बरामद शराब को नष्ट करने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने सरकार पूछा- 'जनता को कैसे बचाएंगे ?'

author img

By

Published : Apr 9, 2022, 12:08 PM IST

शराबबंदी को लेकर सरकार से सवाल

बिहार में जब्त शराब को नष्ट करने की प्रक्रिया को लेकर पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब-तलब (Patna High Court seeks response from government) किया है. हाईकोर्ट ने इस मामले पर ध्यान देने की जरूरत बतायी. जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने राज्य में अवैध शराब को बरामद कर नष्ट करने से हो रहे प्रदूषण और पर्यावरण पर पड़ रहे विपरीत प्रभाव के मामले पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. जस्टिस पूर्णेंदु सिंह ने अर्जुन कुमार की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई की.

ये भी पढ़ें - बिहार विधानसभा में आज शराबबंदी संशोधन विधेयक होगा पेश, जानें क्या है इसमें

कोर्ट ने क्या कहा : हाईकोर्ट में जस्टिस पूर्णेंदु सिंह ने अर्जुन कुमार की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसी कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 47 में निहित निर्देशों के जनादेश के खिलाफ है. इस मामले पर ध्यान नहीं दिया गया है. कोर्ट ने कहा कि उपरोक्त तथ्य को ध्यान में रखते हुए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Bihar State Pollution Control Board) के सलाहकार निकाय होने के नाते बोर्ड के अध्यक्ष से अपेक्षा की जाती है कि वे उन क्षेत्रों का वैज्ञानिक मूल्यांकन करने के लिए सबसे पहले गंभीर कदम उठाएं.

ये भी पढ़ें - बिहार में शराब पीने वाला हिन्दुस्तानी नहींं, महापापी और महा अयोग्य है : नीतीश कुमार

राज्य के अधिकारियों द्वारा शराब को नष्ट (Destruction Of Liquor State officials) किये जाने को लेकर सरकार से न्यायालय ने सवाल किया. हाईकोर्ट ने इस मामले पर ध्यान देने की जरूरत बतायी है. हाईकोर्ट ने भारत के संविधान (Constitution Of India) का हवाला देते हुए राज्य की जनता की सुरक्षा के लिए सभी उपाय करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने अवैध शराब नष्ट किए जाने से पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव, पारिस्थितिक असंतुलन और मानव जीवन के लिए खतरनाक बताया है.

इस संबंध में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष को 12 अप्रैल,2022 तक रिपोर्ट दायर करने को कहा है. न्यायालय ने यह भी कहा कि राज्य में शराब की तस्करी प्रतिबंधित है. शराब की तस्करी आपराधिक कृत्य ही नहीं, बल्कि तस्करी करने वाले लोग आर्थिक अपराध के लिए उत्तरदायी हैं. इस मामले पर उच्च न्यायालय में अगली सुनवाई 12 अप्रैल 2022 को होगी.

बिहार में राज्य सरकार के द्वारा शराबबंदी कानून 2016 (Liquor Banned In Bihar) में लाया गया था. इसके लिए सख्त कदम उठाए गये थे. पुलिस के द्वारा लगातार शराब तस्करों को पकड़ने का प्रयास जारी है. हाईकोर्ट ने प्रशासन द्वारा पकड़े जा रहे शराब को नष्ट किये जाने के तरीके को लेकर सरकार से सवाल किया. हाईकोर्ट ने राज्य में अवैध शराब को बरामद कर नष्ट करने की प्रक्रिया पर सवाल किया है. प्रशासन के द्बारा शराब के बोतलों को रोड-रोलर से दबाया जाता था, मिट्टी के अंदर धसाया जाता था. इन्हीं प्रक्रियायों को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार से जबाब मांगा है. इन सब से जो भी प्रदूषण हो रहा है. उसकी ओर सरकार का ध्यान खींचा है. कोर्ट ने पर्यावरण पर हो रहे विपरीत प्रभाव के मामले पर राज्य सरकार से जबाब तलब किया.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.