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31 मार्च तक असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के रजिस्ट्रेशन का लक्ष्यः श्रम संसाधन मंत्री

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Published : Feb 8, 2022, 5:17 PM IST

ई श्रम पोर्टल से बिहार के युवा नहीं जुड़ना चाह रहे हैं. उन्हें लग रहा है कि अगर इस पोर्टल से जुड़ गए तो उनका रजिस्ट्रेशन मजदूरों में हो जाएगा. जिससे कुछ अलग काम करने के लिए लोन नहीं मिलेगा. जिस कारण रजिस्ट्रेशन की रफ्तार धीमी हो गई. अब रजिस्ट्रेशन के डेडलाइन को भी बढ़ा दिया गया है. पढ़ें रिपोर्ट..

ई पोर्टल में जोड़े जाएंगे असंगठित क्षेत्र के मजदूर
ई पोर्टल में जोड़े जाएंगे असंगठित क्षेत्र के मजदूर

पटनाः बिहार के ई श्रम पोर्टल से बिहार के अधिकांश युवा रजिस्ट्रेशन नहीं कराना चाह रहे हैं (Youth Not Want to Join E Shram Portal). पटना के युवाओं ने कहा कि ई श्रम पोर्टल से जुड़ने के बाद भविष्य में लोन लेने में समस्या आएगी. ऐसे मजदूर जो कंपनियों में काम करते हैं, उनका पीएफ कटता है. ऐसे लोगों का भी रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है. इसी कारण दिसंबर 2021 तक जितने मजदूरों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था, उतना लक्ष्य पूरा नहीं हो सका. अब डेडलाइन बढ़ा कर 31 मार्च कर दिया गया. श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा (Minister Jivesh Mishra) ने इस बारे में खुलासा किया है.

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केंद्र सरकार पिछले साल अगस्त माह में असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए ई श्रम पोर्टल लेकर आई. सरकार की ओर से दावा किया गया कि इससे असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को सरकारी लाभ मिलेगा. साथ ही एक पोर्टल पर देश के तमाम मजदूरों का डाटा सरकार के पास रहेगा. इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले कामगारों के लिए एक ई श्रम कार्ड जारी किया जाता है, जिसकी मदद से रजिस्टर्ड कामगार (Unorganized Workers Registation in Bihar) देश में कहीं भी, कभी भी विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ ले सकते हैं. इसके अलावा फ्री दुर्घटना बीमा की मदद भी है.

अब आपको बता दें कि बिहार के 3 करोड़ 49 लाख असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था. शुरुआती दिनों में काफी संख्या में लोग ई श्रम पोर्टल के माध्यम से जुड़े, लेकिन हाल के दिनों में रफ्तार काफी धीमी हो गई है. अभी तक दो करोड़ 68 लाख मजदूरों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. दिसंबर 2021 तक 3 करोड़ 49 लाख मजदूरों को इस पोर्टल पर जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन दिसंबर माह तक विभाग लक्ष्य पूरा नहीं कर पाई. उसके बाद 21 फरवरी तक डेड लाइन बढ़ाया गया और अब डेडलाइन फिर बढ़ाकर 21 मार्च कर दिया गया है.

'भ्रम फैलाया जा रहा है. जो भी राज्य के असंगठित मजदूर हैं, उनको इस पोर्टल के माध्यम से जोड़ा जा रहा है. अगर कोई छात्र इस पोर्टल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवा रहे हैं, तो इसका कोई औचित्य नहीं है. जो वाकई में मजदूर हैं, उनके लिए सरकार की तरफ से सामाजिक सुरक्षा, सरकारी लाभ आने वाले दिनों में सरकार देगी. जो असंगठित क्षेत्र के मजदूर इस पोर्टल से जुड़ गए हैं और अचानक उनकी मृत्यु होती है, तो नॉमिनी को 2 लाख रुपए सरकार की तरफ से दिए जाने का प्रावधान है.' -जीवेश मिश्रा, श्रम संसाधन मंत्री

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सरकार मजदूरों को लेकर और चिंतन मंथन करेगी. कुछ नया निर्णय लेगी. उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को जोड़ने में बिहार देश में दूसरे स्थान पर है. 2 करोड़ 68 लाख लोग जुड़ गए हैं. रजिस्ट्रेशन कराने को लेकर अधिकारी को टास्क भी दिया गया है. मंत्री ने कहा कि 31 मार्च तक तीन करोड़ 49 लाख मजदूरों को जोड़ने का जो लक्ष्य रखा गया है उसको विभाग पूरा करने का काम करेगा. उन्होंने कहा कि बीच में काफी रफ्तार से लोग ई श्रम पोर्टल से जुड़े. थोड़ी सी रफ्तार जरूर कम हुई है, लेकिन विभाग तत्परता के साथ तमाम असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को जोड़ेगी. वहीं युवा एकलव्य कुमार ने बताया कि अगर हम लोग श्रम कार्ड से जुड़ते हैं तो भविष्य में मुझे कुछ बेहतर काम करने का मन भी होगा, तो मुझे लोन नहीं मिल पाएगा. इसलिए हम लोग नहीं जुड़ पा रहे हैं.

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