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'दलित विरोधी बयान दे रहे मुख्यमंत्री.. नहीं संभल रहा बिहार तो दे दें इस्तीफा', महाधरना में RLJP की मांग

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Published : Dec 17, 2022, 2:15 PM IST

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का महाधरना
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का महाधरना

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी और दलित सेना ने बिहार सरकार से शराबबंदी कानून वापस लेना की मांग की है. छपरा में जहरीली शराब (Chapra Hooch Tragedy) से मौत मामले को लेकर पार्टी ने आज पटना में महाधरना दिया, साथ ही राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हुए एक ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा.

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का महाधरना

पटनाः बिहार के सारण शराबकांड (death due to poisonous liquor in Chapra) में मृत परिजनों को मुआवजा और सरकारी नौकरी, बिहार राज्य की गिरती विधि-व्यवस्था को लेकर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (Rashtriya Lok Janshakti Party protest in patna) एवं दलित सेना के तत्वाधान में एक दिसवसीय महाधरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसके बाद महामहिम राज्यपाल से मिलकर राज्य में राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा करने के लिए एक ज्ञापन सौंपा गया. जिसमें पार्टी प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज (MP Prince Raj) सहित पार्टी एवं दलित सेना के राष्ट्रीय और राज्य स्तर के नेता शामिल रहे.

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शराबबंदी कानून को वापस लेना की मांगः बिहार में गिरते लॉ एंड ऑर्डर लगातार जहरीली शराब से हो रही मौत और गरीब दलितों पर अत्याचार को लेकर रालोजपा के द्वारा पार्टी कार्यालय 01, व्हीलर रोड के सामने महाधरना दिया गया. इस मौके पर मौजूद राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद प्रिंस राज ने कहा कि राज्य सरकार से शराबबंदी कानून संभल नहीं रहा है, जिस वजह से ही शराबबंदी कानून को वापस लेना चाहिए. यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की सत्ता की बागडोर भी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नहीं संभाल रही है, इसलिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.

सीएम के बयान के खिलाफ महाधरनाः सांसद प्रिंस राज ने कहा कि बिहार में दलित विरोधी सरकार कार्य कर रही है बिहार में जहरीली शराब से हो रही मौत मौत के बाद दलित विरोधी बयान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दे रहे हैं, जो पिएगा वह मरेगा इस बयान के खिलाफ महाधरना का आयोजन किया गया है. महाधरना के बाद केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस के नेतृत्व में 5 सदस्य टीम राज्यपाल के पास जाकर बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर ज्ञापन सौंपा जाएगा.

"बिहार में दलित विरोधी सरकार कार्य कर रही है बिहार में जहरीली शराब से हो रही मौत मौत के बाद दलित विरोधी बयान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दे रहे हैं. राज्य सरकार से शराबबंदी कानून संभल नहीं रहा है, जिस वजह से ही शराबबंदी कानून को वापस लेना चाहिए. बिहार की सत्ता की बागडोर भी मुख्यमंत्री से नहीं संभाल रही है, इसलिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए"- प्रिंस राज, सांसद

राष्ट्रपति शासन लगाने की मांगः आपको बता दें कि शराबबंदी वाले बिहार (Liquor Ban In Bihar) के छपरा में जहरीली शराब से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस घटना में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रहीहै. जहरीला पदार्थ पीने से अब तक 73 लोगों की संदिग्ध मौत हो चुकी है. मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है, ये टीम पूरे मामले की तफ्तीश में जुटी है. इस मसले को लेकर विपक्षी पार्टियां भी विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों ओर हमलावर रुख अपनाए हुए हैं. बीजेपी के बाद अब राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी और दलित सेना ने भी राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करते हुए एक ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा है.

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