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तेजस्वी ने राजा की कहानी सुनाकर NDA पर कसा तंज- 'तुम राजा बन जाओ, हम पीछे चेहरा बनकर रहेंगे'

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Published : Mar 4, 2022, 10:14 PM IST

बिहार विधानसभा में बिहार बजट पर चर्चा के दौरान तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधा. शायरी और कहानी सुनाते हुए सीएम नीतीश कुमार की नीति पर उंगली उठाई गई. पढ़ें रिपोर्ट..

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव

पटनाः बिहार विधानसभा में बिहार बजट पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर लालू अंदाज में हमला (Tejashvi Yadav Explained Bihar Government Policy by a King Story) बोला. उन्होंने एक राजा की कहानी सुनाकर मौजूदा सरकार की स्थिति को बयां किया. उनकी कहानी के किरदार तो अलग थे, लेकिन निशाने पर बीजेपी और जेडीयू थी. उन्होंने दो दिन पहले ही सदन को मुल्ला नसीरुद्दीन की कहानी सुनाते हुए तंज कसा था. वहीं शुक्रवार को शायराना अंदाज में ताबड़तोड़ कई शायरियां बोल डालीं. इस शायर वाले अंदाज के बीच तेजस्वी यादव का किस्सागोई वाला अंदाज भी सभी को खूब भाया. लोगों ने खूब तालियां बजायीं.

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कहानी पर भड़की बीजेपीः बिहार बजट 2022 की चर्चा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पार्टी का पक्ष रखा है. सरकार पर जमकर निशाना साधते हुए कई आरोप लगा दिया है. आरोप लगाया कि सरकार राशि खर्च नहीं कर पा रही है. उन्होंने सीएजी रिपोर्ट का भी हवाला दिया और उसको लेकर विजेंद्र यादव से बकझक भी हुई. लेकिन चर्चा तेजस्वी यादव की कहानी की हो रही है, जिस पर सियासत भी शुरू है. बीजेपी ने कहा कि जिस राजा की कहानी सुना रहे थे वे जेल चले गए हैं. वहीं आरजेडी ने कहा कि तेजस्वी ने बिहार के उस राजा की बात की है, जिनका कमंडल से साथ है.

नीतीश सरकार पर साधा निशानाः नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार पर कई तरह का निशाना साधा. यह भी कहा कि सरकार बजट की राशि खर्च नहीं कर पाती है. बजट घोटाला हो रहा है. तेजस्वी ने सीएजी रिपोर्ट का भी हवाला दिया और उसके कारण विजेंद्र यादव ने आपत्ति भी जताई. वहीं आरसीपी टैक्स की बात भी उन्होंने कह दी. इस पर सत्तापक्ष के कई सदस्यों ने आपत्ति जताई. बजट भाषण का समापन तेजस्वी यादव ने कहानी से की. तेजस्वी का निशाना नीतीश कुमार की तरफ था. नीतीश कुमार को लाचार, थका हुआ राजा बताने की कोशिश भी अपनी कहानी में की, जो मुखौटा बने हुए हैं और सत्ता कोई और चला रहा है.

तेजस्वी ने सुनाई यह कहानीः एक राज्य का राजा था. लेकिन इससे पहले वो किसी दूसरे राज्य का सेनापति हुआ करता था. राजा जब बूढ़ा हो गया, तो थका-थका सा महसूस करने लगा. उसके साथी, सहयोगी, सिपहसालार, सेनापति सब ऊब चुके थे. एक दिन राजा अपने सलाहकार से कहता है कि हम ऊब चुके हैं. अब अपने ही किसी सहयोगी में से किसी को राजा बना दिया जाए. राजा की बात सभी को पता चल जाती है. यह बात एक सेनापति को भी पता चलती है. राजा की पुरानी गलतियों का हवाला देकर सेनापति उसे ब्लैकमेल करने लग जाता है. फिर राजा सोचता है कि हम किसी को अब राजा नहीं बनाएंगे. एक कमंडलधारी सहयोगी को बुलाकर सारी परिस्थिति बता देते हैं. राजा उनको कहते हैं कि तुम्ही राजा बन जाओ, हम पीछे चेहरा बनकर रहेंगे. क्योंकि वह ब्लैकमेल कर रहा है. अब राजपाट चलने लगता है. पूर्व राजा अब बूढ़े हो गए थे, इसलिए आराम करते हैं. उनके कमंडलधारी सहयोगी ने अपने यहां धार्मिक अनुष्ठान शुरू किया, प्रतिमाएं लगवाईं, भंडारा लगवाना शुरू किया. इससे राज्य कंगाल हो गया था. फिजूलखर्ची से राज्य का खजाना खत्म होने लगा. अब पूर्व राजा और वर्तमान राजा (सहयोगी) ने आपस में बैठक की. बात हुई कि जो बची हुई चीजें हैं, उसे बेच दो. कुछ संपत्ति को पूंजीपतियों के पास उधार लगा दो. इससे जनता परेशान हो गई. किसान भी परेशान हो गए. जनता राजमहल में घुस गई और कहने लगी कि राजा इस्तीफा दे. यह बात राजा को पता चली तो वर्तमान राजा (सलाहकार) से कहा कि हम बौद्ध धर्म अपनाने जा रहे हैं. हमने एक कुटिया भी बना रखी है. तुम भी अपना कमंडल लो और हिमालय चले जाओ. अब जानेगा नया राजा और जानेगी प्रजा.

'तेजस्वी जिस राजा की कहानी बता रहे थे, असल में वे जेल चले गए हैं. 2005 में बिहार की क्या स्थिति थी, उन्हें देखनी चाहिए थी. राशि खर्च नहीं हो रही है तो विकास कैसे हो रहा है.' -प्रमोद कुमार, बीजेपी मंत्री

'तेजस्वी यादव राजा और मंत्री की बात बता रहे थे. राजा और कोई नहीं, बिहार के राजा की है, जो कमंडल के साथ हैं. यह सभी जानते हैं कि कमंडल के साथ कौन हैं.' -मुकेश रोशन, राजद विधायक

आपको बताएं कि बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट पर आज दूसरे दिन भी चर्चा हुई. उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने 2 लाख 37 हजार 691 करोड़ 19 लाख के बजट को बिहार के विकास का बजट बताया और कहा कि 2005 से बिहार में लगातार बदलाव हुए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में किए गए कार्यों के कारण ही यह बदलाव है. उन्होंने विपक्ष के आरोप पर भी जवाब देने की कोशिश की.

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