पटना: शहरों की संख्या बढ़े इसके लिए बिहार सरकार ने 111 नए शहरी निकायों की मंजूरी दी है. जिसमें 103 नगर पंचायत और 5 नगर निगम का विस्तार किया गया है. अब बिहार में कुल 17 नगर निगम है. हालांकि पहले से मौजूद 12 नगर निगम में आज भी मूलभूत सुविधाओं के साथ कर्मचारियों की कमी देखने को मिल रही है.
यह भी पढ़ें- जेपी आंदोलन ने बदली राजनीति की तस्वीर, लेकिन क्रांति के लक्ष्य से आज भी हम दूर
हमारा विभाग इन सारे शहरों के विस्तारीकरण लेकर देख रहा है. हम सब का प्रयास है कि बिहार के जितने भी स्थानीय नगर निकाय हैं. हमारे विभाग का प्रावधान है कि स्थानीय नगर निकाय बेहतर काम करें. स्थानीय नगर निकाय को लेकर विभाग लगातार समीक्षा भी कर रहा है. हमें उम्मीद है कि आने वाले वित्तीय वर्ष में बिहार के दो प्रमुख स्थानीय निकाय हैं वह बेहतर प्रदर्शन करेंगे.- तारकिशोर प्रसाद, नगर विकास विभाग के मंत्री सह उपमुख्यमंत्री
यह भी पढ़ें- नक्सलियों के बिहार बंद के आह्वान पर पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के SP को किया अलर्ट
17 हुई नगर निगम की संख्या
बिहार में पहले से 12 नगर निगम को बढ़ाकर 17 कर दी गयी है. इनमें बेहतर सुविधा देने की बात कही जा रही है. पर सच्चाई तो यह है कि पहले से मौजूद 12 नगर निगम में आज भी मूलभूत सुविधाओं के साथ कर्मचारियों की कमी देखने को मिल रही है. हालांकि मंत्री कह रहे हैं इसे दूर करने की लगातार कोशिश की जा रही है.
पटना नगर निगम का हाल
सबसे बड़े निगम पटना नगर निगम की सच्चाई देख आप हैरान हो जाएंगे. जब पटना नगर निगम की स्थापना हुई थी तो निगम क्षेत्र में साढ़े चार लाख जनसंख्या थी. उस पर 4600 कर्मचारी कार्यरत थे. लेकिन आज शहर की जनसंख्या 20 लाख है. उस अनुपात में कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ी. निगम में कुल 20000 कर्मचारियों की संख्या होनी चाहिए थी जो सिर्फ 8 हजार है.
आज के समय में शहर की जो जनसंख्या है. उस जनसंख्या के अनुसार हम, लोगों को मूलभूत सुविधा नहीं दे पाते हैं. इसकी वजह यही है कि हमारे पास कर्मचारियों की संख्या कम है.- इंद्रदीप चंद्रवंशी, स्टैंडिंग सदस्य, पीएमसी
दैनिक और आउटसोर्सिंग पर सफाई कर्मियों की संख्या 5200 है. जो शहर की सफाई व्यवस्था में दिन रात लगे रहते हैं. कर्मियों की संख्या कम है और शहर की जनसंख्या काफी बढ़ गई है. जिसकी वजहस परेशानी हो रही है.- नंद किशोर दास ,सफाई कर्मियों के नेता
पहले 12 नगर निगम थे
पटना |
मुजफ्फरपुर |
भागलपुर |
दरभंगा |
मुंगेर |
गया |
आरा |
बिहारशरीफ |
पूर्णिया |
बेगूसराय |
कटिहार |
छपरा |
नए नगर निगम
सासाराम |
मोतिहारी |
बेतिया |
मधुबनी |
समस्तीपुर |
निगम में कर्मियों की कमी
पटना नगर निगम में कुल 6 अंचल कार्यालय हैं. हर एक अंचल कार्यालय में एक एग्जीक्यूटिव अधिकारी की जरूरत होती है. लेकिन दो अंचल कार्यालय में आज भी एग्जीक्यूटिव अधिकारी की कमी है. वहीं अपर नगर आयुक्त की संख्या की बात करें तो पटना नगर निगम क्षेत्र में 3 अपर नगर आयुक्त की जरूरत होती है. लेकिन अभी मात्र दो अपर नगर आयुक्त ही कार्यरत हैं. डाटा एंट्री ऑपरेटर कर्मचारियों की संख्या की बात करें तो नगर निगम मुख्यालय में लगभग 1500 डाटा ऑपरेटर कर्मचारियों की जरूरत है लेकिन अभी मात्र 700 ही डाटा ऑपरेटर कार्यरत हैं. जो विभिन्न क्षेत्रों के लिए कार्य करते हैं. 20 हजार सफाई कर्मियों की जरूरत लेकिन अभी मात्र 52 सौ सफाई कर्मी कार्य कर रहे हैं. 75 वार्ड में कुल 20 हजार सफाई कर्मियों की जरूरत है. लेकिन अभी मात्र 52 सौ सफाई कर्मी ही कार्य कर रहे हैं.