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अभी भी बिहार के 16 जिलों में गूंज रहा 'लाल सलाम'! कब मिटेगा नामो निशान?

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Published : Nov 26, 2020, 7:31 PM IST

बिहार में नक्सली
बिहार में नक्सली

बिहार में नक्सलवाद की जड़ें कमजोर जरूर हुई हैं. लेकिन इसका खात्मा पूरी तरह नहीं हुआ है. आज भी प्रदेश के 16 जिलों में 'लाल सलाम' गूंज रहा है. पढ़ें ये खबर...

पटना: 1967 में पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के नक्सलबाड़ी गांव से शुरू हुआ 'लाल सलाम' नक्सलवादी के नाम से जाना जाने लगा. नक्सलवादी संगठनों ने जैसे-जैसे अपने पांव पसारे, इनकी हिंसा की घटनाएं बढ़ने लगी. बंगाल से सटे बिहार के कई जिलों में लाल सलाम का नारा गूंजने लगा. हालात ऐसे हो गए कि लाल रंग का आतंक बिहार में भी दिखने लगा. ऐसे में सरकार के सामने नक्सलियों पर लगाम लगाने की एक और चुनौती खड़ी हो गई.

बिहार जहां अपराध चरम सीमा पर है, वहां नक्सली एक्टिविटी पर रोक लगाने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है. वैसे बिहार के 7 जिलों को नक्सल मुक्त घोषित किया जा चुका है. इन जिलों में पटना, शिवहर, सीतामढ़ी, भोजपुर, बगहा (पुलिस जिला), खगडिया और बेगूसराय हैं. लेकिन अभी भी कई जिलों में नक्सलियों का साया बना हुआ है. इन जिलों में अरवल, औरंगाबाद, बांका, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गया, जमुई, जहानाबाद, कैमूर, लखीसराय, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा, नवादा, रोहतास और वैशाली हैं.

देखें, खास रिपोर्ट

दो घंटे पहले ही खत्म कर दिया गया मतदान
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकार की किसी भी योजनाओं को पहुंचाने में जिला प्रशासन को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. हालात ऐसे हैं कि हाल ही में संपन्न हुए बिहार विधानसभा चुनावों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती करवायी गई और यहां चुनाव तय समय सीमा के दो घंटे पहले ही संपन्न कराए गये. चुनाव के समय बिहार में नक्सलियों की कई बड़ी साजिशों को नाकाम कर दिया गया. गया से जहां एक कैन बम की बरमदगी हुई. तो वहीं, जमुई से नक्सलियों के नापाक मंसूबों पर पानी फिर गया.

बगहा पुलिस जिले में शामिल है ((Etv भारत gfx)
बगहा पुलिस जिले में शामिल है ((Etv भारत gfx)

22 नवंबर : 10 लाख का इनामी नक्सली ढेर
नक्सलियों की धरपकड़ के लिए प्रदेश में सीआरपीएफ, एसएसबी और बिहार पुलिस संयुक्त रूप से छापेमारी अभियान अनवरत चलाती रही है. इसी का नतीजा है कि 22 नवंबर को 10 लाख का इनामी नक्सली जोनल कमांडर आलोक यादव और उसके तीन साथी मार गिराए गये.

20 सालों और बिहार में नक्सलवाद

  • बिहार में साल 2000 से अब तक कुल 431 नक्सलियों ने सरेंडर किया है.
  • नक्सिलयों ने हत्या की कुल 450 वारदातों को अंजाम दिया है.
  • कुल 2 हजार 527 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया.

5वें नंबर पर बिहार

(Etv भारत gfx)
(Etv भारत gfx)
वैसे बिहार में नक्सल एक्टिविटी में गिरावट आई है. झारखंड छत्तीसगढ़, उड़ीसा और महाराष्ट्र के बाद बिहार पांचवे नंबर पर है. पहले प्रदेश तीसरे नंबर पर हुआ करता था. बिहार सरकार और केंद्र सरकार नक्सलियों से निपटने के लिए कई प्रभावी कदम उठा रही है.

केंद्र सरकार की ओर से 'समाधान' नाम से एक कार्ययोजना की शुरूआत की गई है, अंग्रेजी के 8 अक्षरों से जुड़ी इस योजना के हर शब्द का अलग अर्थ है.

2000 से 2020 तक के आंकड़े
2000 से 2020 तक के आंकड़े
  • S : Smart leadership -कुशल नेतृत्व
  • A : Aggressive strategy-आक्रामक रणनीति
  • M : Motivation and training-प्रोत्साहन एवं प्रशिक्षण
  • A : Actionable intelligence-कारगर खुफिया तंत्र
  • D : Dashboard based key performance indicators and key result areas- कार्ययोजना के मानक
  • H : Harnessing technology-कारगर प्रौद्यौगिकी
  • A : Action plan for each threat-प्रत्येक रणनीति की कार्ययोजना
  • N : No access to financing- नक्सलियों के वित्त-पोषण को विफल करने की रणनीति

बिहार में नक्सलवाद की जड़ें भले ही कमजोर हुई हो. लेकिन देखने वाली बात होगी कि प्रदेश से 'लाल सलाम' का अंत पूरी तरह कब होगा.

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