पटना : शिक्षा विभाग की ओर से जारी हॉलीडे कैलेंडर को लेकर एक बार फिर से हंगामा होने लगा है. इस बार तीज, जिउतिया, वट सावित्री, रक्षाबंधन, अनंत चतुर्दशी जैसे हिंदू पर्व त्योहारों की छुट्टियां रद्द कर दी गई है. इन सबके अलावा ईद, बकरीद की छुट्टियां बढ़ दी गई है. इस कारण विपक्ष सरकार पर शिक्षा का मुस्लिम तुष्टिकरण करने का आरोप लगा रहा है. वहीं छुट्टियां रद्द होने से तमाम शिक्षक नाराज हैं और सभी शिक्षक संगठन इस पर अपना रोष व्यक्त कर रही हैं.
'छुट्टी का फैसला मुस्लिम तुष्टिकरण से प्रेरित': इस मामले पर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिंह ने कहा कि सरकार का यह फैसला पूरी तरह से मुस्लिम तुष्टिकरण से प्रेरित है. सनातन परंपरा को मानने वाले तमाम हिंदुओं को सरकार नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है. पूर्व में भी इस प्रकार का दिशा निर्देश जारी हुआ था. इसका घोर विरोध हुआ और सरकार को फैसला वापस लेना पड़ा था. सरकार के सभी अधिकारियों कर्मचारियों और मंत्री और मुख्यमंत्री तक की मानसिकता गड़बड़ हो गई है.
"हिंदुओं के पर्व त्योहार के दिन छुट्टियां पूर्व से जो चली आ रही थी. उसे रद्द किया गया है और कई मुस्लिम पर्व त्योहार की छुट्टियों को बढ़ाया गया है. हमलोग सरकार से मांग करेंगे की इस फैसले को वापस लेते हुए पूर्व की तरह छुट्टियां बहाल की जाए. हिंदू आग है और सरकार आग से खेलने की कोशिश नहीं करें अन्यथा भस्म हो जाएगी."- राकेश सिंह, प्रवक्ता, बीजेपी
'शिक्षकों को स्वीकार्य ने अवकाश तालिका': वहीं बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि शिक्षा विभाग का साल 2024 का जो अवकाश कैलेंडर जारी हुआ है, वह शिक्षकों को कहीं से भी स्वीकार्य नहीं है. यह इतिहास में पहली बार हो रहा है कि शिक्षकों को गर्मी छुट्टी से वंचित किया जा रहा है. तीज, जिउतिया और रक्षाबंधन जैसे त्योहार जिस दिन शिक्षिकाएं बहनें उपवास पर रहती हैं, उस दिन की भी छुट्टियां रद्द कर दी गई है.
"यह किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है. शिक्षा विभाग ने पूर्व में भी यह कोशिश की थी और उसे आदेश वापस लेना पड़ा था. तमाम शिक्षक संगठन इस अवकाश तालिका का विरोध कर रहे हैं. इस अवकाश तालिका की सभी निंदा कर रहे हैं और सरकार से मांग करते हैं कि इसे वापस लेते हुए ऐसे पदाधिकारी को विभाग से बाहर करें जो इस प्रकार का फिजूल निर्णय ले रहे हैं."- अमित विक्रम, प्रदेश अध्यक्ष, राज्य विद्यालय अध्यापक संघ
'250 से 280 दिन विद्यालय चलने से पढ़ाई होगी बोझिल' : वहीं बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा 1 से 5 के बच्चों को 180 दिन विद्यालयों में पढ़ना है. कक्षा 6 से 8 के बच्चों को 200 दिन विद्यालय में पढ़ना है और इसके ऊपर के कक्षाओं के विद्यालयों का संचालन न्यूनतम 220 दिन होना है. नई अवकाश तालिका में कई कार्य दिवस को भी छुट्टी में काउंट किया गया है और उस दिन विद्यालयों का संचालन भी होना है. इस प्रकार 250 से 280 दिन विद्यालयों का संचालन होगा और इस स्थिति में बच्चों के लिए पढ़ाई भी बोझिल बनेगी.
"ग्रीष्म अवकाश की छुट्टी शिक्षकों की रद्द कर दी गई है. इस स्थिति में वह यही मांग करेंगे की जिस प्रकार सरकारी कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश के अलावा 60 दोनों का अन्य लीव मिलता है. वह शिक्षकों को भी दिया जाए. अन्यथा पूर्व की भांति जो अवकाश नियमावली चली आ रही है वह जारी रखी जाए."- मनोज सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ
'छुट्टी रद्द करने के नाम पर हो रहा दुष्प्रचार' : वहीं जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि छुट्टियों को रद्द करने के नाम पर दुष्प्रचार किया जा रहा है. दो अवकाश कैलेंडर जारी किया गया है. एक उर्दू विद्यालय के लिए और एक सामान्य विद्यालय के लिए. कृष्ण जन्माष्टमी और महाशिवरात्रि की छुट्टी जारी है और विभिन्न छुट्टियों के कार्य अवधि में थोड़ा समायोजन किया गया है. किसी की छुट्टियां बढ़ाई गई है तो किसी की कम की गई है. सावन की आखिरी सोमवारी की छुट्टी रद्द हुई है, तो रमजान महीने की आखिरी शुक्रवार की छुट्टी भी रद्द हुई है.
" केंद्र सरकार का ही शिक्षा का अधिकार कानून कहता है कि विद्यालयों में 220 दिन कक्षाओं का संचालन होना चाहिए. शिक्षा विभाग का भी यही प्रयास है. छुट्टियों के कार्य अवधि के समायोजन में अगर कोई विसंगति ,है तो उम्मीद है कि विभाग इसे देखेगा और ठीक करेगा."- नीरज कुमार, प्रवक्ता, जेडीयू
सरकार के मंत्री दे रहे सफाई : नई अवकाश तालिका में ईद, बकरीद और मुहर्रम की छुट्टियों में बढ़ोतरी की गई है और कई हिंदू पर्व त्योहार की छुट्टियां रद्द की गई हैं. इसके बाद से शिक्षक भी आक्रोशित हैं और विपक्ष ने भी इस मुद्दे को लपक लिया है. अब इस प्रकरण पर सरकार भी बैकफुट पर नजर आ रही है और जदयू के कई मंत्री (अशोक चौधरी, धीरज कुमार) यह कहते हुए दिख रहे हैं कि निचले अधिकारियों ने यह निर्णय लिया है और अभी यह अवकाश तालिका प्रस्तावित है. कोई कह रहा है कि अगर कार्य अवधि के समायोजन में कोई विसंगति है तो उसे दुरुस्त किया जाएगा.
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