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आर्यन ड्रग्स केस : मोतिहारी से खाली हाथ लौटी मुंबई क्राइम ब्रांच, जानें वजह

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Published : Oct 19, 2021, 1:57 PM IST

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अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के ड्रग्स मामले का कनेक्शन अब बिहार से जुड़ रहा है. मोतिहारी जेल में बंद दो ड्रग्स तस्करों मो. उस्मान और विजय वंशी को एनसीबी इस कांड से जोड़ रही है. पढ़ें पूरी खबर..

पटना: मुंबई में क्रूज पर रेव पार्टी में बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान (Shahrukh Khan) के बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) को पकड़ा गया है. रेव पार्टी (Rave Party) का तार अब बिहार पहुंच गया है. इसका कनेक्सन बिहार के मोतिहारी जेल में बंद दो ड्रग्स तस्करों मो. उस्मान और विजय वंशी को एनसीबी इस कांड से जोड़ रही है. एनसीबी के जांच का दायरा मोतिहारी (Aryan Khan Drug Case Connected To Motihari) तक पहुंच गया है. वहीं, मोतिहारी पहुंची मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम को तस्करों के लिए बगैर खाली हाथ वापस लौटना पड़ा.

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दरअसल, क्रूज पार्टी के दौरान शाहरुख खान के बेटे के साथ जिन आठ लोगों की गिरफ्तारी हुई थी, उसमें मोतिहारी सेंट्रल जेल में बंद ड्रग तस्कर विजय वंशी का एक रिश्तेदार भी शामिल है. उसी ने एनसीबी को पूछताछ के दौरान विजय वंशी प्रसाद के बारे में जानकारी दी और बताया कि वह मोतिहारी जेल में बंद है. एनसीबी की टीम ने मोतिहारी आकर संपर्क किया. न्यायिक प्रक्रिया के बाद विजय वंशी को रिमांड पर लेकर एनसीबी की टीम मुंबई लेकर जाएगी. वहीं, एनसीबी की टीम ने मुजफ्फरपुर और मोतिहारी से गिरफ्तार कई ड्रग्स तस्करों के बारे में भी जानकारी मांगी है.

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मिल रही जानकारी के अनुसार रिमांड के लिए सौंपे गए कागजात की छानबीन की जाएगी. जिसके बाद दोनों तस्करों को मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम को सौंपा जाएगा. पुलिस विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिना कागजात की छानबीन के किसी अन्य राज्य के पुलिस को तस्करों या अपराधियों को नहीं सौंपा जाता है. पुलिस अधिकारी के माध्यम से कागजात की छानबीन के उपरांत जेल प्रशासन निर्णय ले सकता है.

मुंबई नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की टीम मोतिहारी सेंट्रल जेल (Central Jail Motihari) में बंद ड्रग तस्कर मुंबई के मलाड निवासी विजय वंशी प्रसाद और उस्मान शेख को प्रोडक्शन रिमांड पर मुंबई ले जाने पहुंची थी. लेकिन कागजात की छानबीन का हवाला देते हुए इन दोनों तस्करों को नहीं सौंपा गया.

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मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी अशोक राजा राम भोजपुरी कोर्ट से रिमांड की अनुमति देखकर सेंट्रल जेल मोतिहारी पहुंचे थे. वहीं, मुजफ्फरपुर नगर थाना के पुलिस ड्रग्स केस में इन दोनों तस्करों को न्यायिक रिमांड पर लेने की तैयारी में जुटी हुई है. इस केस को लेकर आयुष सुनील कुमार पंडित ने मोतिहारी सेंट्रल जेल को प्रोडक्शन वारंट भी भेजा है.


आर्यन खान ड्रग्स मामले में मोतिहारी जेल में बंद तस्करों का कनेक्शन सामने आने के बाद उस्मान और विजय को मोतिहारी जेल के विशेष कक्ष में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है. मिल रही जानकारी के अनुसार 22 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर पुलिस के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किस एक की पेशी कराने की कोशिश की जा रही है. मुंबई स्पेशल ब्रांच के साथ-साथ मुंबई एनसीबी की टीम भी मामले की छानबीन में जुटी हुई है.

बता दें कि 5 दिन पूर्व ही कोर्ट में पूछताछ के लिए अर्जी दी गई थी. पूछताछ में विजय वंशी प्रसाद के ड्रग सप्लाई के नेपाल नेटवर्क के बारे में भी जानकारी एनसीबी को मिली है. आपको बता दें कि 19 सितंबर को मुजफ्फरपुर में नेपाल के 3 ड्रग सप्लायर समेत कुल 6 लोगों की गिरफ्तारी 1 किलो चरस और 13 लाख रुपये के साथ की गई थी. इन सप्लायरों की निशानदेही पर ही पूर्वी चंपारण के चकिया टोल प्लाजा के पास से मुंबई के तस्कर विजय वंशी प्रसाद, उस्मान शेख समेत 7 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी.

