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PATNA IGIMS: डॉक्टरों ने मरीज के ब्रेन की सर्जरी कर निकाले क्रिकेट बॉल से भी बड़ा ब्लैक फंगस

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Published : Jun 12, 2021, 1:51 PM IST

Updated : Jun 12, 2021, 2:37 PM IST

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पटना में शुक्रवार की देर रात आइजीआईएमएस (IGIMS) के डॉक्टरों की टीम ने एक मरीज के ब्रेन से क्रिकेट बॉल से बड़ा ब्लैक फंगस को ऑपरेशन (Black Fungus Operation) कर निकाला है. 3 घंटे से ज्यादा समय तक चले इस ऑपरेशन में डॉक्टर को सफलता मिली है. पढ़ें पूरी खबर...

पटना: बिहार में ब्लैक फंगस (Black Fungus in Bihar) का संकट गहराया हुआ है. ऐसे में आईजीआईएमएस (IGIMS) में लगातार ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज (Black Fungus Treatment) किया जा रहा है. शुक्रवार को आईजीआईएमएस के डॉक्टरों ने ब्लैक फंगस के एक मरीज के बेहद गंभीर ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया और मरीज के ब्रेन की सर्जरी (Brain Surgery) कर क्रिकेट के बॉल से भी बड़े आकार का ब्लैक फंगस निकाला.

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इस सर्जरी को करने में डॉक्टरों की टीम को ऑपरेशन थिएटर में 3 घंटे से अधिक समय लगे. आंखों को डैमेज किए बगैर ब्रेन में फंगस का जाल बन जाने के कारण मरीज को बार-बार मिर्गी का दौरा आ रहा था और वह बेहोशी की हालत में था. ऑपरेशन में क्रिकेट बॉल से बड़े आकार के फंगस के अलावा 100 ml से अधिक पस निकालने की बात डॉक्टरों ने बताई है. ऑपरेशन करने वाली डॉक्टरों की टीम का कहना था कि यह सर्जरी काफी जटिल थी, क्योंकि ब्रेन में ब्लैक फंगस ने काफी जाल फैला लिया था. इस जटिल सर्जरी को न्यूरो सर्जन डॉक्टर ब्रजेश कुमार और उनकी टीम ने अंजाम दिया. बता दें कि अब तक दर्जनों ब्लैक फंगस के मरीजों का ऑपरेशन भी किया गया है.

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आइजीआइएमएस के डॉक्टरों ने सफल ऑपरेशन किया

"ऑपरेशन काफी जटिल था. ब्लैक फंगस नागौर साइनस के बाद आंखों को थोड़ा टच करते हुए ब्रेन में आगे की तरफ पहुंच गया था और यह ब्रेन में काफी तेजी से फैल रहा था. हल्का सा फंगस का संक्रमण 2 सप्ताह में ही ब्रेन में इतना फैल गया कि इसका आकार क्रिकेट के बॉल से बड़ा हो गया."- डॉ. ब्रजेश कुमार, आइजीआइएमएस

"फंगस के बढ़ते प्रभाव को महसूस करते हुए यह तय किया गया कि मरीज की जितनी जल्दी सर्जरी हो जाए. उतना ही मरीज के लिए लाभदायक होगा और इसी के तहत शुक्रवार को पूरी टीम ने मरीज के ब्रेन की सर्जरी कर ब्लैक फंगस को बाहर निकाला." - डॉ. ब्रजेश कुमार, आइजीआइएमएस

डॉ. ब्रजेश कुमार ने बताया कि मरीज की आंखें बच गई हैं, क्योंकि इसने आंखों को अधिक डैमेज नहीं किया था और नाक के रास्ते फंगस सीधे ब्रेन में चला गया था. अमूमन ब्लैक फंगस ब्रेन तक पहुंचने से पहले आंखों को डैमेज कर देता है लेकिन इस केस में ऐसा नहीं था. उन्होंने बताया कि अब सर्जरी के बाद मरीज को काफी राहत है और वह खतरे से बाहर है.

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आईजीआईएमएस के अधीक्षक डॉक्टर मनीष मंडल ने जानकारी दी कि मरीज 60 वर्षीय अनिल कुमार जमुई जिला का रहने वाला था और उसे बार-बार मिर्गी का दौरा पड़ रहा था. जांच के दौरान ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई और उसके बाद उसे एडमिट किया गया था.

"आईजीआईएमएस ने 20 दिनों के अंदर 100 से अधिक मरीजों का ऑपरेशन कर रिकॉर्ड बनाया है. जिनमें से 56 मरीजों का इंडोस्कोपिक माध्यम से और 44 मरीजों का ओपन सर्जरी माध्यम से ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया है. अस्पताल में अब तक 18 मई से 174 ब्लैक फंगस के मरीज एडमिट हुए हैं जिनमें से 100 की सर्जरी हो चुकी है और सर्जरी के बाद 21 मरीजों को अस्पताल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया है." - डॉ. मनीष मंडल, अधीक्षक, आईजीआईएमएस

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डॉक्टर मनीष मंडल, अधीक्षक, आईजीआईएमएस

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आईजीआईएमएस के अधीक्षक ने जानकारी दी है कि अस्पताल में 25 मरीज ऐसे हैं जिनका स्टेज-2 और स्टेज-3 पर इंफेक्शन लेवल पहुंच चुका है. अब संस्थान ऐसे मरीजों की भी सर्जरी जल्द करने की तैयारी में जुट गया है. उन्होंने बताया कि अस्पताल का लक्ष्य है कि प्रतिदिन 6 से 8 ब्लैक फंगस के मरीजों का ऑपरेशन किया जा सकें, ताकि ब्लैक फंगस का बैकलॉग खत्म हो और इंफेक्शन कम करने के लिए मरीजों की जल्द सर्जरी कर उनकी जान भी बचाई जा सके.

Last Updated :Jun 12, 2021, 2:37 PM IST
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