मंदिरों में भजन-कीर्तन का आयोजन होगा. हालांकि लॉकडाउन और बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर भव्य रुप से कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा सकेगा जिसका जिलेवासियों को मलाल है.

sitamarhi
मां जानकी स्थल

माता सीता के जन्म की कहानी
कथाओं के अनुसार अनावृष्टि के कारण जिले में अकाल की स्थिति पैदा हो गई थी. तब महर्षियों और साधुओं ने यहां यज्ञ का आयोजन किया. यज्ञ भूमि पर सोने का हल चलाने के लिए राजा जनक सीतामढ़ी के हलेश्वर स्थान से चले तो एक घड़े से हल का आगे का भाग सटा और उसी से सीता प्रकट हुईं. मुजफ्फरपुर-रक्सौल रेलखंड पर स्थित सीतामढ़ी का नाम माता सीता के यहां प्रकट होने के कारण ही पड़ा.

Last Updated :Aug 29, 2020, 3:25 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.