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दलालों के झांसे में आना पड़ा भारी, अस्पताल में जच्चा और बच्चा की मौत, डॉक्टर फरार

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Published : Jul 20, 2019, 12:28 PM IST

मृत जच्चा-बच्चा

दलालों ने बेहतर इलाज का आश्वासन दिया था. जिसके कारण कारण उसके जाल में फंस गए. इलाज के नाम पर 30 हजार रुपया ऐंठ लिया गया. नर्स की गलती के कारण जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई.

पूर्णिया: जिले के सदर अस्पताल में मेडिकल दलालों का बोलबाला है. इसका खामियाजा एक प्रसूता और नवजात शिशु को जान गंवाकर भुगतना पड़ा. सदर अस्पताल में दलालों की सक्रियता से अस्पताल प्रशासन पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं.

मृतका और नन्हें मासूम की मौत ने जिले में हावी दलालों की सक्रियता को उजागर कर दिया है. जच्चा-बच्चा की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन की सुरक्षा और अस्पताल में दलालों की सक्रियता पर सवालिया निशान लग रहे हैं.

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परिजन

डॉक्टरों ने भागलपुर किया रेफर
परिजन ने बताया कि तेज दर्द के बाद प्रसूता को सदर अस्पताल में गर्भपात के लिए लाया गया था. जहां डॉक्टरों ने प्रसूता की नाजुक स्थिति देख कुछ ही देर बाद भागलपुर सदर अस्पताल रेफर कर दिया. मौके की तलाश में बैठे दलाल ने प्रसूता के परिवार को जाल में फंसाने में कामयाब हो गए.

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सिविल सर्जन

बच्चे को कार्टन में बंद कर हुआ फरार
परिजन के मुताबिक प्रसूता को ले जाने के लिए कोई एम्बुलेंस नहीं था. दो घंटे तक इंजतार करते रहे. बिगड़ते हालत को देख आस-पास के अस्पताल की तरफ रूख करना पड़ा. इसी दौरान दलालों के चक्कर में पड़ गए. दलालों ने बेहतर इलाज का आश्वासन दिया था. जिसके कारण कारण उसके जाल में फंस गए. हालांकि इस बात का एहसास होते ही लाइन बाजार स्थित एक निजी क्लीनिक में भर्ती कराया. लेकिन इस क्लीनिक के डॉक्टर भी फर्जी थे. इलाज के नाम पर 30 हजार रुपया ऐंठ लिया गया. नर्स की गलती के कारण जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई. प्रसूता को बेड पर और मृतक बच्चे को कार्टून में बंद कर दोनों मौके से फरार हो गए.

जच्चा-बच्चा की मौत

सिविल सर्जन ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
फिलहाल पुलिस डॉक्टरों की धर-पकड़ में जुट गई है. सीएस डॉक्टर मधुसूदन प्रसाद ने बताया कि फर्जी डॉक्टरों पर कार्रवाई की जायेगी. घटना निंदनीय है, मामले की पूरी जानकारी मिली है. पीड़ित परिवार की ओर शिकायत दर्ज करवाने के बाद कार्रवाई की जाएगी.

Intro:आकाश कुमार (पूर्णिया)

जिले के सदर अस्पताल में मेडिकल दलालों का किस कदर बोलबाला है इसकी एक बानगी आज देखने को मिली। जहां दलालों की बातों में आने का खामियाजा एक प्रसूता और उसके बच्चे को जान गंवा कर भुगतना पड़ा। बताया जाता है कि प्रसूता गर्भपात के लिहाज से काफी कमजोर थी। इसके बाद ही सदर अस्पताल ने प्रसूता को भागलपुर रेफर किया था। इसी दौरान प्रसूता का परिवार एक दलाल के चिकनी -चुपड़ी बातों में आ गया। जिसके बाद जच्चा और बच्चा दोनों की जान चली गयी।




Body:वहीं मृतका व नन्हें मासूम की मौत ने एक बार फिर जिले में हावी दलालों की सक्रियता को उजागर कर दिया है। वहीं मौत के आगोश में लेटी मां और नन्हीं सी जान ने अस्पताल प्रबंधन की सुरक्षा व सक्रियता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं मृतक प्रसूता का नाम प्रियंका कुमारी बताई जा रही है। जो बड़हरा कोठी प्रखंड की रहने वाली थी।




बताया जाता है कि तेज दर्द के बाद प्रसूता को आज सदर अस्पताल में गर्भपात के लिए लाया गया था। जहां सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने प्रसूता की नाजुक स्थिति को देखते हुए कुछ ही देर बाद भागलपुर सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया था। बताया जाता है कि इस तरह के मामलों को ले पहले से कुछ दलाल प्रसूता के परिवार को बेहतर इलाज के नाम पर जाल में फंसाने को घात लगाए बैठे थे। लिहाजा मौका मिलते ही दलालों ने सदर अस्पताल में एंट्री मारी और प्रसूता के परिवार को अपनी जाल में फांसने में कामयाब हुए।



परिजनों की मानें तो दलालों ने पहले तो इन्हें बेहतर इलाज का आश्वासन देकर अपनी चिकनी -चुपड़ी बातों में फंसाया। लिहाजा जैसे ही उन्हें प्रसूता के परिजनों की इनके बिछाए जाल में फंसने का एहसास हुआ। मौका पाकर लाइन बाजार स्थित एक निजी क्लीनिक में ले गए। जो किसी एएनएम नर्स का एक फ़र्जरी क्लीनिक था। लिहाजा इलाज के नाम पर दलाल व नर्स नर्स को इलाज के नाम पर बसूले गए 30 हजार रुपये हाथ लगे। और जैसे ही इस नर्स की गलती के कारण जच्चा और बच्चा दोनों की जान गई। प्रसूता को बेड पर और नन्हीं सी जान को कार्टून में बंद कर दलाल और नर्स फर्जी नर्सिंग होम के पिछले दरबाजे से भाग निकले।


फिलहाल पुलिस जहां डॉक्टरों की धड़-पकड़ में जुट गई है। वहीं सदर अस्पताल के सीएस डॉक्टर मधुसूदन प्रसाद ने ऐसे फर्जी डॉक्टरों पर कार्रवाई की बात कहते हुए कहा कि हमें इस निंदनीय मामले की पूरी जानकारी है। लिहाजा पीड़ित परिवार की ओर से जैसे ही शिकायत दर्ज करवाई जाती है। मेरी ओर से ऐसे दलालों व फर्जी नर्सों पर कार्रवाई में देरी नहीं होगी।


Conclusion:
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