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जनता जानती है नीतीश कुमार ही कर सकते हैं बिहार का विकास : श्रवण कुमार

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Published : Sep 9, 2020, 3:26 PM IST

श्रवण कुमार ने कहा कि कोरोना संकट में बिहार अछूता नहीं था, कोरोना जिस तरह से पैर फैला रहा था, लगता था की बिहार कंट्रोल से बहार चला जाएगा. लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने ऐसी योजना बनाई कि कोरोना भी कंट्रोल में आ गया.

पटना
पटना

पटना: विधानसभा चुनाव और कोरोना काल में सरकार की उपलब्धियों व चुनौतियों के संबंध में ईटीवी भारत ने ग्रामीण विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बड़े ही बेबाकी से कोरोना काल में सरकार की उपलब्धियों, प्रवासी श्रमिकों, बाढ़, शेल्टर होम कांड और सरकार के विकासोपरक रोडमैप को ईटीवी भारत से साझा किया.

पेश है बातचीत के विशेष अंश-

सवाल : कोरोना काल में आपके विभाग ने किस तरह से अपनी जिम्मेवारी का निर्वाह किया?

जवाब : कोरोना संकट में बिहार अछूता नहीं था, कोरोना जिस तरह से पैर फैला रहा था, लगता था की बिहार कंट्रोल से बहार चला जाएगा. लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने ऐसी योजना बनाई कि कोरोना भी कंट्रोल में आ गया और जो हमारे बिहार के लोग बहार में रहते थे, चाहे मजदूर हो चाहे, किसान हो, चाहे किसी अन्य पेशे में लगे हुए लोग हो. वो जब घर वापस लौटे, तो उनके सामने लगता था की बड़ी भरी चुनौती होगी. लेकिन धीरे-धीरे बिहार की सरकार ने मनरेगा के मध्यम से और अन्य विभागों के माध्यम से, ग्रामीण विकास के माध्यम से इस संकट से निपटने का योजना बनायी. बिहार में जो लोग आये उनको कही भटकना नहीं पड़ा. बिहार में ही उनके लिए रोजगार पैदा किया.

ईटीवी भारत की विशेष रिपोर्ट

सवाल : कितनों को आपने जॉब दिया, बिहार में जो लोग लौटे थे दूसरे प्रदेश से?

जवाब : हम लोग ने 2 लाख 23 हजार जॉब कार्ड बनवाया, लगभग तीन लाख श्रमिक शामिल किया. अभी तक हमने करीब 10 लाख जॉब कार्ड बनवाया. एक दिन में हम लोगों ने करीब इक्कीस लाख श्रमिकों को काम दिया है. जो लोग यहां लौट कर आये हैं, हम उनको काम भी दे रहे है और रोजगार भी दे रहे हैं.

सवाल : लेकिन यहां पर तो रिवर्स माइग्रेशन हो रहा है, लोग वापस दूसरे प्रदेशो में जॉब के लिए जा रहे हैं?

जवाब : ये सवाल का जवाब तो वही लोग दे सकते हैं, जो वापस जा रहे है. लेकिन मैं इतना जरूर कह सकता हूं कि आज किसी गांव से, किसी टोले से, किसी मोहल्ले से अगर मनरेगा में काम खोजते हैं, तो उनको काम देने के लिए हमारे पास पर्याप्त संसाधन हैं. जो लोग लौट कर आये हमने उनका केटेगरी वाइज सूची बनाई. लेकिन जो कोग दूसरे जगह जाकर जॉब करना चाहते हैं तो उनको रोक नहीं सकता है. उनकी इच्छा की पूर्ति हम नहीं कर सकते.

सवाल : माइग्रेशन आप रोकने में सक्षम नहीं है, क्या करना है?

जवाब : बिहार देश का पहला प्रदेश है, जहां चिंता गरीब का भी किया, किसान का भी किया, मजदूर का भी किया, छात्र का भी किया और नौजवान का भी किया. हर तबके के लोगों का चिंता हमारी सरकार ने किया. ग्राम पंचायत के स्तर पर जो दलित परिवार का है, अति पिछड़ा परिवार का है, अगर वो गांव में रोजगार करना चाहता है तो उसके लिए भी योजना है. बेरोजगारी हल करने का लक्ष्य पूरा हो रहा है बिहार में.

