पटना: बजट सत्र के दौरान राजभवन में टी पार्टी (Tea party at Raj Bhavan during budget session) की परंपरा पहले से ही रही है. राजभवन में मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष सहित पटना और तिरहुत प्रमंडल के सभी दल के विधायकों ने टी पार्टी में शिरकत किया. इस दौरान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने मुकेश सहनी (Mukesh Sahni Dismissed From Nitish Cabinet) पर जमकर निशाना साधा और कहा कि उन्हें यह वहम हो गया था कि वो जो चाहेंगे वही होगा लेकिन ऐसा नहीं होने वाला है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के साथ आकर भी वह भारतीय जनता पार्टी को आंखें दिखा रहे थे.
पढ़ें- बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने की मांग, 'मुकेश सहनी के विभाग की हो जांच'
'मुकेश सहनी ने पार्टी और समाज को दिया धोखा': वीआईपी चीफ मुकेश सहनी नीतीश मंत्रिमंडल से बाहर ( Action Against Mukesh Sahani) हो गए हैं. रविवार शाम को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी अनुशंसा की थी, जिसपर राज्यपाल ने मुहर लगा दी. इसके साथ ही बाद मुकेश सहनी का मंत्री पद छिन (Mukesh Sahni Dismissed From Nitish Cabinet) गया. इस पर संजय जायसवाल ने कहा कि उनका इतिहास रहा है कि जिस जिसके साथ गए हैं, सबको धोखा दिए हैं. साथ ही उन्होंने मछुआरा समाज को भी बहुत बड़ा धोखा देने का काम किया है.
"जिस व्यक्ति ने मछुआ समाज को इतना तंग किया हो, तबाह किया हो, समाज को भ्रष्टाचार में लिप्त किया हो, जानबुझकर एक अफसर को मछुआ समाज का अध्यक्ष बनाया हो, उसके साथ जो होना चाहिए था वो हुआ. जीवन भर उन्होंने जिस दल के साथ रहे उसके साथ विश्वासघात किया. जिस समाज ने उनको बनाया उस समाज के साथ सबसे ज्यादा विश्वासघात किया. वो पहले भी बोले थे कि हम मर्ज कर जाएंगे. जब देखा उन्होंने कि हम बहुमत से थोड़े से ही ज्यादा हैं तो उनकी भाषा बदल गई. पहले बोलते थे कि विलय कर लेंगे, फिर बोले कि नहीं इतने ही कम है तो जैसा चाहेंगे वही होगा. बिना मेहनत के राजनीति करने का उन्हें वहम हो गया था."-संजय जायसवाल, प्रदेश अध्यक्ष,बीजेपी
डिप्टी सीएम का मुकेश सहनी पर हमला: वहीं उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि पहले से ही बजट सत्र के दौरान टी पार्टी का आयोजन किया जाता है. जब उनसे पूछा गया कि मुकेश सहनी को आप लोगों ने मंत्रिमंडल से हटा दिया तो उन्होंने कहा कि जो जैसा करता है वैसा भरना होता है. सब कुछ आप लोगों के सामने है. आप लोगों ने सब कुछ देखा है और वह किस तरह का बयान देते थे. वह किस तरह की बातें करते हैं वह भी सभी को पता है.
मुकेश सहनी पर कार्रवाई को बीजेपी ने ठहराया सही: कुल मिलाकर देखें तो मुकेश सहनी को लेकर पूरी तरह से एनडीए एकजुट दिख रही है. जो कार्रवाई मुकेश सहनी के खिलाफ हुई है निश्चित तौर पर बीजेपी के सभी नेता ने एक सुर से उसे सही बताया है. अगर गौर से देखा जाए तो यूपी चुनाव के बाद से ही बीजेपी के नेता मुकेश सहनी के खिलाफ बोलने लगे थे. उनसे नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांग रहे थे. रही सही कसर बोचहां विधानसभा उपचुनाव ने पूरी कर दी. बीजेपी यहां से बेबी कुमारी को प्रत्याशी क्या बनायी वीआईपी में खलबली मच गयी. मुकेश सहनी के दिल में अचानक से लालू यादव के लिए प्यार उमड़ने लगा. नीतीश कुमार और ललन सिंह से मुलाकात के बाद दिल्ली भी गए. जब बात नहीं बनी तो फ्रेंडली फाइट पर उतर गए. हालांकि उन्होंने कहा कि एक तरह से एनडीए से उन्हें बाहर कर दिया गया है. बीजेपी वाले भी जैसे ताक में बैठे थे. उधर बोचहां सीट से उम्मीदवारों ने नामांकन किया इधर पटना में खेला शुरू हो गया. बुधवार शाम से हलचल बढ़ने लगी. रात होते-होते वीआईपी के तीनों विधायक राजू सिंह, मिश्री लाल यादव और सवारना सिंह 'नाव' से उतरकर 'कमल' खिलाने पहुंच गए. ऐसे में बार-बार सरकार को गिराने की धमकी देने वाले सहनी औंधे मुंह गिर पड़े.
उत्तर प्रदेश में लिखी गयी पटकथा : कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने गए थे उसी समय इसकी पटकथा लिखी जा चुकी थी. नीतीश कुमार और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मुलाकात हुई थी. उसी में मुकेश सहनी को कैबिनेट मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाए जाने की बात हुई थी. हालांकि इसकी चर्चा तब से ही शुरू हो गई थी, जब वीआईपी के तीनों विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बावजूद सहनी ने कहा था कि वे मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे. सीएम अगर चाहें तो उनको बर्खास्त कर सकते हैं.
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP