सारण(मांझी): जिले के उत्क्रमित मध्य विद्यालय सलेमपुर के परिसर में तीन दिनों से पड़े बीमार विक्षिप्त की मौत हो गई. इलाज के अभाव में विक्षिप्त ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया. पूर्व जिला परिषद सदस्य धर्मेन्द्र सिंह समाज और मांझी थानाध्यक्ष ओमप्रकाश चौहान के आग्रह पर भी मांझी स्वास्थ्य प्रशासन ने नोटिस नहीं ली. मानवीय संवेदना उस वक्त तार-तार हो गई, जब मृत विक्षिप्त व्यक्ति के शव को नोंच-नोंच कर कर खा रहे कुत्तों को ग्रामीणों ने भगाया. सूचना पाकर रविवार की सुबह पहुंचे मांझी थानाध्यक्ष की देखरेख में जेसीबी के सहारे क्षत विक्षत शव को दफना दिया गया.
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थानाध्यक्ष ने भी चिकित्सा पदाधिकारी को फोन करके एम्बुलेंस के सहारे बीमार विक्षिप्त को इलाज हेतु पीएचसी में एडमिट कराने का अनुरोध किया था. मगर स्वास्थ्य प्रशासन ने उनके आग्रह को भी गम्भीरता से नही लिया. अंततः शनिवार की रात बीमार विक्षिप्त ने विद्यालय कैम्पस में हीं दम तोड़ दिया.
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ग्रामीणों ने शव का पोस्टमार्टम कराने का आग्रह भी किया, लेकिन पुलिस ने मृतक के कोरोना संक्रमित होने की आशंका के मद्देनजर पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया. मानवता को झकझोर देने वाली इस घटना से नाराज ग्रामीणों ने छपरा के सिविल सर्जन को फोन कर मांझी पीएचसी कर्मियों पर संवेदन हीनता का आरोप लगाया. बाद में थानाध्यक्ष के समझाने बुझाने के बाद ग्रामीण शव को दफनाने पर राजी हो गए. उसके बाद पुलिस ने जेसीबी की सहायता से क्षत- विक्षत शव को पास की ही सरकारी जमीन में दफना दिया.