सवाल : विपक्ष का आरोप है की जो नीतीश कुमार ने वादे किये उन्होंने नहीं निभाए.

जवाब : विपक्ष क्या कहता है, हमको पता नहीं है, लेकिन इतनी बात जरूर है कि जो नीतीश कुमार ने कहा था, एक-एक करके उन्होंने पूरा किया, और आगे भी जो नीतीश कुमार कह रहे हैं वो पूरा करेंगे. नीतीश कुमार ने कहा था की बिहार में सात निश्चय लागू होगा, बिहार में सात निश्चय लागू हुआ. बिहार के बच्चे, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के माध्यम से दुसरे राज्यों में भी पढाई कर रहे हैं, इंजिनियर बन रहे हैं, मेडिकल में जा रहे हैं, प्रोफेसर बन रहे हैं.

सवाल : आपकी पार्टी की क्या तैयारी है चुनाव को लेकर?

जवाब : जब चुनाव की घोषणा होगी तब चुनाव की तैयारी होगी, अभी तो चिंता है हमे बिहार के लोगो की जो बाढ़ से परेशान है, जिनके फसल नुकसान हुए है और जो कोरोना के पीड़ित है. हमारी चिंता इन सब मुद्दों पर है, अभी चुनाव की चिंता नहीं है. हमारी प्राथमिकता जनता का खिदमत करना है, उनके सेवा करना है. उनकी तकलीप और पीड़ा को दूर करना है.

सवाल- लेकिन आप लोग वर्चुअल रैली के माध्यम से चुनाव प्रचार में जुटे है?

जवाब : जो काम हो रहा है उसमें सब लोग भाग ले रहे हैं, लेकिन हमारी प्राथमिकता लोगों की जान माल का ख्याल रखना है, जब चुनाव की घोषणा होगी तो वो भी हमारी प्राथमिकता में होगी.

सवाल : नीतीश कुमार की छवि को लेकर हमेशा सवाल उठते हैं, शेल्टर होम कांड और भ्रष्टाचार के मामले का भी उद्भेदन हुआ है.

जवाब : देखिये नीतीश कुमार जी ने कभी ये नहीं कहा की बिहार क्राइम फ्री हो गया है, बिहार में घटनाएं नहीं हो रही हैं. जो घटना है वो होती है थोड़ी बहुत, लेकिन घटनाओं को किस तरह से उद्भेदन होता है, ये आपको देखना चाहिए. जो हमारे मुख्यमंत्री जी इच्छा शक्ति है कि छोटी सी छोटी घटना और बड़ी से बड़ी घटना का किस तरीके से उद्भेदन होता है, चाहे जो भी मामला हो या घोटाला हो. न कोई फंसाया जाता है न कोई बचाया जाता है इस राज्य में. कानून के हिसाब से उनपर कार्रवाई होती है. चाहे वो कितने बड़े आदमी हो.

सवाल : शुरू का काल नीतीश जी का अच्छा रहा. उसके बलबूते पर वो दूसरी बार भी जीते, लेकिन तीसरी बार में वो महागठबंधन में चले गए, बीजेपी का साथ छोड़ दिया, जनता भी तो सोचती होगी की आप लोग केवल अपने स्वार्थ के लिए सोचते हैं.

जवाब : बिहार की जनता पूरी तरह से अस्सेसमेंट करती है, हमने क्या खोया और क्या पाया, कौन नेता गलत है और कौन नेता सही है. बिहार की जनता को मालूम है की नीतीश कुमार ही केवल ऐसे नेता हैं जो लोगों की दुःख को और मुसीबत को दूर कर सकते हैं. ठोक-ठठाक के बिहार की जनता नीतीश जी को परख चुकी है. बिहार की जनता को मालूम है कि इन्ही के नेतृत्व में बिहार आगे बढ़ सकता है.

सवाल : नीतीश कुमार ही वो नेता है जिन्होंने ये भी कहा था की मिट्टी में मिल जायेंगे लेकिन बीजेपी के साथ नहीं जायेंगे.

