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CM Nitish Kumar: ईमानदार से लेकर मीडिएटर तक.. टीचर ने बताई नीतीश कुमार के स्टूडेंट लाइफ की पूरी कहानी

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Published : Feb 6, 2023, 2:01 PM IST

CM Nitish Teacher Santosh Kumar
CM Nitish Teacher Santosh Kumar

नीतीश कुमार बिहार के वो चेहरे हैं जिनके बिना राजनीति की कल्पना नहीं की जा सकती. अपनी कूटनीतिज्ञता और गंभीरता लिए जाने जानेवाले नीतीश कैसे छात्र रहे होंगे ये सभी जानना चाहते हैं. ईटीवी भारत पर पढ़िए नीतीश कुमार के छात्र जीवन की खास बातें जिनसे पर्दा उठाया है उनके ही शिक्षक संतोष कुमार ने ...

सीएम नीतीश के शिक्षक संतोष कुमार

पटना: आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं. राजनीति के माहिर नीतीश अपनी हर चाल बहुत सोच समझकर रखते हैं, जिसका कोई तोड़ नहीं होता. उनको देखकर ऐसा लगता है कि वे एक बहुत अच्छे छात्र रहे होंगे. उनका छात्र जीवन कैसा था? क्या पहले से ही उनमें एक अच्छे राजनीतिज्ञ के गुण परिलक्षित हो रहे थे, इन तमाम सवालों का जवाब उनके गुरु ने दिया है. रविवार को पटना एनआईटी के एल्युमनाई मीट (NIT Patna Alumni Meet) में सीएम नीतीश के शिक्षक संतोष कुमार ने नीतीश कुमार के कई अनछुए पहलुओं को उजागर किया.

पढ़ें- NIT Patna Alumni Meet: दोस्तों के रंग में नजर आए नीतीश, बोले- 'कॉलेज में लड़की आती थी तो.. '

'सीएम नीतीश कुमार बहुत अच्छे मध्यस्थ": शिक्षक संतोष कुमार ने बताया कि नीतीश कुमार मेधावी नहीं बल्कि मीडियम छात्र थे और वे एक बहुत अच्छे मध्यस्थ भी थे. जब भी कॉलेज में दो लोगों के बीच लड़ाई होती थी तो सभी नीतीश को ढूंढते थे. नीतीश कुमार दो लोगों के झगड़े में बीच बचाव करने में माहिर थे. उनकी इस मध्यस्थता कराने के गुण को देखकर मैंने एक बार कहा था कि तुम्हें फौरेन मीनिस्टर होना चाहिए. दो देशों की लड़ाई में तुम अच्छा रोल निभा सकते हों.

"बीच-बचाव में नीतीश बहुत माहिर थे. बिल्कुल बदमाशी नहीं करते थे. उनका व्यवहार और आचरण बहुत अच्छा था. चाकू पिस्तौल लेकर कभी लोगों को डराते नहीं थे और नाही कभी किसी से झगड़ते थे. कभी-कभी क्लास बंक करते थे इसलिए डिसिप्लिन्ड छात्र तो नहीं कह सकते हैं. कभी-कभी क्लास बंक करके कैंटीन में बैठते थे और दो गुटों का झगड़ा खत्म कराने के लिए प्रयास करते रहते थे."- संतोष कुमार, सीएम नीतीश के शिक्षक

पटना एनआईटी के एल्युमनाई मीट का आयोजन: बता दें कि साल 2004 में पटना एनआईटी बनने से पहले यह कॉलेज बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग हुआ करता था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इसी कॉलेज से साल 1972 बैच में पास आउट हुए थे. हालांकि उस समय फाइनल ईयर की परीक्षा आपातकाल की वजह से विलंब हो गई. एक्जाम 1973 में आयोजित कराई गई. ऐसे में रविवार को पटना एनआईटी के एलुमनाई मीट में मुख्य अतिथि के तौर पर कॉलेज के एल्युमनाई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौजूद रहे. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां अपने छात्र जीवन के सहपाठियों से मिले, वहीं उन्होंने अपने गुरुजनों से भी मिलकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया.

बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से पास आउट हैं नीतीश: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शिक्षक 80 वर्षीय संतोष कुमार ने बताया कि उन्होंने पटना एनआईटी में 40 वर्ष पढ़ाया है और 2003 में वह रिटायर हो गए थे. इसके बावजूद 2010 तक पटना एनआईटी में क्लास लेते रहे. उन्होंने बताया कि पटना एनआईटी का एलुमनाई बहुत अधिक सक्रिय है. उसका एक कारण यह भी है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यहां के छात्र रहे हैं. जब भी वह यहां आते हैं तो पूर्ववर्ती छात्रों का उनके साथ फोटो खिंचवाने के लिए अलग लगाव रहता है.

"रिवर इंजीनियरिंग पर एक किताब लिखी है और नीतीश कुमार को भी इसे गिफ्ट किया है. जिसके बाद उन्होंने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अपने इंजीनियर्स को पढ़वाईए कि इसमें क्या क्या है. नदी में गाद का जो प्रॉब्लम है, जो बाढ़ का प्रॉब्लम है उसके निराकरण की दिशा में इस किताब में चर्चा है. नीतीश कुमार दूसरे पॉलीटिशियन से काफी अलग हैं. वह पैसे के मामले में काफी ईमानदार है और कोई भी कार्य पैसे लेकर नहीं करते. ना ही किसी कार्य के लिए पैसे लेते हैं."-संतोष कुमार, सीएम नीतीश के शिक्षक

'विचारधारा के बारे में कुछ नहीं कहूंगा': शिक्षक संतोष ने कहा कि नीतीश कुमार की विचारधारा के बारे में वह नहीं बोलेंगे क्योंकि कोई कहता है कि वह कभी भाजपा के साथ चले जाते हैं, कभी राजद के साथ चले जाते हैं और यह एक अलग मुद्दा है. राजनीति की बातें हैं, लेकिन इतना जरूर है कि वह बहुत दृढ़ निश्चयी हैं. कोई भी कार्य दृढ़ निश्चय के साथ करते हैं.

'तीन साल पहले नीतीश को पीएम बनने मिला था आशीर्वाद': नीतीश कुमार के शिक्षक संतोष कुमार ने कहा कि आज से लगभग 3-4 साल पहले जब उनके पिताजी 98 वर्ष की आयु में मास्टर्स की डिग्री नालंदा खुला विश्वविद्यालय से हासिल किए, तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके घर आकर उनके पिताजी को सम्मानित किए थे और पैर छुए थे. तब उनके पिताजी ने उन्हें आशीर्वाद दिया था कि नीतीश कुमार एक दिन प्रधानमंत्री बनेंगे. पिताजी ने कहा था कि वह इसलिए ऐसा कह रहे हैं कि क्योंकि नीतीश जो कार्य किए हैं उसके लिए एक बहुत दृढ़ निश्चय की आवश्यकता है जो प्रधानमंत्री में होना चाहिए. संतोष कुमार ने कहा कि उनके पिता ने उस दौरान नीतीश कुमार को बताया कि प्रदेश में जो 50% महिला आरक्षण लागू किया गया, दूसरा प्रदेश में नशाबंदी लागू किया और तीसरा पूरे प्रदेश में बिजली की सुदृढ़ व्यवस्था कायम की गई. ये सभी बहुत सराहनीय कार्य हैं.

'ठेके पर शिक्षक नहीं रखे जाने चाहिए': संतोष कुमार ने प्रदेश में शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की कमी पर कहा कि पटना एनआइटी में शिक्षकों की कमी नहीं है लेकिन अन्य शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की काफी कमी है. यह सरकार की काफी घटिया हरकत है. यह घटिया हरकत इसलिए है क्योंकि आप उच्च शिक्षण संस्थानों में कॉन्ट्रैक्ट पर शिक्षक रख रहे हैं. ठेके पर शिक्षक नहीं रखे जाने चाहिए शिक्षक परमानेंट होने चाहिए. अच्छे क्वालिफाइड होने चाहिए और उनको क्वालिफिकेशन प्राप्त करने के लिए दूसरे संस्थानों में भेजा जाना चाहिए.

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