दरअसल आर्यन के साथ पकड़े गए लोगों ने कई अहम खुलासे किए हैं. ड्रग सप्लाई का नेटवर्क नेपाल और उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर के कई तस्करों से जुड़ रहा है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल में बंद नेपाल के तीन और मुजफ्फरपुर कटरा पहसौल के तीन तस्करों की भी जानकारी पुलिस से ली गई है.

बताया जाता है कि महाराष्ट्र के मलाड वेस्ट का दीपक यादव उर्फ टार्जन उर्फ बाबा इस सिंडिकेट का सरगना है. दीपक के लिए ही उस्मान, विजय, नेपाल का प्रकाश, सात्विक, संजय और मुजफ्फरपुर के कटरा पहसौल का गौरव कुमार, बांसो कुमार और रूपेश शर्मा काम करते थे. कार से सभी नेपाल से ड्रग्स की तस्करी कर सड़क से महाराष्ट्र तक पहुंचाते थे.

वहीं, मोतिहारी सेंट्रल जेल में बंद दोनों ड्रग तस्करों के बारे में जानकारी लेने के लिए मुंबई एनसीबी द्वारा जिला पुलिस से संपर्क करने की बात बतायी जा रही है. लेकिन एसपी नवीन चंद्र झा ने इस बात से इंकार किया है. उन्होंने कहा कि "हो सकता है कि मुंबई एनसीबी की टीम आई हो, लेकिन उनसे मुंबई एनसीबी अथवा मुंबई पुलिस ने इस मामले में संपर्क नहीं किया है. इधर मोतिहारी सेंट्रल जेल के अधीक्षक विधु कुमार ने बताया कि इस मामले में मुंबई एनसीबी की टीम ने उनसे संपर्क नहीं किया है.

बता दें कि नशीले पदार्थ बिहार ही नहीं देश और विदेशों के लिए एक बड़ी समस्या बन चुकी है. आर्थिक अपराध इकाई जोकि नशीली पदार्थ की भी एक नोडल एजेंसी है, इसके अलावा एनसीबी और एसएसबी द्वारा भी नशीली पदार्थों की तस्करी करने वालों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. नारकोटिस ट्रैफिकिंग के जरिए देश के विभिन्न राज्यों तक नशीली पदार्थ पहुंचाए जा रहे हैं. एनसीबी, एसएसबी और आर्थिक अपराध इकाई द्वारा कई स्मगलर को गिरफ्तार भी किया गया है. इसके बावजूद भी नशे का कारोबार धड़ल्ले से बिहार में फल फूल रहा है. नशीली पदार्थों के ट्रैफिकिंग के लिए तस्कर, बिहार और झारखंड को ज्यादातर रूट के रूप में इस्तेमाल करते रहे हैं. कुछ लोग ने नशीली पदार्थों की तस्करी को जीने का जरिया बना रखा है.

समाज के कुछ वर्ग के लोग ज्यादा पैसे कमाने के लिए इस तरह के गलत काम कर रहे हैं. ज्यादातर नॉर्थ इंडिया से बिहार तक नशीली पदार्थ पहुंच रहा है. उसके अलावा बॉर्डर इलाकों में जहां पर एसएसबी तैनात है, वहां पर अभियान चलाकर नशीली पदार्थों को भी पकड़ा जाता और उसके तस्करों को भी गिरफ्तार किया जा रहा है.

एनसीबी के आंकड़े के मुताबिक साल 2020 में एनसीबी के द्वारा 6425 किलो गांजा जब्त, 2.45 किलो हेरोइन, 03.90 किलोग्राम चरस और 51.40 किलो अफीम जब्त किया गया था. इसके अलावा पूरे साल भर में 85 तस्कर गिरफ्तार किए गए थे. वहीं साल 2021 के एनसीबी के अब तक के आंकड़ों के मुताबिक करीब 30 लोगों की गिरफ्तारी की गई है.

वहीं साल 2021 में लगभग 4500 किलो गांजा, 28. 34 किलो चरस और 5.25 किलो ओपियम जब्त किया गया है. एसएसबी यानी कि सशस्त्र पुलिस बल के द्वारा साल 2020 में 88 मामला दर्ज कर चरस, गांजा, हेरोइन, ब्राउन शुगर, ओपियम के साथ अन्य नशीले पदार्थ कुल 704.282 किलो जब्त किए गए थे और 106 लोगों की गिरफ्तारी की गई थी. वहीं साल 2021 के सितंबर माह तक एसएसबी द्वारा अब तक 91 मामले दर्ज कर, 1493.9 किलोग्राम विभिन्न तरह के नशीले पदार्थों को जब्त कर अब तक के 93 लोगों की गिरफ्तारी की गई है.

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