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Bihar Caste Survey: 'नोनिया, बिन्द और बेलदार की आबादी कम दिखाई गई.. दोबारा हो गणना', रेणु देवी की मांग

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 16, 2023, 3:21 PM IST

जब से बिहार में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट (Bihar Caste Survey) सामने आई है, तब से एनडीए इसके आंकड़े को लेकर लगातार सवाल उठा रहा है. अलग-अलग जाति से आने वाले नेता अपने समाज की आबादी को जानबूझकर कम दिखाने का आरोप लगा रहे हैं. इसी बीच अब बीजेपी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी ने भी इसको लेकर आवाज उठाई है. उनका कहना है कि नीतीश सरकार ने साजिशन उनकी जाति की आबादी को कम कर के दिखाया है.

पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी
पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी

पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी

पटना: बिहार में जातिगत सर्वे की रिपोर्ट के खिलाफ पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी की अगुवाई में नोनिया, बिन्द और बेलदार समाज के लोगों ने पटना के गर्दनीबाग में एकदिवसीय धरना दिया. इनका साफ कहना है कि सर्वे में उनकी जाति की संख्या को काफी कम दिखाया गया है. रेणु देवी ने कहा कि हमारी जाति की संख्या मात्र 3.38 प्रतिशत बताई गई है, जोकि काफी कम है. उनका दावा है कि उनकी जाति की संख्या 7 फीसदी से भी ज्यादा है. सरकार को इस तरह का आंकड़ा कभी भी नहीं पेश करना चाहिए था, क्योंकि यह त्रुटि पूर्ण आंकड़ा है.

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"हमारी जाति नोनिया, बिन्द और बेलदार को 3.38 फीसदी आंका गया है, यह बहुत ही कम है. हमारी संख्या 7 से 8 प्रतिशत है. जिस वजह से अतिपिछड़े की आबादी भी कम हो गई है. मुस्लिम के फॉरवर्ड को भी इसमें शामिल किया जा रहा है, जिसका हम विरोध करते हैं. हम चाहते हैं कि फिर से गिनती की जाए"- रेणु देवी, बीजेपी विधायक सह पूर्व डिप्टी सीएम, बिहार

'फिर से होनी चाहिए जाति आधारित गणना': धरने पर बैठीं पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने कहा कि साजिश के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस तरह का आंकड़ा पेश किया है. उन्होंने कहा कि कई फॉरवर्ड मुस्लिम को भी अति पिछड़ा में दिखाया गया है, जोकि गलत है. हमलोगों की मांग है कि सरकार अपने आंकड़े में सुधार करें, नहीं तो पूरे बिहार में हम लोग इसको लेकर प्रदर्शन करेंगे.

'एक जाति विशेष को ज्यादा दिखाया गया': इस दौरान रेणु देवी ने कहा कि इस सरकार ने जाति आधारित गणना में एक जाति विशेष को ज्यादा दिखाया है. साथ ही मुस्लिम की आबादी को भी काफी अधिक बताया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसा कर के ये बताने की कोशिश की गई है कि वह जाति (यादव) और मुस्लिम मिलकर बिहार की राजनीति में बड़ा दखल दे सकते हैं.

2 अक्टूबर को जातिगत सर्वे रिपोर्ट जारी: आपको बताएं कि गांधी जयंती पर बिहार में जाति आधारित सर्वे की रिपोर्ट जारी की गई थी. जिसमें बताया गया है कि प्रदेश की आबादी 13 करोड़ से अधिक हो गई है. जिनमें 63 फीसदी ओबीसी (24 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग और 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा वर्ग) की आबादी है. इनमें नोनिया, बिन्द और बेलदार को 3.38 फीसदी बताया गया है. रेणु देवी का दावा है कि उनकी आबादी 7 से 8 प्रतिशत है. लिहाजा दोबारा से सर्वेक्षण हो.

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