'प्रीमियम कॉलेज में एडमिशन के लिए बिहार बोर्ड से मैट्रिक पास छात्रों को मिले आरक्षण'

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Published : Sep 16, 2021, 3:37 PM IST

बीजेपी विधानपार्षद

बीजेपी विधान पार्षद नवल किशोर यादव (BJP MLC Naval Kishore Yadav) ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि बिहार बोर्ड से मैट्रिक पास छात्रों का कम नंबर के कारण अच्छे कॉलेज में एडमिशन नहीं हो पाता है, लिहाजा मैरिट के आधार पर प्रीमियम कॉलेज में दाखिला (Admission in College) सुनिश्चित किया जाए.

पटना: बीजेपी विधान पार्षद नवल किशोर यादव (BJP MLC Naval Kishore Yadav) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को एक पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने मांग की है कि बिहार बोर्ड से उतीर्ण छात्र-छात्राओं के एडमिशन अच्छे कॉलेज में हो, इसको लेकर अलग से आरक्षण (Reservation) दिया जाए. साथ ही प्राप्तांक के अनुसार नहीं बल्कि मैरिट के आधार पर प्रीमियम कॉलेज में प्रवेश Admission Premium College on Basis of Merit) किया जाए.

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बीजेपी विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा कि सीबीएसई (CBSE) और आईसीएसई (ICSE) बोर्ड के बच्चे अच्छे अंक लाते हैं, लेकिन बिहार बोर्ड के बच्चे का अंक प्रतिशत अमूमन कम होता है. यही कारण है कि सीबीएसई और आईसीएसई उतीर्ण बच्चे का एडमिशन आसानी से बिहार के अच्छे कॉलेजों में हो जाता है, जबकि बिहार बोर्ड से उत्तीर्ण छात्र पिछड़ जाते हैं.

नवल किशोर यादव का बयान

बीजेपी नेता मांग की है कि बिहार बोर्ड से उत्तीर्ण छात्रों का एक कोटा बनाकर अच्छे कॉलेज में एडमिशन किया जाए, जिससे कि गरीब-गुरबे के बच्चे भी अच्छे कॉलेज में पढ़ाई कर सके.

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नवल किशोर यादव ने कहा कि इस को लेकर हमने विधान परिषद में भी मामला उठाया था और इस बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार शिक्षा को लेकर कई हजार करोड़ रुपए खर्च करती है. निश्चित तौर पर अब सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं की संख्या भी लगातार बढ़ रही है, ऐसे में बिहार बोर्ड उतीर्ण छात्रों को एक अलग कोटा तय कर अच्छे कॉलेजों में एडमिशन होना जरूरी है ताकि उनकी पढ़ाई अच्छे ढंग से हो सके.

बीजेपी एमएलसी ने अपने पत्र में लिखा है कि मुख्यमंत्री से निवेदन करते हैं कि बिहार बोर्ड से इन मासूमों के प्रति हो रहे अन्याय को अपने संज्ञान में लेकर पटना विश्वविद्यालय प्रशासन को नामांकन के लिए न्याय पूर्ण नीति निर्धारण का निर्देश दें, ताकि बिहार बोर्ड के होनहार बच्चों को न्याय मिल सके.

नवल किशोर यादव ने कहा कि इस बार कोविड के कारण सीबीएसई और आईसीएसई के बच्चों को घर बैठे ही अच्छे अंक मिल गए हैं. यही कारण है कि इस बार बिहार बोर्ड से उत्तीर्ण बच्चे को पटना विश्वविद्यालय में 10 से 12% भी नामांकन नहीं हो पाएगा. ऐसी स्थिति में सरकार को इस बारे में जरूर सोचना चाहिए, आखिर ये बच्चों के भविष्य का सवाल है.

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