पटना: बिहार विधानसभा की 2 सीटों पर उपचुनाव होना (Bihar Assembly By Election 2022) है. इसको लेकर मोकामा और गोपालगंज में राष्ट्रीय जनता दल ने अपना उम्मीदवार दिया है. इसको लेकर बिहार विधान परिषद में विरोधी दल के नेता सम्राट चौधरी (Opposition Leader Samrat Choudhary) ने आरोप लगाया है कि गोपालगंज से राष्ट्रीय जनता दल का उम्मीदवार मोहन प्रसाद गुप्ता शराब व्यापारी हैं. झारखंड में उनके खिलाफ मामला भी पहले से दर्ज है. ऐसे हालत में जब नीतीश कुमार क्या उनके समर्थम में चुनाव प्रचार करेंगे?. बिहार में सीएम नीतीश कुमार शराबबंदी कानून लगाए हुए हैं तो इस तरह के उम्मीदवार को मैदान में खड़ा करना कहां तक उचित है. इसका जवाब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देना ही होगा.
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'सीएम नीतीश कुमार अपने आपको गांधी और जयप्रकाश नारायण का अनुयायी बताते हैं और कहते हैं कि गांधी की नीति पर हमने शराबबंदी किया है. वहीं, दूसरी तरफ बिहार में राष्ट्रीय जनता दल ऐसे उम्मीदवार को मैदान में उतारा है जो शराब का व्यापारी है. ऐसे में क्या नीतीश कुमार वहां चुनाव प्रचार करने जाएंगे, भारतीय जनता पार्टी इसका उत्तर जाननी चाहती है. नीतीश कुमार इन सवालों का जवाब जरूर दें. वैसे नीतीश कुमार कब किस बात को लेकर पलटी मार देंगे उसका कोई ठिकाना नहीं है. लेकिन फिलहाल जिस तरह का उम्मीदवार उनके गठबंधन के लोगों ने गोपालगंज में दिया है, इससे इनकी जो सोच है, उससे सीधा-सीधा वह उलट है.' - सम्राट चौधरी, नेता विरोधी दल, बिहार विधान परिषद
सम्राट चौधरी ने सीएम नीतीश कुमार पर कसा तंज : इतना ही नहीं नेता विरोध दल सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार डीजीपी को लेकर जो बयान दिया है उसपर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. कहा कि मुख्यमंत्री आज डीजीपी को लेकर जो बयान दिए हैं, वो दुर्भाग्यपूर्ण है. अगर कोई व्यक्ति रिटायर हो रहा हो और अपराध किया हो तो क्या उसे माफ करने का कोई कानून है. अगर नहीं तो, वर्तमान डीजीपी की गतिविधि पर जांच क्यों ना हो?. उन्होंने कहा कि जो जांच अभी चल रही है उसको भी मुख्यमंत्री ने बयान देकर प्रभावित कर दिया है. भाजपा मांग करती है कि डीजीपी की जो गतिविधि रही है, उस पर सीबीआई जांच होनी चाहिए.
महागठबंधन के लिए बड़ी चुनौती: गौरतलब है कि गोपालगंज सीट बीजेपी के विधायक सुभाष सिंह के असमय निधन के कारण खाली हुई है. बीजेपी ने सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी को उम्मीदवार बनाया है तो आरजेडी के तरफ से मोहन गुप्ता को टिकट दिया गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल होने के बाद यह पहला चुनाव है इसलिए महागठबंधन के लिए यह एक बड़ी चुनौती है लेकिन महागठबंधन के उम्मीदवार के नामांकन के समय जदयू के तरफ से कोई भी बड़ा चेहरा शामिल नहीं था. ऐसे में अब चुनाव प्रचार पर भी कई तरह के कयास लग रहे हैं.
3 नवंबर को होगा उपचुनाव : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह चुनाव प्रचार में जाएंगे कि नहीं इस पर सस्पेंस बना हुआ है. आपको बता दें कि 17 अक्टूबर को नामांकन वापसी का अंतिम दिन है और 3 नवंबर को चुनाव होगा. जबकि 6 नवंबर को मतगणना होगी. ऐसे चुनाव प्रचार के लिए बीजेपी ने 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है. अब आरजेडी देखना है कब तक स्टार प्रचारकों की सूची जारी करती है और उसमें नीतीश कुमार ललन सिंह के साथ अन्य घटक दलों के नेता शामिल होते हैं या नहीं, मोकामा और गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव में जीत के दावे महागठबंधन खेमे के तरफ से भी हो रहा है और बीजेपी के तरफ से भी हो रही है.
CM के DGP के बयान पर राजनीति गर्म : बताते चलें कि बिहार DGP फेक कॉल मामले में घिरते नजर आ रहे हैं. अभिषेक अग्रवाल के फर्जी कॉल पर आईपीएस आदित्य कुमार (IPS Aditya Kumar Case) की गलतियों पर पर्दा डाल क्लीन चिट देने वाले बिहार के डीजीपी एसके सिंघल खुद फंस गए हैं. इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार डीजीपी के बचाव में उतर गए हैं. नीतीश कुमार ने कहा है कि 'बेचारे DGP दो महीने में रिटायर होने वाले हैं.' ऐसे में माना जा रहा है कि नीतीश कुमार ने डीजीपी सिंघल को माफ कर दिया है. बता दें कि बिहार के डीजीपी एसके सिंघल दिसंबर में रिटायर होने वाले हैं.