BPSC पेपर लीक पर बोले सुशील मोदी- 'जिनके राज में तीन पूर्व अध्यक्षों को जाना पड़ा जेल वो माफी मांगे'

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Published : May 9, 2022, 7:59 PM IST

BPSC पेपर लीक पर बोले सुशील मोदी

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और वर्तमान राज्य सभा सांसद सुशील मोदी ने बीपीएससी पेपर लीक मामले पर तेजस्वी के बयानों पर पलटवार किया है. सुशील मोदी ने कहा है कि आरजेडी के शासनकाल में BPSC के तीन-तीन पूर्व अध्यक्षों को जेल जाना पड़ा था. ऐसे लोग इल्जाम लगा रहे हैं इनको खुद बिहार की जनता से माफी मांगनी चाहिए. पढ़ें पूरी खबर

पटना : बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने बीपीएससी पेपर लीक और परीक्षा रद्द होने के मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि इससे छात्रों का समय बर्बाद हुआ. अब छात्रों को फिर से परीक्षा देनी होगी. सुशील मोदी ने कहा कि जैसे ही पेपर लीक होने की जानकारी सामने आई सरकार ने तुरंत जांच के आदेश देकर पेपर रद्द कर दिया. सुशील मोदी ने पेपर लीक कांड में शामिल आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की. साथ ही इस मामले में हो रही सियासत पर भी निशाना साधा.

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सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि लालू-राबड़ी राज में भ्रष्टाचार के कारण बीपीएससी के तीन पूर्व अध्यक्षों- प्रोसेसर रामसिंहासन सिंह, डा.रजिया तबस्सुम और डा. लक्ष्मी राय को जेल जाना पड़ा था. पेपर लीक प्रकरण में राजनीतिक रोटी सेंकने का मौका खोजने से पहले राजद को अपनी सरकार के समय हुए काले कारनामों पर माफी मांगनी चाहिए. यही नहीं सुशील मोदी ने निशाना साधते हुए कहा कि तब राजद राज में बीपीएससी को चार-पांच बैच की परीक्षाएं एकसाथ करानी पड़ती थीं. उनमें पैरवी-पैसे का जोर खूब चलता था.

'एनडीए सरकार ने बीपीएससी की साख बहाल करने के लिए अन्य राज्यों के विश्वसनीय विद्वानों की भी सेवाएँ लीं, जिससे आयोग के काम में गति और गुणवत्ता बढ़ी. अब परीक्षाएं नियमित होती हैं. पेपर लीक की घटना के बाद आयोग को और सतर्कता बरतनी होगी' : सुशील मोदी, राज्य सभा सांसद

  • राजद राज में बीपीएससी को चार-पांच बैच की परीक्षाएं एकसाथ करानी पड़ती थीं। उनमें पैरवी-पैसे का जोर खूब चलता था।

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टेलीग्राम ग्रुप पर पेपर लीक : बताया जाता है कि रविवार को बीपीएससी पीटी परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो चुका था. टेलीग्राम ग्रुप पर प्रश्न पत्र परीक्षा से कुछ मिनट पहले वायरल हो चुका था. बता दें कि टेलीग्राम एक मोबाइल एप्लिकेशन है. छात्रों ने परीक्षा समाप्त होने के बाद जब वायरल प्रश्न पत्र से परीक्षा में आये सवालों को मिलाया गया तो वायरल प्रश्न पत्र मैच कर गया. इसके बाद से कई स्थानों पर अभ्यर्थियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. बिहार के आरा जिले के वीर कुंवर सिंह कालेज परीक्षा केंद्र पर तो सैकड़ों परीक्षार्थियों ने खूब बवाल काटा था.

EoU ने दर्ज की FIR: इस मामले में EoU ने पहला केस दर्ज कर लिया है. 10 DSP स्तर के अधिकारी को IO बनाया गया है. जांच तेजी से आगे बढ़ रही है. इस मामले को खुद सीएम नीतीश मॉनिटर कर रहे हैं. जांच एजेंसियों को जांच में तेजी लाने के भी निर्देश दिए हैं. जांच का केंद्र बिंदू आरा का वीर कुंवर सिंह महाविद्यालय है. इस बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बिहार लोक सेवा आयोग के सचिव ने जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पहले यहीं से शिकायत प्राप्त हुई थी.

''सिर्फ आरा के सेंटर वीर कुंवर सिंह महाविद्यालय से उन्हें परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत प्राप्त हुई है. पुलिस प्रशासन की टीम जांच कर रही है और जांच रिपोर्ट आने के बाद रिपोर्ट से मीडिया को भी अवगत कराया जाएगा. जो प्रारंभिक परीक्षा हुई उसे रद्द कर दिया गया है. मामले को लेकर 20 जिलों के एडीएम आए थे. हम लोग साइबर सेल को पूरा सहयोग कर रहे हैं. जांच भी बहुत लम्बी नहीं चलेगी. परीक्षा की नई तारीख पर अभी निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन सेंटर से ही पेपर लीक हुआ है, परीक्षा भी जल्द लेंगे.'' - जीउत सिंह, सचिव, बीपीएससी

एक्शन में सीएम नीतीश : इसी बीच सीएम नीतीश कुमार ने इस पेपर लीक मामले में कठोर रुख अपनाते हुए पुलिस को तेजी से जांच करने का आदेश दिया है. उन्होंने कहा कि, ''कल जो हुआ, हम तो समय दे दिये थे अपनी पार्टी के बहुत लोगों को. हम वहां बैठकर लोगों से मिल रहे थे, वहीं पर मालूम हुआ हमको. जानकारी मिली तो हम तुरंत बाहर निकलकर पूछे. जैसे ही मालूम हुआ, वैसे ही तत्काल एक्शन लिया है. तुरंत उसको कैंसिल किया है. अब देख रहे हैं कि हर जिले को जो भेजा जाता है, उसमें कहां लीक है. किस तरह लीक हुआ? कैसे लीक हुआ. इसे देखते हुए तत्काल परीक्षा को रद्द कर दिया गया. जांच हो रही है.''

38 जिलों में 1083 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे : बिहार के कई जिलों में रविवार को बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा ली गई. इस परीक्षा में लगभग 5 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी पूरे राज्य से शामिल हुए थे. बीपीएससी पीटी परीक्षा को लेकर राज्य के 38 जिलों में 1083 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. राजधानी पटना में ही अकेले 83 केंद्रों पर 55710 छात्र परीक्षा दे रहे थे.

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