सारण जहरीली शराबकांड: RJD विधायकों की जांच टीम पहुंची मकेर, मृतकों के परिजनों से की मुलाकात

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Published : Aug 6, 2022, 10:30 PM IST

Updated : Aug 6, 2022, 10:51 PM IST

पीड़ित के परिजनों से मिले राजद विधायक

सारण में जहरीली शराबकांड मामला (Poisonous Liquor Case In Saran) तूल पकड़ता जा रहा है. राष्ट्रीय जनता दल इस मामले को लेकर सरकार को घेरने में लगी है. इसको लेकर राजद की आठ सदस्यीय जांच टीम मकेर पहुंची. राजद विधायकों की जांच टीम का नेतृत्व सोनपुर विधायक डॉ. रामानुज प्रसाद कर रहे थे. उन्होंने पीड़ित परिजनों से मुलाकात की और उनको सरकार से 20-20 लाख रुपए देने की मांग की.

छपरा: बिहार के सारण में जहरीली शराब पीने से मौत (Death to Drinking Spurious Liquor In Saran) मामले में सियासत चरम पर है. विपक्षी पार्टियां सारण जहरीली शराब कांड (Saran Hooch tragedy) में सरकार को (RJD MLA Target CM Nitish Kumar) घेर रही है. इसके साथ ही बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर सरकार से सवाल पूछ रही है कि राज्य में ये कैसी मद्य निषेध कानून लागू हुआ है कि लोग जहरीली शराब पीकर मर रहे हैं. बताया जा रहा है कि जिले के मकेर थाना क्षेत्र के फुलवरिया भाथा नोनिया टोली में जहरीली शराब पीने से हुई लोगों की मौत के बाद शनिवार को राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की आठ सदस्यीय टीम प्रभावित गांव में जांच करने पहुंची.

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राजद की जांच टीम मकेर पहुंची : राजद की आठ सदस्यीय जांच दल के नेताओं ने गांव पहुंचकर लोगों से बात की और पीड़ितों से मिलकर पूरे मामले की जानकारी ली. मृतकों के परिजनों से मिलने के बाद राजद की जांच टीम अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी और फिर उसे पार्टी प्रमुख को सौंपेगी. इस जांच टीम का नेतृत्व कर रहे सोनपुर विधायक डॉ. रामानुज प्रसाद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने शराबबंदी के नियम और कानून पर फिर से समीक्षा करने की मांग करते हुए कहा कि मृतक के परिजनों को सरकार 20-20 लाख रुपए की मुआवाज और सरकारी नौकरी दे. शराबबंदी कानून असफल है या साजिश है. शराबबंदी के बाद पूरे बिहार में जहरीली शराब पीकर गरीब लोग मर रहे है. तो यह दर्शाता है कि कहीं न कहीं साजिशन शराब बंदी की नीति लादा गया है.

'शराब बंदी के नाम पर शराब माफिया, पुलिस प्रशासन और सरकार में बैठे लोग माला-माल हो रहे हैंं जबकि जहरीली शराब पीकर लोग मर रहे हैं. पूरे बिहार में कहीं भी शराबबंदी नहीं है. प्रशासन और माफिया मिलीभगत से आसानी से शराब घर-घर पहुंचा रहे है. शराबबंदी नही, बल्कि वाइन को बेड डिलीवरी करने का दौर चल रहा है. वहीं जांच टीम में विधायक केदार सिंह, विधायक छोटेलाल राय, विधायक जितेन्द्र कुमार राय, विधायक सुरेन्द्र राम, विधायक श्रीकांत यादव, राजद जिलाध्यक्ष सुनील कुमार राय शामिल थे.' - डॉ. रामानुज प्रसाद, राजद विधायक

सारण में जहरीली शराब पीने से 11 लोगों की मौत : गौरतलब है कि बिहार में छपरा के मकेर और भेल्दी में जहरीली शराब पीने से 11 लोगों की मौत मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है. सारण एसपी संतोष कुमार (Saran SP Santosh Kumar) ने बताया कि मकेर थानेदार नीरज कुमार मिश्रा और चौकीदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित (SHO and Chowkidaar suspended in Chapra) कर दिया है और किशोरी चौधरी को मकेर का नया थानेदार बनाया गया है. वहीं, पुलिस ने शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने के आरोप में 90 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है.

बिहार में शराबबंदी कानून लागू : बता दें कि 5 अप्रैल 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) के बावजूद भी बिहार में शराबबंदी कानून पूर्ण रूप से लागू नहीं हो पा रहा है. इस कारण से जहरीली शराब से लगातार बिहार के विभिन्न जिलों में लोगों की मौत हो रही है. सवाल यह उठ रहा है कि आखिर जहरीली शराब से हो रही मौत का जिम्मेदार कौन है. क्या वह शराब माफिया जो जहरीली शराब बेच रहे हैं या वह प्रशासन जिनकी मिलीभगत से शराब जिलों में बेची जा रही है. ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि जहरीली शराब से मौत का जिम्मेदार सिर्फ चौकीदार या थाना प्रभारी कैसे हो सकता है.

Last Updated :Aug 6, 2022, 10:51 PM IST
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