बिहार में राजस्व विभाग में रेटिंग और ग्रेडिंग की व्यवस्था, परफॉर्मेंस के आधार पर बांका जिला अव्वल

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Published : Nov 17, 2022, 7:16 PM IST

सचिवालय

बिहार सरकार के राजस्व विभाग में रेटिंग और ग्रेडिंग की व्यवस्था (Rating and Grading System in Revenue Departmen) की गई है. जिसमें परफॉर्मेंस के आधार पर जिलों को स्थान दिया गया है. इसके तहत परफॉर्मेंस के आधार पर बांका जिला पर पहला स्थान मिला है. पढ़ें पूरी खबर.

पटना: बिहार में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग (Land Reforms and Revenue Department) कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए विभाग में नए प्रयोग कर रही है. एक ओर जहां ग्रेडिंग और रेटिंग की व्यवस्था लागू (Grading System in Revenue Department in Bihar) की गई है. वही बेहतर काम करने वाले जिलों और अधिकारियों को पुरस्कृत करने की योजना भी है. इसके अलावा म्यूटेशन के लिए पहले आओ पहले पाओ की व्यवस्था भी विभाग लागू करने जा रही है.

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अंचल अधिकारी के दफ्तर के बाहर लगेंगे सूचना पट्ट: बिहार में भूमि विवाद से जुड़े मामलों ने सरकार के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी है. राष्ट्रीय स्तर पर भूमि विवाद के मामले में बिहार अव्वल है. भूमि सुधार विभाग के सामने कार्य प्रणाली को सुधार करना बड़ी चुनौती है. बिहार सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता में लगभग ढाई महीने पहले कार्यभार संभाला है. इस दौरान विभाग में कई तरह के नए प्रयोग किए जा रहे हैं.

राजस्व विभाग में ग्रेडिंग की व्यवस्था: नए मंत्री के समक्ष चुनाव की कार्यप्रणाली में सुधार और भ्रष्टाचार को कम करने की है. मंत्री के अवसर पर कई सुधारात्मक कार्य भी किए गए रेटिंग और ग्रेडिंग की व्यवस्था की गई है. साथ ही बेहतर कार्य करने वाले जिलों और पदाधिकारियों को पुरस्कृत करने की योजना भी है.

एक नजर डालते हैं विभाग के ताजा आंकड़ों पर- राजस्व विभाग विभाग के मुताबिक कार्य क्षमता के आधार पर जिलों की रेटिंग की गई है. बांका जिले को पहला स्थान हासिल हुआ है. कुल मिलाकर 78.48% नंबर बांका जिले को मिले हैं. 83.90% म्यूटेशन के मामले में बांका जिले ने डिस्पोजल किया है. लगान जमाबंदी के मामले में बांका जिले को 93.40% अंक हासिल हुए है.

दूसरे स्थान पर पूर्णिया जिला: दूसरे स्थान पर पूर्णिया जिला है. पूर्णिया जिले में 70.35% अंक हासिल किया है और म्यूटेशन के मामले में 66% डिस्पोजल है. लगान अपडेशन के मामले में पूर्णिया को 84% अंक मिले हैं. तीसरा रैंक सारण को मिला है. सारण जिले को 68 .84% अंक हासिल हुए हैं. म्यूटेशन डिस्पोजल के मामले में 61.61% अंक मिले हैं, तो जमाबंदी डिस्पोजल के मामले में 80. 62% अंक मिले हैं.

भागलपुर को मिला चौथा स्थान: चौथा रैंक भागलपुर को हासिल हुआ है. कुल मिलाकर भागलपुर को 68.48 % अंक मिले हैं. म्यूटेशन के मामले में भागलपुर को 79.54 % और जमाबंदी डिस्पोजल के मामले में 88.65% मिले हैं. पटना जिला को 12 वां रैंक हासिल हुआ है. पटना जिला को 100 में 62.87 अंक मिले हैं. म्यूटेशन डिस्पोजल के मामले में 67.87% और जमाबंदी के मामले में 91.87% अंक मिले हैं. परफॉर्मेंस के मामले में भोजपुर, गोपालगंज, खगरिया, सहरसा और अररिया सबसे निचले पायदान पर है. इन जिलों का परफॉर्मेंस 50% के आसपास है.

2025 तक एक भी भूमिहीन नहीं रहेगा जमीन से वंचित: बिहार सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि हम लगातार कार्य प्रणाली में सुधार और कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं. विभाग में कई सुधारात्मक कार्य किए गए हैं. अंचल अधिकारी के कार्यालय के बाहर सूचना पट्ट लगाए जाने की योजना है. इसके अलावा ग्रेडिंग की व्यवस्था भी लागू की गई है. 2025 से पहले सभी भूमिहीनों को जमीन देने का लक्ष्य रखा गया है. मंत्री ने कहा कि भूमि का एक बड़ा हिस्सा ऐसा है, जिसके रिकॉर्ड सरकार के पास नहीं है, यह एक बड़ी चुनौती है.

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