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बोचहां उपचुनाव में NDA को BJP का ओवर कॉन्फिडेंस ले डूबा ! रणनीतिकारों को लगा जोर का झटका

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Published : Apr 16, 2022, 1:52 PM IST

बोचहां विधानसभा सीट पर RJD उम्मीदवार को अजेय बढ़त मिली है. एनडीए उम्मीदवार बेबी कुमारी काफी पीछे रह गईं हैं. ऐसे में एनडीए को जोर का झटका जोर से लगा है. आरजेडी ने इस सीट पर फतह कर एनडीए के साथ ही राजनीतिक पंडितों को भी चौंका दिया है. पढ़ें पूरी खबर..

Shock to NDA in bochaha assembly seat
Shock to NDA in bochaha assembly seat

पटना: मुजफ्फरपुर के बोचहां विधानसभा सीट (bochaha assembly seat) के लिए बीते मंगलवार को उपचुनाव हुआ था और अब नतीजे भी सबके सामने है. उपचुनाव में जहां भाजपा को बड़ा झटका लगा है. वहीं राजद एनडीए से सीट छीनने में कामयाब रही है. भाजपा और राजद प्रत्याशियों के बीच जो मतों का अंतर है वह भी बहुत ज्यादा है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को छोटे दलों ने उलझा दिया है. चुनाव के नतीजों के बाद नए सिरे से गठबंधन की सियासत को धार देने पर मंथन शुरू हो गया है.

पढ़ें- Live Update: बोचहां में RJD उम्मीदवार को अजेय बढ़त.. 20वें राउंड की गिनती में 29771 मतों से आगे

एनडीए को झटका: बोचाहां विधानसभा सीट को लेकर एनडीए में बवंडर खड़ा हुआ और अब नतीजे भी सामने आ गए. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में कलह की वजह से सीट राजद के खेमे में चली गई. बड़े मतों के अंतर से एनडीए को हार का सामना करना पड़ा है. दरअसल भाजपा और वीआईपी बोचहां सीट को लेकर उलझ गई. जिद में मुकेश सहनी को जहां मंत्री पद गंवाना पड़ा, वहीं एनडीए को सीटिंग सीट से हाथ धोना पड़ा. 2024 लोकसभा चुनाव से पहले बोचहां उपचुनाव के नतीजे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेताओं के लिए खतरे की घंटी है. बड़े मतों के अंतर से मिली शिकस्त ने भाजपा नेताओं के चेहरे पर शिकन ला दी है.

बोचहां में आरजेडी ने लहराया परचम: उपचुनाव में सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी पार्टी आरजेडी के बीच सीधा मुकाबला था. वीआईपी पार्टी मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में जुटी थी. लेकिन बोचहां की जनता ने मुसाफिर पासवान के पुत्र और राजद उम्मीदवार अमर पासवान को विधायक चुना. उपचुनाव में दो छोटे दलों ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के शीर्ष नेताओं को मुश्किल में डाल दिया. जदयू के चलते जहां चिराग पासवान को एनडीए छोड़ना पड़ा वहीं भाजपा के चलते मुकेश सहनी को एनडीए छोड़ना पड़ा. उपचुनाव में दोनों दलों ने पैंतरा बदला और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को सीट गंवानी पड़ी.

उपचुनाव में बड़े मतों के अंतर से हार के बाद भाजपा की रणनीति पर भी सवाल उठने लाजमी है. भूमिहार बहुल बोचहां विधानसभा सीट पर ऐसी हार की उम्मीद कम से कम भाजपा नेताओं को नहीं थी.

आइए जानते हैं वह कौन कौन से कारण थे जिसके वजह से भाजपा को बोचहां में हार मिली...

  • पूर्व मंत्री और कद्दावर नेता सुरेश शर्मा को पार्टी मना नहीं सकी.
  • बिहार सरकार के स्थानीय मंत्री के रवैए से नाराज थे जाति विशेष के नेता.
  • भाजपा के स्थानीय नेता कई गुटों में बटे.
  • मुकेश सहनी के अलग लड़ने से भाजपा को हुआ नुकसान.
  • चिराग पासवान का समर्थन नहीं हासिल कर सकी भाजपा.
  • पासवान वोटरों ने जाति के आधार पर किया मतदान
  • पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा, अमर पांडे और अजीत सिंह ने की भाजपा विरोध की सियासत.
  • भाजपा में पिछड़ी राजनीति से अगड़ी जाति के नेताओं में नाराजगी.
  • जदयू ने नहीं झोंकी पूरी ताकत.






भाजपा की राह हुई मुश्किल: भाजपा के लिए 2024 लोकसभा चुनाव बड़ी चुनौती है. पार्टी हर हाल में बिहार में 35 से ज्यादा लोकसभा सीट जीतना चाहेगी और अब नतीजे को दोहराने के लिए गठबंधन के आकार को मूर्त रूप देने की चुनौती भाजपा और जदयू नेताओं के समक्ष है. जीत और हार के बीच अंतर ने भाजपा और जदयू नेताओं को चिंता में डाल दिया है. कांग्रेस से अलग होने के बावजूद राजद का वोट शेयर बढ़ा और भाजपा के उम्मीदवार कमजोर पड़ गए. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के शीर्ष नेताओं के समक्ष गठबंधन को व्यापक बनाने की चुनौती है और छोटे दलों की सहभागिता कैसे निश्चित हो इससे भी नेताओं को जूझना होगा.

आरजेडी को मिला एमवाई वोटर्स का सपोर्टः मुजफ्फरपुर जिले की बोचहां विधानसभा की सीट वीआईपी विधायक मुसाफिर पासवान के असमय निधन के कारण खाली हुई है. मुसाफिर पासवान के बेटे अमर पासवान को आरजेडी ने टिकट दे दिया जो मजबूत दावेदारों में से एक हैं. अमर पासवान के साथ पासवान समाज का सिंपैथी वोट के साथ-साथ मुस्लिम और यादव वोट बैंक भी है. वहीं बीजेपी ने बेबी कुमारी को इस बार टिकट दिया है. 2020 में वीआईपी को सीट दिए जाने के कारण बेबी कुमारी का टिकट कट गया था.

चुनावी मैदान में थे कुल 13 प्रत्याशी: बोचहां सीट पर आरजेडी ने जहां दिवंगत विधायक मुसाफिर पासवान के बेटे अमर पासवान को प्रत्याशी बनाया है, वहीं एनडीए की ओर से बीजेपी ने पूर्व विधायक बेबी कुमारी पर दांव लगाया है. इसके अलावा वीआईपी ने यहां से पूर्व मंत्री रमई राम की पुत्री गीता कुमारी को चुनावी दंगल में उतार दिया है. इस चुनाव में कुल 13 प्रत्याशी चुनावी मैदान में भाग्य आजमा रहे हैं. एनडीए प्रत्याशी के चुनाव प्रचार के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित बिहार के कई मंत्री और केंद्रीय मंत्री इस क्षेत्र का दौरा कर चुनावी प्रचार में हिस्सा ले चुके हैं.

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