देशद्रोह कानून और लक्ष्मण रेखा पर कांग्रेस-RJD को बोलने का हक नहीं: सुशील मोदी

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Published : May 13, 2022, 7:46 PM IST

Sushil Kumar Modi On sedition law

राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने देशद्रोह कानून (Sushil Kumar Modi On sedition law) के मुद्दे पर निशाना साधने पर आरजेडी और कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने एक ट्वीट करके कहा कि इस मामले में कांग्रेस और राजद को बोलने का कोई हक नहीं है. इस कानून का सबसे ज्यादा दुरुपयोग कांग्रेस ने ही किया.

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री तथा राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने कहा कि 1974 में जेपी आंदोलन (JP movement In India) को कुचलने से लेकर मुंबई में हनुमान चालीसा पढ़ने वाली सांसद नवनीत राणा की गिरफ्तारी तक कांग्रेस और उसकी समर्थित सरकारों ने ही देशद्रोह विरोधी कानून ( Anti sedition law in India 124 A) का सबसे ज्यादा दुरुपयोग किया. सुशील मोदी ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं कह चुके हैं कि एनडीए सरकार अंग्रेजों के जमाने के 1500 से ज्यादा अनावश्यक कानून खत्म करने के बाद 124 A की भी नये सिरे से समीक्षा कर रही है, तब कांग्रेस और राजद को संविधान की लक्ष्मण रेखा पर टीका-टिप्पणी करने की कोई जरूरत नहीं है.

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मोदी ने कहा कि सरकार देशद्रोह-विरोधी कानून पर इस तरह पुनर्विचार करने को प्रतिबद्ध है कि मौलिक अधिकार-मानवाधिकार की रक्षा और देश की सम्प्रभुता-अखंडता की सुरक्षा के बीच विश्वसनीय संतुलन स्थापित हो. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कांग्रेस और राजद को याद दिलाया कि 1951 में पहले संविधान संशोधन के जरिये नेहरू सरकार ने बोलने की आजादी पर अंकुश लगाने की कोशिश की थी और 1974 में इंदिरा गांधी ने राजनीतिक विरोधियों का दमन करने के लिए 124 A के तहत दर्ज मामले को संज्ञेय अपराध बनाया था.

  • कांग्रेस और राजद को याद करें कि 1951 में पहले संविधान संशोधन के जरिये नेहरू सरकार ने बोलने की आजादी पर अंकुश लगाने की कोशिश की थी और 1974 में इंदिरा गांधी ने राजनीतिक विरोधियों का दमन करने के लिए 124 A के तहत दर्ज मामले को संज्ञेय अपराध बनाया था।

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वहीं सुशील मोदी ने कहा कि कांग्रेस और इंदिरा गांधी ने ही धारा-356 का 100 बार से ज्यादा दुरुपयोग कर चुनी हुई राज्य सरकारों को बर्खास्त किया. जो लोग हनुमान चालीसा प्रकरण में 124 A के खुले दुरुपयोग पर चुप्पी साध गए, वे लक्ष्मण रेखा पर किस मुंह से बोल रहे हैं?

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि राजद्रोह के आरोप से संबंधित सभी लंबित मामले, अपील और कार्यवाही को स्थगित रखा जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह मामलों की कार्यवाही पर भी रोक लगाई है. साथ ही नई प्राथमिकियां दर्ज नहीं करने के लिए कहा. इसी फैसले के बाद कांग्रेस और आरजेडी NDA नीत केंद्र सरकार पर हमलावर है.

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