रोहतास: बिहार के रोहतास में बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन के आह्वान पर जिले भर की आंगनवाड़ी सेविका और सहायिकाएं आज 9 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रही हैं. इस बाबत आंगनबाड़ी की सेविका और सहायिकाओं की एक डेलिगेशन ने रोहतास के डीएम नवीन कुमार से मिलकर उन्हें लिखित जानकारी दी है.
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सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप: दअरसल जानकारी देते हुए जिलाध्यक्ष कुमारी संध्या और उप सचिव उषा देवी ने बताया कि उनकी 8 प्रमुख मांगे हैं जिस पर सरकार अड़ियल रुख अपनाए हुए है. उन्होंने बताया कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन की सरकार द्वारा अपने घोषणा पत्र में सरकार बनने पर आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के मानदेय को दुगना करने का वादा किया गया था. जिसे सरकार बनने के बाद उन्हें धोखा देकर बरगला दिया गया है.
"सरकार की गलत नीतियों से तंग आकर संयुक्त संघर्ष समिति ने अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. विभागीय निर्देश के मुताबिक सभी सेविका से सिर्फ चार घंटे ही काम लेना है लेकिन दबाव बनाकर उनसे 24 घंटे का काम लिया जाता है." -संध्या कुमारी, जिलाध्यक्ष
प्रमुख है आठ सूत्री मांग: उन्होंने आरोप लगाया कि उनके मानदेय पिछले 5 महीने से बकाया हैं. वहीं अन्नप्राशन, गोद भराई, मोबाइल रिचार्ज पिछले 1 साल से नहीं मिला है. सरकार एक मजदूर का भी मजदूरी नहीं दे रही है जो उनके साथ अन्याय है. वादा खिलाफी के विरोध में जिले भर की आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाओं ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. जिनमें आठ सूत्री मांगे प्रमुख है. सरकार अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो निश्चित तौर पर अनिश्चितकालीन आंदोलन करने को बाध्य होंगी.
"आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं को लेकर सरकार दोहरी नीति अपना रही है. टोला सेवकों व विकास मित्र के वेतन में वृद्धि कर दी गई है लेकिन सरकार की आंखों की किरकिरी सिर्फ और सिर्फ आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाएं बनी है. किसी भी कीमत पर अपनी मांगे मानवाने को लेकर सरकार को बाध्य कर देंगे." - उषा देवी, उप सचिव