रोहतास: हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के जन्म जयंती के मौके पर पूरा देश 29 अगस्त को खेल दिवस के रूप में मनाता है. इस मौके पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सरकार द्वारा पुरस्कृत भी किया जाता है. रोहतास में कई गुदड़ी के लाल ने अपने खेल प्रतिभा के दम पर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बना ली है.
आईपीएल में हुआ चयन
रोहतास के शिवसागर थाना क्षेत्र के बड्डी गांव की पगडंडियों से निकलकर आकाशदीप ने आईपीएल तक का सफर किया है. आकाशदीप राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलने वाले रोहतास के इकलौते खिलाड़ी हैं. इससे पहले अकाशदीप बंगाल की तरफ से रणजी खेल चुके हैं. आकाश के आईपीएल में चयन के बाद जिले में खुशी का माहौल है.
अनोखा है एकलव्य प्रशिक्षण केंद्र
जिला मुख्यालय सासाराम में बिहार सरकार द्वारा एकलव्य खेल प्रशिक्षण केंद्र चलाया जा रहा है. यहां बच्चे को मुफ्त में रहने के अलावा खाने-पीने और कपड़े तक का इंतजाम सरकार द्वारा किया जाता है. जहां बच्चे को कड़ी मेहनत के बाद जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक खेलने का मौका मिलता है. छोटी सी जगह होने के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों से निकलकर बच्चे अपने खेल के प्रतिभा के दम पर देश के कोने-कोने में अपना परचम लहरा रहे हैं.
कई खिलाड़ी जीत चुके हैं गोल्ड मेडल
रोहतास में फुटबॉल, बास्केटबॉल, बैडमिंटन और एथलेटिक के कई खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल अपने नाम किया है. शिवसागर थाना क्षेत्र के सोहर गांव निवासी दिव्य दंपति ने भी राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल अपने नाम कर रोहतास का नाम देश-प्रदेश में रोशन किया है.
लड़कियां बना रही है अलग मुकाम
रोहतास जिले में खेल के मैदान में लड़कियां भी कम नहीं है. आलमपुर गांव निवासी सिद्धि कुमारी कबड्डी के मैदान में अपने प्रतिद्वंदी को बचाते हुए राष्ट्रीय स्तर तक का सफर तय किया है. इस दौरान कबड्डी के मैदान में कई गोल्ड मेडल भी अपने नाम किया. मुस्लिम लड़कियां जहां खेल क्षेत्र में काफी कम दिलचस्पी रखती हैं. वहीं इस धारणा को तोड़ते हुए नाबिल खातून जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक हॉकी टूर्नामेंट में अपने खेल का बेहतर प्रदर्शन कर चुकी हैं.
ग्रामीण क्षेत्र निवासी खिलाड़ियों ने जीता मेडल
ग्रामीण क्षेत्र निवासी रितेश कुमार ने लॉन्ग जंप के मैदान में गोल्ड मेडल अपने नामकर अपने जिले का नाम रोशन किया. इन सब के सपोर्ट के लिए एकलव्य खेल प्रशिक्षण के छात्रावास अधीक्षक अपना सहयोग देते हैं. एकलव्य सेंटर पर 14 साल से नीचे के बच्चों का नामांकन होता है. जहां उन्हें रहने और खाने की पूरी व्यवस्था की जाती है. जिस वजह से रोहतास जिले के लाल खेल की दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं.