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पड़ोसी राज्यों से आने वाली हवा की वजह से बिहार के छोटे शहरों में बढ़ रहा प्रदूषण

बिहार में प्रदूषण के स्तर को मापने के लिए पटना, गया और मुजफ्फरपुर के बाद कई छोटे शहरों में एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगाये गये हैं. (Air Quality Monitor In Bihar) जो वहां के हवा की गुणवत्ता बताएगा. ताजा रिपोर्ट के अनुसार छोटे शहरों की स्थिति और भी खराब है. पढ़ें पूरी खबर...

बिहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स
बिहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स
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Published : Dec 29, 2021, 8:22 AM IST

पटना: बिहार में ठंड बढ़ने के साथ ही प्रदूषण की परेशानी चरम पर पहुंच गई है. बिहार में हवा में महीन धूल कण और जहरीली हवा के आंकड़े एयर क्वालिटी मॉनिटर के जरिए सामने आ रहे हैं. अब तक पटना, मुजफ्फरपुर और गया में एयर क्वालिटी को लेकर सवाल उठते रहे हैं लेकिन अब बिहार के छोटे शहरों में एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन ( Air Quality Monitoring Station ) लगने के बाद यह तथ्य सामने आ रहा है कि इन शहरों में भी हवा की क्वालिटी अत्यंत खराब है.

ये भी पढ़ें:जहरीली हवाः पटना में बढ़ते ठंड के साथ बढ़ा वायु प्रदूषण, एयर क्वालिटी इंडेक्स 350 के पार

बिहार के छोटे शहरों के हवा की गुणवत्ता विशेषज्ञों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. पटना, मुजफ्फरपुर और गया के अलावा अब हाजीपुर, आरा, सहरसा, दरभंगा, कटिहार, राजगीर और बक्सर जैसे शहरों की एयर क्वालिटी की पूरी रिपोर्ट हर दिन सीपीसीबी जारी कर रहा है. बिहार में पटना में पीएम 2.5 की मात्रा 256 है.

देखें वीडियो

इसके अलावा अन्य शहरों में 28 दिसंबर को शाम 4 बजे दर्ज एयर क्वालिटी पर गौर करें तो आरा में पीएम 2.5 की मात्रा 238, बिहार शरीफ में 276, दरभंगा में 257, बक्सर में 327, गया में 280, हाजीपुर 182, मोतिहारी 296, मुजफ्फरपुर 328, राजगीर 340, सहरसा 256, सासाराम 367, कटिहार में 316 जबकि किशनगंज में 260 दर्ज हुआ है. यह उन छोटे शहरों के आंकड़े हैं,जहां एयर क्वालिटी पटना से भी ज्यादा खराब दर्ज हो रही है, जो अत्यंत चिंताजनक है. क्योंकि पटना की तरह ना तो यहां इतनी ज्यादा वाहन है और ना ही कोई औद्योगिक इलाका है. जिससे इतना प्रदूषण फैल सके.

इस संबंध में जानकारी देते हुए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉक्टर अशोक कुमार घोष ने बताया कि आद्री, शक्ति फाउंडेशन और आईआईटी ने जब बिहार में प्रदूषण की पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. उन्होंने बताया कि जांच में यह पाया गया कि बिहार के विभिन्न शहरों में जो प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, उसके पीछे स्थानीय कारणों से ज्यादा जिम्मेदार आसपास या यूं कहें तो पड़ोसी राज्यों से आ रही हवा है.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल बिहार के प्रमुख पड़ोसी राज्य हैं. जो काफी हद तक औद्योगिकृत है. पुरवईया या पछुाआ हवा चलने पर इन राज्यों की प्रदूषित हवा बिहार के विभिन्न जिलों तक पहुंचती है. जिसकी वजह से बिहार के छोटे शहरों में भी प्रदूषण का अंतरराष्ट्रीय स्तर से ज्यादा पाया जा रहा है.

इधर पर्यावरणविद तरुण विजय ने बताया कि छोटे शहरों में जब से एयर क्वालिटी इंडेक्स मॉनिटर लगे हैं, तब से प्रदूषण के मामले में ये सभी शहर पटना, मुजफ्फरपुर और गया को पीछे छोड़ रहे हैं. इन शहरों में ज्यादा प्रदूषण की वजह पूछने पर तरुण विजय ने कहा कि इन छोटे शहरों में एक तरफ जहां चिमनी और कोयले आदि का प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है. वहीं एक बड़ी वजह आसपास के राज्यों से आ रही प्रदूषित हवा भी है. जिसकी वजह से बिहार में एयर क्वालिटी खराब हो रही है.

