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AIFEA ने शिक्षा विभाग को लिखा त्राहिमाम पत्र, शिक्षकों के बकाये भुगतान की मांग

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Published : May 5, 2021, 5:59 PM IST

ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ एजुकेशन एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग को त्राहिमाम पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि शिक्षकों के वेतन का भुगतान जल्द किया जाएगा.

Teachers are not being paid salaries even after the allocation by the Education Department
Teachers are not being paid salaries even after the allocation by the Education Department

पटना: ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ एजुकेशन एसोसिएशन की ओर से शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को शिक्षकों के वेतन भुगतान के संबंध में पत्र लिखा गया है. इसमें मांग की गई है कि शिक्षकों को ईद से पहले वेतन भुगतान किया जाए. साथ ही मैट्रिक और इंटर परीक्षा के उत्तरपुस्तिका जांच कार्य करने वाले शिक्षकों, पुस्तकालयाध्यक्षों और शिक्षकेत्तर कर्मियों को अविलंब पारिश्रमिक सहित अन्य भत्ते की राशि दी जाए.

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एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव शैलेन्द्र कुमार शर्मा "शैलू" और राज्य पार्षद सह पूर्व सदस्य शैक्षिक परिषद जयनंदन यादव ने शिक्षकों के लंबित वेतन भुगतान की मांग की है. उनका कहना है कि कोरोना महामारी के समय में वेतन नहीं मिलने से शिक्षकों को काफी परेशानी हो रही है. शिक्षक या उनके परिजन बीमार होने के बाद पैसे नहीं रहने के कारण इलाज नहीं करवा पा रहे हैं.

250 से अधिक शिक्षकों ने गवां दी जान
इसके अलावा उन्होंने कहा है कि राज्य में वैश्विक महामारी कोरोना लागातार घातक और भयावह होता जा रहा है. इस वजह से राज्य सरकार ने लॉकडाउन की घोषणा कर दी है. बिहार में भी अब तक एक लाख से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और कईयों ने अपनी जान गंवा दी है. वहीं, शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष और शिक्षकेत्तर कर्मी भी इससे बचे हुए नहीं हैं. शिक्षक और उनके परिजन भी लगातार संक्रमित हो रहें हैं. उनमें से अबतक लगभग 250 अधिक ने अपनी जान गंवा दी है.

परिवार का भरण पोषण करना हो गया मुश्किल
एआईएफईए के राष्ट्रीय सचिव शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि आज शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को पिछले 3 महीनों से वेतन नहीं मिला है. इस विकट परिस्थिति में उनके लिए परिवार का भरण-पोषण के साथ इलाज और अन्य कार्य करना मुश्किल हो गया है. शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को अपना घर चलाने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है.

आवंटन के बाद भी वेतन भुगतान नहीं
शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने इसके साथ ही कहा कि सरकार ने पंचायती राज और नगर निकायों के अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों के लंबित वेतन भुगतान के लिए आवंटन जारी कर दिया है. लेकिन इसी बीच राज्य सरकार ने लॉकडाउन की भी घोषणा कर दी है. साथ ही सभी सरकारी कार्यालयों को भी बंद करने का निर्देश दिया गया. इस वजह से आवंटन के बाद भी कार्यालय बंद रहने के कारण वेतन भुगतान नहीं हो रहा है.

ईद पर्व हो जाएगी फीकी
शिक्षकों को उम्मीद थी कि रमजान का महीना और ईद पर्व को लेकर वेतन का भुगतान किया जाएगा. लेकिन उन्हें मायूसी हाथ लगी है. शिक्षकों की ईद पर्व भी फीकी पड़ जाएगी. इसलिए शिक्षा मंत्री और अपर मुख्य सचिव से मांग की गई है कि विशेष आदेश जारी कर ईद पर्व से पहले शिक्षकों को वेतन भुगतान किया जाए.

शिक्षकों के किया जा रहा नजरअंदाज
इस मौके पर राज्य पार्षद सह शैक्षिक परिषद के पूर्व सदस्य जयनंदन यादव ने कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के आदेश पर सभी शिक्षकों, पुस्तकालयाध्यक्षों और शिक्षकेत्तर कर्मियों ने काम किया. इन लोगों ने कोरोना संक्रमण काल में भी पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया. इससे बिहार बोर्ड एक बार फिर देश भर में सबसे पहले रिकॉर्ड कायम करते हुए परीक्षा परिणाम घोषित किया. लेकिन आज उन्हें ही नजरअंदाज किया जा रहा है.

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अधिकारी क्यों रहते हैं मौन
जयनंदन यादव ने कहा कि उत्तरपुस्तिका मूल्यांकन के समय बोर्ड की ओर से शिक्षकों, पुस्तकालयाध्यक्षों और शिक्षकेत्तर कर्मियों पर विभिन्न नियमावली और अधिकारों का हवाला देकर कानूनी कार्रवाई की बात की जाती है. लेकिन परीक्षा परिणाम प्रकाशित होने के एक माहीने बीत जाने के बाद भी उनलोगों का भुगतान नहीं किया जाता है. इस पर अन्य अधिकारी मौन रहते हैं.

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