जवाब : अब तो बिहार की जनता न फैसला करेगी, अब तो दो महीने के अन्दर बिहार में चुनाव होंगे, और चुनाव में बिहार की जनता फैसल करेगी कि हमको नीतीश कुमार जी के साथ जाना है जो विकास की गति को आगे बढ़ा रहे हैं, गरीबों के मसले को हल कर रहे हैं, न्याय के साथ विकास के लिए जाना है या दूसरे के साथ जाना है. ये तो आने वाले चुनाव में सिद्ध हो जायेगा. अब तो बिहार की जनता के हाथ में बॉल है जिधर चाहे उधर फेंके. लेकिन मुझे विश्वास और भरोसा है कि जैसे हम लोगों ने बिहार की जनता का खिदमत किया है, नीतीश कुमार को छोड़कर बिहार की जनता किसी और को नहीं चुनने वाली है.

सवाल : नीतीश जी जब मांझी जी को मुख्यमंत्री बनाया था और जब मांझी जी मुख्यमंत्री पद से हटे थे तब नीतीश जी ने हाथ जोड़कर कहा था कि मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई. आज उसी मांझी जी को बुलाकर साम्मान दे रहे हैं, ये किस तरह की राजनीती है.

जवाब : राजनीति संभवानाओं का खेल है, सम्भावना प्रबल होता है, आगे देखते जाइये क्या क्या होता है.

सवाल : सीट बंटवारे को लेकर क्या चल रही है, आपके घटक दल लोजपा लगातार नीतीश कुमार पर अटैक कर रहे हैं. बिना लोजपा के आप लोग चुनाव में जा रहे हैं क्या?

जवाब : जब समय आएगा तो टिकट का बंटवारा भी होगा, जब समय आयेगा तो कैंपेन भी होगा, समय आयेगा तो चुनाव भी होगा.

सवाल : क्या आपको नहीं लगता की लोजपा गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रही है.

जवाब : सभी नेता मिल बैठके समाधान कर लेंगे. जहां तक टिकट का मसला है, चुनाव तक सब ठीक हो जायेगा, कोई झंझट नहीं है, कोई दुर्भावना, कोई दूसरी बात नहीं. नीतीश कुमार के गले में चाहे लोजपा हो चाहे भाजपा हो सब मिलकर एक बार फिर मुख्यमंत्री का माला पहनाएंगे. हमको नहीं मालूम है चिराग पासवान क्या बोल रहे है, क्या टिका टिपण्णी कर रहे हैं, लेकिन इतनी बात जरूर पता है कि सब लोग को बिहार में चुनाव एक साथ लड़ना है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा साहब ने कह दिया है की नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव होगा और सरकार बनाएंगे. जब राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कह दिया तो दूसरे की बात पर हम लोग जाने वाले नहीं है.

सवाल : कहीं ऐसा तो नहीं कि आपने मांझी जी को लोजपा को साइड लाइन करने के लिए लाया है?

जवाब : नहीं, ऐसी बात नहीं है, बहुत लोग आ रहे हैं, इस दल से उस दल में जा रहे हैं, रोज ज्वाइनिंग हो रही है, जिनको जहां पसंद है वहां जा रहे हैं.

सवाल : बार-बार नीतीश जी को मुख्यमंत्री बनाने पर जोर दिया जा रहा है, कहीं बैक चैनल में कुछ प्लानिंग तो नहीं चल रही है?

जवाब : आप लोग जब पूछते है तो क्या बोला जायेगा, आप जितने बार पूछियेगा, उतनी बार जवाब देगे. नहीं देंगे जवाब तो आप लोग कहिएगा की कुछ जानते ही नहीं है. पक्का नहीं बिलकुल, नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे. हंड्रेड परसेंट नहीं एक हज़ार एक प्रतिशत.

सवाल : एक समय था जब नीतीश जी ने थाली छीन ली थी बीजेपी का?

जवाब : जो समय बीत गया, उसकी चर्चा हम नहीं करते है , अभी आगे आने वाली चीजों को देख रहे हैं.

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