पटना: राजधानी में चीन के साथ 1962 में शहीद हुए जवान को श्रद्धांजलि दी गई. बता दें कि 1962 में जब पूरा भारत दिवाली मना रहा था, ठीक उसी दिन लेह लद्दाख के रेजांग्ला पोस्ट पर चार्ली 13 के जवान चीन सैनिक से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे.
शहीद स्थल बनाने की मांग
कारगिल चौक पर एक्स आर्मी के जवान और बुद्धिजीवी वर्ग ने कैंडल जलाकर चीन के युद्ध में शहीद हुए जवानों को याद किया है, जिन्होंने चीनी सैनिकों से लोहा लेते हुए अपनी प्राण की आहुति दे दी थी. श्रद्धांजलि देने पहुंचे एक्स आर्मी के लोगों ने भारत सरकार और राज्य सरकार से मांग की है, कि इस युद्ध में शहीद हुए जवानों के नाम पर समाधि स्थल बनाया जाए.
भारत ने दलाई लामा को दी थी शरण
बता दें कि भारत चीन युद्ध जो भारत चीन सीमा विवाद के रूप में भी जाना जाता है, विवादित हिमालय सीमा युद्ध के लिए एक मुख्य बहाना था. चीन ने 1959 में तिब्बती विद्रोह के बाद जब भारत ने दलाई लामा को शरण दी थी, तो भारत चीन सीमा पर हिंसक घटनाओं की एक श्रृंखला से शुरू हो गई थी.
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सीमा पर डटे जवान
वहीं, चीन ने 20 अक्टूबर 1962 को लद्दाख में और मैकमोहन रेखा के पार एक साथ भारत पर हमले शुरू कर दिया था. साथ ही 20 नवंबर 1962 को चीन ने युद्ध विराम की घोषणा कर दी. इसी युद्ध विराम का सबसे मुख्य कारण कहीं ना कहीं सीमा पर डटे जवान ही रहे. जिन्होंने चीनी सैनिकों से लोहा लेते हुए चीन को युद्ध विराम के लिए मजबूर कर दिया और इन्हीं सैनिकों को याद करते हुए राजधानी पटना के कारगिल चौक पर एक्स आर्मी के जवानों ने और बुद्धिजीवी वर्ग ने कैंडल जलाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है.