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बेगूसराय में 11 लोगों को गोली मारने वाले 2 अपराधी अब भी आजाद, नीतीश और प्रिंस को कब पकड़ेगी पुलिस

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Published : Oct 7, 2022, 6:00 PM IST

Two criminals of Begusarai firing case not arrested
Two criminals of Begusarai firing case not arrested

बेगूसराय गोली कांड को 1 महीने बीतने को है लेकिन इस मामले में फरार दो अपराधी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार (ADG Police Headquarters Jitendra Singh Gangwar ) ने कहा कि पुलिस की जांच जारी है.

पटना: बिहार के बेगूसराय (Begusarai firing case) में 13 सितंबर 2022 को बाइक सवार हथियारबंद अपराधियों ने 40 किलोमीटर तक अंधाधुंध फायरिंग (Begusarai Firing Case) की थी. वारदात के लगभग 1 महीने बीतने को है पर अब तक इस मामले में शामिल दो अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.

पढ़ें- बेगूसराय में सरेआम फायरिंग करने वाले 2 बदमाश गिरफ्तार, CCTV में दिखे सभी अपराधी

बेगूसराय गोलीकांड के दो अपराधी अब भी बाहर: इस घटना में दो बाइक पर सवार चार अपराधियों के द्वारा अंधाधुंध फायरिंग की गई थी जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 10 व्यक्ति घायल हुए थे. हालांकि बिहार पुलिस मुख्यालय के द्वारा बताया गया कि इस मामले में गोली चलाने वाले दो अपराधी और इस मामले के प्लानर दो अपराधी कुल 4 लोगों की गिरफ्तारी अब तक की गई है.

गिरफ्तारी के लिए जारी है छापेमारी: हालांकि बिहार पुलिस मुख्यालय का कहना है कि इस गोलीकांड में जो अपराधी शामिल थे उनकी गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है. इस मामले का अनुसंधान अभी जारी है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर इतने दिन बीत जाने के बाद भी इस मामले का पूर्ण रूप से पुलिस द्वारा क्यों नहीं खुलासा किया गया है. साथ ही अब तक ये बात भी साफ नहीं हो पायी है कि आखिर किन कारणों से बेगूसराय घटना को अपराधियों ने अंजाम दिया था.

साइंटिफिक एविडेंस केस को कोर्ट मे करेगा मजबूत: हालांकि बेगूसराय कांड मे आरोपियों की गिरफ़्तारी बिल्कुल प्रोफेशनल ढंग से पुलिस ने की है. पुलिस के विशेष सूत्रों के अनुसार जिन आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है उनके खिलाफ साइंटिफिक एविडेंस कोर्ट मे केस को मजबूत करेगा.आपको बता दें कि मामले का प्लानर चुनचुन कितना शातिर है इसका अंदाजा इसी से लगा सकते है की उसी ने पुलिस को हमलावारो का सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध कराया था. वह दो दिनों तक पुलिस के साथ ही उनके अनुसन्धान मे भी रहा था. लेकिन जब मोबाइल सर्विलांस की टीम ने कॉल डंप निकाला तो चुनचुन की संलिप्तता सामने आ गई.

चुनचुन इसलिए कैमरा के सामने था ताकि उस पर किसी को शक न जाए. चुनचुन का भतीजा है नागा केशव उर्फ़ नागा.वह भी कम उम्र का बड़ा शातिर है. आर्म्स एक्ट के मामले मे वह पहले भी जेल जा चुका है. वह भी खुद बाइक पर नहीं था. वह भी मोबाइल से ही संपर्क मे था. एक बाइक को युवराज चला रहा था जबकि सुमित पीछे बैठा था. जबकि दूसरे बाइक को प्रिंस उर्फ़ गोल्डी चला रहा था जबकि नीतीश फायरिंग कर रहा था. नीतीश हिस्ट्री शिटर अपराधी है उसकी तलाश एसटीएफ को भी है. ये दोनों अभी फरार हैं और उनकी गिरफ़्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.

एनएच 28 से लेकर 31 तक दहशत: आपको बता दें कि सुमित और युवराज एनएच 28 से लेकर एनएच 31 तक दहशत मचाने के बाद सिमरिया से पटना की तरफ भागने की बजाये सिमरिया पुल से नीचे उतरकर बिन्द टोली की तरफ से ग्रामीण सड़कों से होते हुए वापस अपने घर आ गए थे. घरवालों को शक नहीं हो इसके लिए युवराज जो ऑरेंज शर्ट पहने था उसने अपनी शर्ट सुमित के घर मे ही छोड़ दी थी. इस पूरे मामले मे युवराज ने गिरफ़्तारी के बाद सारे राज खोले थे.

मामले मे अभी भी नीतीश और प्रिंस फरार हैं. नीतीश की कई गर्लफ्रेंड हैं और वो अय्याशी के लिए ही अपराध करता है.अब तक के पुलिस के अनुसंधान मे सामने आया है की इस पूरी वारदात को अंजाम देने का मकसद इनका इलाके मे खौफ जमाना था. ताकि इनके नाम का दहशत हो. हालांकि विशेष सूत्रों के अनुसार इनके पास से जो मोबाइल मिले है उसमे हथियारों से लेकर शराब की खरीद बिक्री तक के सबूत मिले है. इसलिए उनके मोबाइलों को फॉरेनसिक जांच के लिए लैब मे भेजा गया हैं.

सवाल यह उठता है कि आखिर पुलिस कब किस बड़े गोलीकांड का पूरी तरह से खुलास करेगी. 1 महीने बीत जाने के बावजूद भी दो लोग पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. बिहार पुलिस ,एसआईटी, सीआईडी फॉरेंसिक टीम की जांच के बाद भी अब तक इस पूरे मामले का उद्भेदन नहीं हो सका है. पुलिस मुख्यालय की मानें तो अनुसंधान चल रहा है और जल्द ही इस पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा. बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार इस पूरे मामले में कहीं ना कहीं बचते दिख रहे हैं.

"हमारी कार्रवाई चल रही है. चार लोगों को अब तक पकड़ा गया है. सारी बातें परिणति आने पर आपको बता दी जाएगी. मैं अभी नहीं बता सकता कि पुलिस किस बिंदु पर अनुसंधान कर रही है."- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, बिहार पुलिस मुख्यालय

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