ये भी पढ़ें:वायु प्रदूषण के मामले में बिहार में दरभंगा पहुंचा दूसरे नंबर पर, एयर क्वालिटी इंडेक्स पहुंचा 376

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पटना: बिहार में ठंड बढ़ने के साथ ही प्रदूषण की परेशानी चरम पर पहुंच गई है. बिहार में हवा में महीन धूल कण और जहरीली हवा के आंकड़े एयर क्वालिटी मॉनिटर के जरिए सामने आ रहे हैं. अब तक पटना, मुजफ्फरपुर और गया में एयर क्वालिटी को लेकर सवाल उठते रहे हैं लेकिन अब बिहार के छोटे शहरों में एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन ( Air Quality Monitoring Station ) लगने के बाद यह तथ्य सामने आ रहा है कि इन शहरों में भी हवा की क्वालिटी अत्यंत खराब है.

ये भी पढ़ें:जहरीली हवाः पटना में बढ़ते ठंड के साथ बढ़ा वायु प्रदूषण, एयर क्वालिटी इंडेक्स 350 के पार

बिहार के छोटे शहरों के हवा की गुणवत्ता विशेषज्ञों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. पटना, मुजफ्फरपुर और गया के अलावा अब हाजीपुर, आरा, सहरसा, दरभंगा, कटिहार, राजगीर और बक्सर जैसे शहरों की एयर क्वालिटी की पूरी रिपोर्ट हर दिन सीपीसीबी जारी कर रहा है. बिहार में पटना में पीएम 2.5 की मात्रा 256 है.

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इसके अलावा अन्य शहरों में 28 दिसंबर को शाम 4 बजे दर्ज एयर क्वालिटी पर गौर करें तो आरा में पीएम 2.5 की मात्रा 238, बिहार शरीफ में 276, दरभंगा में 257, बक्सर में 327, गया में 280, हाजीपुर 182, मोतिहारी 296, मुजफ्फरपुर 328, राजगीर 340, सहरसा 256, सासाराम 367, कटिहार में 316 जबकि किशनगंज में 260 दर्ज हुआ है. यह उन छोटे शहरों के आंकड़े हैं,जहां एयर क्वालिटी पटना से भी ज्यादा खराब दर्ज हो रही है, जो अत्यंत चिंताजनक है. क्योंकि पटना की तरह ना तो यहां इतनी ज्यादा वाहन है और ना ही कोई औद्योगिक इलाका है. जिससे इतना प्रदूषण फैल सके.

इस संबंध में जानकारी देते हुए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉक्टर अशोक कुमार घोष ने बताया कि आद्री, शक्ति फाउंडेशन और आईआईटी ने जब बिहार में प्रदूषण की पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. उन्होंने बताया कि जांच में यह पाया गया कि बिहार के विभिन्न शहरों में जो प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, उसके पीछे स्थानीय कारणों से ज्यादा जिम्मेदार आसपास या यूं कहें तो पड़ोसी राज्यों से आ रही हवा है.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल बिहार के प्रमुख पड़ोसी राज्य हैं. जो काफी हद तक औद्योगिकृत है. पुरवईया या पछुाआ हवा चलने पर इन राज्यों की प्रदूषित हवा बिहार के विभिन्न जिलों तक पहुंचती है. जिसकी वजह से बिहार के छोटे शहरों में भी प्रदूषण का अंतरराष्ट्रीय स्तर से ज्यादा पाया जा रहा है.

इधर पर्यावरणविद तरुण विजय ने बताया कि छोटे शहरों में जब से एयर क्वालिटी इंडेक्स मॉनिटर लगे हैं, तब से प्रदूषण के मामले में ये सभी शहर पटना, मुजफ्फरपुर और गया को पीछे छोड़ रहे हैं. इन शहरों में ज्यादा प्रदूषण की वजह पूछने पर तरुण विजय ने कहा कि इन छोटे शहरों में एक तरफ जहां चिमनी और कोयले आदि का प्रयोग धड़ल्ले से हो रहा है. वहीं एक बड़ी वजह आसपास के राज्यों से आ रही प्रदूषित हवा भी है. जिसकी वजह से बिहार में एयर क्वालिटी खराब हो रही है.

ये भी पढ़ें:वायु प्रदूषण के मामले में बिहार में दरभंगा पहुंचा दूसरे नंबर पर, एयर क्वालिटी इंडेक्स पहुंचा 376

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