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Ravidas Jayanti in JDU: संत रविदास जयंती पर ललन सिंह और उमेश कुशवाहा ने किया नमन

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Published : Feb 5, 2023, 9:36 PM IST

जदयू कार्यालय में आयोजित रविदास जयंती पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा शामिल हुए. वहीं उपेंद्र कुशवाहा ने अपने आवास पर अलग से रविदास जयंती का आयोजन (Upendra Kushwaha organized Ravidas Jayanti ) किया.

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पटनाः बिहार की राजधानी पटना में जदयू कार्यालय में महान संत शिरोमणि, महान दार्शनिक, समाज सुधारक, कवि और भक्ति आंदोलन के नेतृत्वकर्ता गुरु रविदास की जयंती (Ravidas Jayanti in Patna JDU offic) पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई. उनके तैल्य चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद राजीव रंजन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व मंत्री संतोष कुमार निराला सहित पार्टी के कई नेता शामिल थे. वहीं दूसरी तरफ जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने अपने सरकारी आवास पर महात्मा फुले समता परिषद् के साथियों के साथ रविदास जयंती का आयोजन किया.

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संत रविदास के आदर्शों को सरजमीं पर उतार रहे नीतीश कुमार: प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि गुरु रविदास जी के जो आदर्श और विचार रहे हैं. आज उसको मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरजमीं पर उतारने का काम कर रहे हैं और यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है. संत शिरोमणि रविदास जी ने मानवता और विश्व बंधुत्व के साथ-साथ सामाजिक समरसता के संवर्धन के लिए कार्य किया. विश्व समुदाय को एकता, अखंडता और भाईचारे का संदेश दिया था. उन्होंने अपनी रचनाओं से समाज में व्याप्त बुराइयों एवं कुरीतियों को दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया.

"गुरु रविदास जी के जो आदर्श और विचार रहे हैं. आज उसको माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरजमीं पर उतारने का काम कर रहे हैं और यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है. संत शिरोमणि रविदास जी ने मानवता और विश्व बंधुत्व के साथ-साथ सामाजिक समरसता के संवर्धन के लिए कार्य किया" - उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जदयू

जात-पात के प्रबल विरोधी थे संत रविदासः उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि उनकी उक्ति 'मन चंगा तो कठौती में गंगा' आज भी जन-जन के मुंह पर है. वास्तव में यह कहावत मानव मूल्य और नैतिकता के महत्व पर बल देती है. मीराबाई ने भी उन्हें अपना आदर्श माना. इन्होंने सती प्रथा जैसी कुरीतियों को रोकने का संभवत: प्रथम सार्थक प्रयास भी किया. उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि संत रविदास जी जात-पात के प्रबल विरोधी थे और सामाजिक समानता एवं समरसता की प्रेरणा देने वाले थे.


उपेंद्र कुशवाहा को आमंत्रण नहीं मिला, उन्होंने घर पर किया आयोजनः वहीं जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान विधान पार्षद उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि संत गुरु रविदास जी समता, एकता और समाजिक सौहार्द का पाठ पढ़ाने वाले महा मानव थे. उनके साथ सैकड़ों साथियों ने गुरु रविदास जी के चरणों में पुष्प अर्पित किया.जदयू की ओर से लगातार महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि के कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं और उन कार्यक्रमों से जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को दूर रखा जा रहा है. किसी कार्यक्रम में उपेंद्र कुशवाहा को आमंत्रण नहीं दिया गया.

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