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Bihar School Holiday: रक्षाबंधन पर नहीं मिली छुट्टी तो शिक्षकों ने आदेश की कॉपी जलाई, हड़ताल पर जाने की धमकी

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 31, 2023, 3:46 PM IST

रक्षाबंधन की छुट्टी रद्द होने से शिक्षक नाराज
रक्षाबंधन की छुट्टी रद्द होने से शिक्षक नाराज

बिहार में रक्षाबंधन की छुट्टी रद्द होने से शिक्षक नाराज हैं. गुरुवार को तमाम शिक्षकों ने अपने-अपने तरीके से नाराजगी जाहिर की. पटना में सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने छुट्टी रद्द करने के शिक्षा विभाग के आदेश की प्रति को जलाकर अपना विरोध जताया.

रक्षाबंधन की छुट्टी रद्द होने से शिक्षक नाराज

पटना: बिहार शिक्षा विभाग के सरकारी विद्यालयों की छुट्टियों को कम करने के फैसले का बिहार में शिक्षक कड़ा विरोध कर रहे हैं. प्रदेश में पहली बार रक्षाबंधन के मौके पर सरकारी विद्यालयों की छुट्टियां रद्द की गई और विद्यालयों का संचालन किया गया. ऐसे में स्कूल अवधि की समाप्ति के बाद स्कूल परिसर में तमाम शिक्षक संगठनों के आह्वान पर शिक्षकों ने सरकार की छुट्टियों को रद्द करने के निर्देश की प्रति को जलाकर अपना विरोध प्रदर्शन किया. शिक्षकों ने कहा कि सरकार इस फैसले को अविलंब वापस ले, अन्यथा इस फैसले के विरोध के दूसरे चरण के तहत शुक्रवार से सभी शिक्षक काली पट्टी हाथ में बांधकर कार्य करेंगे और 25 सितंबर के बाद हड़ताल का निर्णय लेंगे.

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'गलत दलील देकर छुट्टियों में हुई कटौती': सरकारी विद्यालय में शिक्षक असीम मिश्रा ने कहा कि यह हम लोगों का अधिकार है कि रविवार को छोड़कर साल में 60 छुट्टियां शिक्षकों को दी जाएगी. शिक्षा विभाग कर्तव्य के नाम पर शिक्षकों के अधिकारों का हनन कर रहा है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों को गलत मैसेजिंग किया जा रहा है कि शिक्षक 220 दिन विद्यालय में नहीं पढ़ाते हैं. 52 रविवार और 60 छुट्टियां मिलकर 112 दिन की छुट्टी मिलती है.

"शिक्षा विभाग में बड़े-बड़े प्रशासनिक अधिकारी हैं, सभी अपनी बुद्धि क्षमता का इस्तेमाल कर साल के 365 दिन में से 112 दिन घटकर देख सकते हैं कि सरकारी विद्यालय 253 दिन चल रहे हैं. सरकार से उनकी डिमांड यही है कि उनकी छुट्टियां पुनः बहाल की जाए"- असीम मिश्रा, सरकारी शिक्षक

'भाई-बहन के पर्व पर तो छुट्टी मिलनी चाहिए': वहीं, महिला शिक्षिका दीपशिखा ने कहा कि अचानक से छुट्टियां रद्द कर दी गई है, जिससे वह काफी दुखी हैं. आज रक्षाबंधन है और एक दिन सरकार तो छुट्टी दे सकती थी. आज के दिन वह अपने मायके जाकर भाई को राखी बांधती है लेकिन सरकार ने विद्यालय को खोलने का आदेश दे दिया. जिसके बाद वह सुबह से भूखे प्यासे विद्यालय पहुंची हुई हैं.

"विद्यालय अवधि अब समाप्त हो गई है तो अब घर जाएंगे फिर घर से मायके जाएंगे और भाई को राखी बांधेंगे. राखी बंधवाने के इंतजार में उसका भाई भी भूखा है. साल में एक बार ऐसा दिन आता है और चाहे तीज का व्रत हो या जिउतिया का व्रत, इस दिन छुट्टी मिलनी चाहिए थी लेकिन इस दिन की भी छुट्टी रद्द कर के सरकार ने शिक्षकों को प्रताड़ित करने का काम किया है"- शिक्षिका दीपशिखा, महिला शिक्षिका

'फैसले को वापस ले सरकार': एक अन्य शिक्षक राकेश कुमार ने कहा कि छुट्टियां रद्द होने से सारा शेड्यूल बिगड़ गया है. सभी शिक्षकों के पहले से कार्यक्रम तय थे कि छुट्टी को कैसे यूटिलाइज करना है लेकिन छुट्टियों को रद्द कर के सरकार शिक्षकों को प्रताड़ित कर रही है. वह सरकार से मांग करते हैं कि इस फैसले को अविलंब वापस लिया जाए और पुनः रद्द की गई छुट्टियों को बहाल की जाए.

शिक्षक संघ ने दी हड़ताल पर जाने की धमकी: उधर, बिहार राज्य आराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ के राष्ट्रीय सचिव सुधीर सिंह ने कहा कि सरकार सरकारी विद्यालय को सरकारी कार्यालय बना दिया है. सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों को बच्चों को पढ़ने के अलावा सरकार सभी गैर शैक्षणिक कार्य ले रही है. बोरा बेचने से लेकर कबाड़ बेचने और मिड डे मील का खाना बनवाने से लेकर जनगणना करने, चुनाव कराने संबंधित ढेर सारे गैर शैक्षणिक कार्य लेती है. सिर्फ शौचालय साफ करवाना और सड़क पर झाड़ू लगवाना बाकी है. उन्होंने कहा कि साल में 253 दिन विद्यालय चलते हैं इसके बावजूद 220 दिन विद्यालय चलने का हवाला देकर जिस प्रकार शिक्षकों की छुट्टियां रद्द की गई है, इसका संघ पुरजोर विरोध कर रहा है.

"आज इस विरोध प्रक्रिया के तहत निर्देश के प्रति को जलाकर विरोध किया जा रहा है और कल शुक्रवार से सरकारी विद्यालयों में शिक्षक हाथ पर काला पट्टी बांधकर काम करेंगे. इसके बावजूद सरकार यदि आदेश को वापस नहीं लेती है तो 25 सितंबर के बाद से पूरे प्रदेश के शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं"- सुधीर सिंह, राष्ट्रीय सचिव, बिहार राज्य आराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ

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