अब ड्रोन से खेतों में होगा कीटनाशक का छिड़काव, पूसा कृषि विश्वविद्यालय में चल रहा है रिसर्च

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Published : Jan 22, 2020, 9:56 AM IST

Updated : Jan 22, 2020, 4:14 PM IST

samastipur

नई तकनीक को लेकर केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कुलपति ने कहा कि कोशिश हो रही है कि ड्रोन के जरिए कीटनाशक का छिड़काव हो सके. इसे लेकर अभी शुरुआती अनुसंधान चल रहा है.

समस्तीपुरः राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा खेती की नई तकनीक के जरिए किसानों को बेहतर सुविधा और आमदनी का जरिया देने में जुटा है. इसके लिए केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय अब खेती में ड्रोन की मदद लेने जा रहा है. खास बात ये है कि इस हाईटेक तकनीक से कई एकड़ की फसलों में आसानी से कीटनाशक आदि का छिड़काव संभव होगा.

ड्रोन के जरिए कीटनाशक का छिड़काव
जानकारी के अनुसार अनुसंधान पूरा होने के बाद ये ड्रोन किसानों को भी उपलब्ध कराया जाएगा. यूनिवर्सिटी सूत्रों के अनुसार भविष्य में ये ड्रोन किसानों को प्रति एकड़ 300 से 400 रुपये तक में उपलब्ध होगा. नई तकनीक को लेकर केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के कुलपति ने कहा कि कोशिश हो रही है कि ड्रोन के जरिए कीटनाशक का छिड़काव हो सके. इसे लेकर अभी शुरुआती अनुसंधान चल रहा है.

ड्रोन की मदद से खेतों में होगा कीटनाशक का छिड़काव

10 लीटर घोल लेकर उड़ने में सक्षम ड्रोन
दरअसल खेतों में दवा आदि के छिड़काव में अब ड्रोन की मदद ली जाएगी. यही नहीं इसके मदद से किसी फसल से जुड़ी जानकारी भी किसानों को उपलब्ध हो जाएगी. इस नए तकनीक से एक दिन में 25 से 30 एकड़ फसलों में दवा का छिड़काव किया जा सकता है. साथ ही ये ड्रोन 10 लीटर घोल लेकर उड़ने में सक्षम होगा. अगर ये प्रयोग सफल होता है तो किसानों के लिए काफी सहायक होगा.

Intro:ओपनिंग पीटीसी ---

राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्विद्यालय अब खेती में ड्रोन का मदद लेने जा रहा । खासबात इस हाईटेक तकनीक का यह होगा की , इसके जरिये एकड़ के एकड़ फसलों में आसानी से दवा आदि का छिड़काव संभव होगा। जानकारी के अनुसार , पूरे अनुसंधान के बाद यह किसानों को भी उपलब्ध कराया जायेगा ।


Body:कृषि को नए तकनीक के जरिये किसानों को सुविधा व बेहतर आमदनी का जरिया तलाशने में जुटा है केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा। दरअसल जानकारी के अनुसार , कई कई एकड़ में फैले खेतों में दवा आदि के छिड़काव में अब ड्रोन का मदद लिया जायेगा । यही नही इसके मदद से किसी भी फसल से जुड़ी जानकारी भी उपलब्ध हो पायेगा । खासबात इस नए तकनीक का यह है की , यह एक दिन में 25 से 30 एकड़ फसलों में दवा छिड़काव कर सकता है । साथ ही यह ड्रोन 10 लीटर घोल लेकर उड़ने में सक्षम होगा । यूनिवर्सिटी सूत्रों के अनुसार , भविष्य में यह ड्रोन किसानों को प्रति एकड़ 300 से 400 रुपये तक उपलब्ध होगा । वैसे इस नई तकनीक को लेकर इस विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा की , अभी इसको लेकर शुरुआती अनुसंधान चल रहा , इससे जुड़े जानकर इसमें जुटे हैं ।

बाईट - डॉ आर सी श्रीवास्तव , कुलपति , केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय , पूसा ।


Conclusion:गौरतलब है की , केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा नए अनुसंधान में लगातार जुटा है। वैसे अगर यह सफल होता है तो , किसानों के लिए यह काफी सहायक होगा ।

क्लोजिंग पीटीसी ।
Last Updated :Jan 22, 2020, 4:14 PM IST
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