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सलेहा खातून हत्याकांड, बिक्रमगंज के पूर्व विधायक सूर्यदेव सिंह और पत्नी को उम्रकैद

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Published : Jul 7, 2022, 5:20 PM IST

Updated : Jul 7, 2022, 5:37 PM IST

पूर्व विधायक सूर्यदेव सिंह तथा उनकी पत्नी कुसुम देवी
पूर्व विधायक सूर्यदेव सिंह तथा उनकी पत्नी कुसुम देवी

2017 सलेहा खातून हत्याकांड में बिक्रमगंज के पूर्व विधायक सूर्यदेव सिंह (Bikramganj Former MLA Suryadev Singh) और पत्नी को सासाराम कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है. पूर्व विधायक और उनकी पत्नी को जमीन एक टुकड़े पर कब्जे के दौरान फायरिंग में बच्ची की मौत और बवाल के लिए दोषी पाया गया है. पूर्व विधायक वाम दल, राजद और जदयू भी में रह चुके हैं. पढ़ें पूरी खबर..

रोहतासः बिहार के रोहतास में बिक्रमगंज के पूर्व विधायक सूर्यदेव सिंह तथा उनकी पत्नी कुसुम देवी को (MLA Suryadev Singh And wife Got Life Imprisonment) हत्या के मामले में सासाराम कोर्ट में उम्र कैद की सजा सुनाई (Life Imprisonment In Saleha Khatoon murder case) है. साथ ही 60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. बता दें कि वर्ष 2017 में बिक्रमगंज के तेंदुनी में सलेहा खातून नामक एक बच्ची की हत्या हुई थी. हत्याकांड में वादी मुन्ना कुमार ने मामला दर्ज कराया था. इस मामले में एडीजे-3 के अदालत ने पूर्व विधायक सूर्यदेव सिंह और उनकी पत्नी को उम्र कैद की सजा सुनाई है.

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''विक्रमगंज के पूर्व विधायक को सांसद और विधायक लिए गठित विशेष कोर्ट एडीजे-3 के यहां 2017 के मामले में यहां ट्रायल चल रहा था. मामले में पूर्व विधायक और उनकी पत्नी को उम्र कैद और जुर्माना किया गया है. गोलीबाड़ी और हंगामे के दौरान कई बच्चियां घायल हुई थी और एक की मौत हुई थी. इसी मामले में पूर्व विधायक को सज हुई है.'' -लक्ष्मण सिंह, अपर लोक अभियोजक, सासाराम कोर्ट

क्या है मामलाः बता दें कि आपसी रंजिश में पूर्व विधायक पर फायरिंग का आरोप था. इस मामले में पूर्व विधायक और उनकी पत्नी को दोषी करार दी गई थी, जिसके बाद सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए एडीजे-3 राजेश कुमार बच्चन की कोर्ट ने मामले में अन्य 3 आरोपियों को रिहा कर दिया, जबकि विधायक एवं उनकी पत्नी को उम्र कैद की सजा सुनाई. पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता लक्ष्मण सिंह ने बताया कि बिक्रमगंज थाना में 2017 मामला दर्ज हुआ था, जिसमें आज सजा सुनाई गई है. बता दें कि सांसद और विधायक के लिए विशेष कोर्ट ADJ-3 (Special Court for MP and MLA) का गठन किया गया है.
पुलिस टीम पर भी हुआ था पथरावः जमीन के छोटे से टुकड़े पर कब्जे को लेकर सूर्यदेव सिंह पर हत्याकांड को अंजाम देने का आरोप है. विवादित जमीन पर दरवाजे लगने का काम शुरू हुआ तो पूर्व विधायक सुखदेव सिंह गोलीबारी पर उतारू हो गए. वहीं घटना के बाद दहशत के बीच इधर-उधर भाग खड़े हुए. जैसे ही पता चला कि पूर्व विधायक द्वारा चलाई गई. गोलियों से घायल सहेला खातून नामक बच्ची की मौत हो गई. इसके बाद भीड़ बेकाबू हो उठी. मामले को शांत करने पहुंची बिक्रमगंज पुलिस को पथराव का सामना करना पड़ा. कुछ पुलिसवाले घायल भी हुए थे. 24 घंटे तक स्थिति बेहद तनावपूर्ण रही. बड़ी मुश्किल से पूर्व विधायक और उनके कुछ लोगों को एसपी ने घर से गिरफ्तार किया था. मौके से तीन राइफल और आधा दर्जन कारतूस भी बरामद किया गया था.


जेडीयू ने पार्टी से किया था निलंबितः मिली जानकारी के मुताबिक 1990 में वामदलों के संगठन से चुनाव लड़कर बिक्रमगंज का विधायक बनने वाले सूर्यदेव सिंह बीच में ही पार्टी बदल कर राजद में शामिल हो गए थे. 1995 में कराए गए विधानसभा चुनाव में राजद की टिकट पर जीत कर सदन में पहुंचे थे. जब 2005 में राजद सरकार से बाहर हो गई तो सूर्य देव सिंह ने जदयू का दामन थाम लिया. उसके बाद से सत्ताधारी जदयू में बने रहे. 2 अप्रैल 2017 को सूर्य देव देव सिंह ने मासूमों पर अंधाधुंध फायरिंग की तो पार्टी ने नाराज होकर उन्हें निलंबित कर दिया उसके बाद उनकी राजनीति गतिविधियां लगभग ठप सी हो गई थी.

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Last Updated :Jul 7, 2022, 5:37 PM IST
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