महापुरुषों की जयंती के बहाने वोट बैंक को साधने की कोशिश में BJP

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Published : Apr 5, 2022, 8:22 PM IST

महापुरुषों की जयंती पर सियासत

बिहार में इस महीने कई महापुरुषों की जयंती पर कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) भी कार्यक्रम में शामिल होने आएंगे. उधर, सम्राट अशोक की जयंती पर जेडीयू की तरफ से भी आयोजन हो रहा है. वहीं बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर की जयंती पर सभी दलों की ओर से आयोजन होगा. इन जयंती समारोह के सहारे सभी दलों की खास वोट बैंक पर नजर है. अमृत महोत्सव के नाम पर पहली बार इतने बड़े पैमाने पर भव्य कार्यक्रम कर बीजेपी विशेष मैसेज देने की भी कोशिश करेगी. पढ़ें खास रिपोर्ट...

पटना: महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि पर सभी दल कार्यक्रम के माध्यम से यह बताने की कोशिश करती है कि वह उनके रास्ते पर चल रही है लेकिन मकसद कहीं न कहीं उस खास जाति या वर्ग को लुभाने का होता है, जिससे वह महान शख्सियत ताल्लुक रखती है. बिहार में अप्रैल महीना महापुरुषों के कार्यक्रम को लेकर विशेष रुप से हलचल बना रहेगा, क्योंकि इस महीने कई महापुरुषों का जन्मदिन है. याद करिए सम्राट अशोक को लेकर पिछले दिनों सूबे में किस तरह सियासत गरमायी थी. जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा (JDU Leader Upendra Kushwaha) ने तो इसको लेकर अभियान भी चला रखा था. अब सम्राट अशोक की जयंती (Birth Anniversary of Emperor Ashoka) पर बड़े कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. एनडीए के दोनों प्रमुख दल बीजेपी और जेडीयू सम्राट अशोक के नाम पर कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं.

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सम्राट अशोक की जयंती: 8 अप्रैल को बीजेपी की तरफ से बापू सभागार में कार्यक्रम हो रहा है. जिसमें केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य शामिल होंगे. वहीं 9 अप्रैल को जेडीयू की तरफ से एसकेएम में कार्यक्रम होने जा रहा है. दोनों दलों की ओर से लगातार तैयारी हो रही है. जहां बीजेपी की तरफ से बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी कार्यक्रम कर रहे हैं तो वही जेडीयू की तरफ से उपेंद्र कुशवाहा कार्यक्रम का आयोजन करेंगे. इसके बाद 14 अप्रैल को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती (Baba Saheb Bhimrao Ambedkar Birth Anniversary) भी मनाई जाएगी. जेडीयू ने पंचायत स्तर पर कार्यक्रम करने का फैसला लिया है, जबकि आरजेडी-बीजेपी और अन्य दल भी कार्यक्रम करेंगे.

'जेडीयू का अनुसरण कर रही बीजेपी': सम्राट अशोक के नाम पर बीजेपी और जेडीयू दोनों जयंती समारोह का आयोजन कर रहे हैं. क्या इसके लिए दोनों पार्टियां शक्ति प्रदर्शन करना चाहती है. आखिर एक ही गठबंधन में रहकर क्यों अलग-अलग कार्यक्रम करने की जरूरत पड़ रही है. इस बारे में पूछने पर जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा मुस्कुराकर कहते हैं कि ये तो अच्छी बात है कि बीजेपी भी हम लोगों का अनुसरण कर रही है. सम्राट अशोक को मानने वाले लोगों की संख्या बढ़े, ये तो बहुत ही अच्छी बात है.

बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती: हालांकि सबकी नजर 23 अप्रैल को भोजपुर के जगदीशपुर में होने वाले बाबू वीर कुंवर सिंह की जयंती (Babu Veer Kunwar Singh Birth Anniversary) समारोह पर है, क्योंकि इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) शामिल होंगे. बीजेपी की ओर से अमृत महोत्सव के तहत यह कार्यक्रम होगा. चर्चा ये भी है कि इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ एनडीए के कई दिग्गज शामिल होंगे. हाल में वीर कुंवर सिंह के परिजन की मौत को लेकर काफी बवाल मचा था लेकिन इसके बावजूद इस कार्यक्रम को भव्य बनाने की तैयारी जोर-शोर से चल रही है.

सर्व समाज के गौरव को जगाने की कोशिश: बिहार बीजेपी के उपाध्यक्ष मिथिलेश तिवारी को कार्यक्रम के संचालन की जिम्मेवारी दी गई है. इस बारे में मिथिलेश तिवारी का कहना है कि कार्यक्रम के माध्यम से सर्व समाज के गौरव को जगाने की कोशिश होगी और इससे राष्ट्रीय भावना मजबूत है करने की तैयारी है. उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव के तहत सभी महापुरुषों को हम लोग सम्मान देने और याद करने की कोशिश कर रहे हैं. इसे शक्ति प्रदर्शन या वोट बैंक की सियासत के नजरिए से देखना ठीक नहीं होगा.

रामधारी सिंह दिनकर जयंती: बीजेपी की तरफ से 24 अप्रैल को राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जयंती (Ramdhari Singh Dinkar Jayanti) पर भी भव्य कार्यक्रम किया जा रहा है. किसी बड़े नेता को भी इसमें बुलाने की तैयारी हो रही है. इसके अलावे चौहरमल की जयंती पर भी कार्यक्रम इस महीने हो चुके हैं. महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि पर सियासत भी खूब होती रही है. जिस वर्ग से महापुरुष आते हैं, उस वर्ग को साधने की कोशिश होती रही है और यह कोई नई बात नहीं है. हालांकि कोरोना काल में कोई बड़ा कार्यक्रम पिछले 2 साल से आयोजित नहीं हुआ था.

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वोट बैंक को साधने की कोशिश: राजनीतिक जानकार भी कहते हैं कि 2024 और 2025 की तैयारी में बीजेपी लग गई है. इसलिए बीजेपी इस बार बड़े स्तर पर कार्यक्रम कर रही है. वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय का कहना है जयंती के बहाने वोट बैंक को साधने की पूरी कोशिश होगी. वे कहते हैं कि जेडीयू और बीजेपी एनडीए गठबंधन में होने के बावजूद सम्राट अशोक की जयंती अलग-अलग मना रही है, क्योंकि दोनों दलों की नजर उस वर्ग के वोट बैंक पर है. दरअसल सम्राट अशोक की जयंती के बहाने कुशवाहा वोट बैंक को साधने की कोशिश होगी, तो वहीं वीर कुंवर सिंह की जयंती के माध्यम से शाहाबाद के बड़े हिस्से में लोगों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश बीजेपी करेगी. पिछले विधानसभा चुनाव में एनडीए को शाहाबाद में करारी शिकस्त मिली थी. ऐसे में जाहिर है कि बीजेपी सम्राट अशोक और वीर कुंवर सिंह समारोह के माध्यम से 2024 के लिए मैसेज भी देने की कोशिश भी करेगी यह तय है.

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