पटना: दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ( National President of JDU ) पद की कमान संभालने के बाद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (Lalan Singh) पटना पहुंच चुके हैं. पटना एयरपोर्ट पर उन्हें रिसिव करने के लिए बड़ी तादाद में जदयू नेता और कार्यकर्ता पहुंचे हैं. जदयू कार्यलाय में जश्न की पूरी तैयारी की गई है.
जदयू के नव निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का पटना एयरपोर्ट पर कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया. इस दौरान ललन सिंह खुली जीप में बैठकर एयरपोर्ट से रवाना हुए. ललन सिंह ने कहा कि कार्यकर्ताओं में उत्साह है और उत्साह होना भी जरूरी है. इस तरह के उत्साह से ही पार्टी आगे बढ़ती है.
जानकारी के अनुसार, दोपहर 02:20 बजे पटना हवाई अड्डा से निकलकर शेखपुरा मोड़ भाया बेली रोड, इनकम टैक्स गोलम्बर होते हुए 1, वीरचन्द पटेल पथ, पटना ( जेडीयू कार्यालय) में आगमन होगा. यहां पर वे पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे.
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इधर, पटना एयरपोर्ट पर जेडीयू कार्यकर्ता और ललन सिंह के समर्थक पहुंच रहे हैं. पटना एयरपोर्ट के प्रवेश द्वार पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है. एयरपोर्ट थाना प्रभारी अरुण कुमार ने बताया कि एयरपोर्ट पर आने-जाने वाले यात्रियों को किसी भी तरह की परेशानी न हो, इसलिए समर्थकों को अंदर जाने की अनुमति नहीं है.
राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के स्वागत के लिए पटना एयरपोर्ट से लेकर पार्टी कार्यालय तक जेडीयू नेताओं ने पूरी तैयारी की है. बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एयरपोर्ट से उनके साथ पार्टी कार्यालय तक आएंगे. ढोल बाजा के साथ उन्हें पार्टी कार्यालय लाने की तैयारी है. राजधानी में होर्डिंग पोस्टर और बैनर बड़ी संख्या में लगाए गए हैं. पूरा शहर पोस्टर से पट गया है.
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बता दें कि, आरसीपी सिंह के बाद नीतीश के यदि कोई करीबी हैं तो वह ललन सिंह हैं. इतना ही नहीं, जेडीयू के 18 साल के इतिहास में ललन सिंह पहले सवर्ण अध्यक्ष हैं. इससे पहले तीनों अध्यक्ष ओबीसी से थे. इस फैसले नीतीश की कोशिश सवर्ण वोटरों और खासकर भूमिहार मतदाताओं को अपनी ओर खींचने की है. राजनीतिक जानकारों की माने तो इसका सीधा असर कहीं न कहीं बीजेपी की रणनीति पर पड़ेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि सवर्ण खासकर भूमिहार मतदाताओं को बीजेपी का कोर वोटर माना जाता है. यही वजह है कि नीतीश ने अहम रणनीति के तहत अपने सिपहसालार ललन सिंह को पार्टी की कमान सौंपी है.
दरअसल, ललन सिंह मुंगेर से सांसद हैं. ललन सिंह 2005 में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष बने थे. जब नीतीश ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ा था तो उन्होंने पार्टी के समर्पित वरिष्ठ नेता वशिष्ठ नारायण सिंह और केसी त्यागी को दरकिनार कर आरसीपी सिंह को कमान सौंपी थी. उस समय नीतीश ने समाजवाद की जगह जातिवाद को बढ़ावा दिया था.