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ईटीवी भारत की मुहिम के साथ आए मंत्री मुकेश सहनी, पटना के अयांश को देंगे एक महीने का वेतन

मंत्री मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) ने ईटीवी भारत की खबर पर संज्ञान लेते हुए दुर्लभ बीमारी (Rare Diseas) से जूझ रहे 10 महीने के अयांश और उनके परिजनों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने अपना एक महीने का वेतन देने का फैसला किया है. पढ़ें रिपोर्ट.

पटना
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Published : Aug 5, 2021, 8:58 PM IST

पटना: ईटीवी भारत की मुहिम 'अयांश को बचाना है' के साथ खेसारी लाल यादव के बाद अब सूबे के मंत्री मुकेश सहनी भी जुड़ गए है. वीआईपी के राष्‍ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) ने अपनी एक महीने का वेतन देने का फैसला किया है. पटना के रूपसपुर में रहने वाला 10 महीने का अयांश बेहद ही दुर्लभ और खतरनाक बीमारी (Rare Diseas) स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी (Spinal Muscular Atrophy) से जूझ रहा है.

ये भी पढ़ें- अयांश को बचाना है: दुर्लभ बीमारी का दर्द झेल रहा मासूम, 16 करोड़ के एक इंजेक्शन से बचेगी जान

अयांश की गंभीर बीमारी का पता लगने के बाद गुरुवार को मुकेश सहनी खुद उनके घर गए और उन्होंने अयांश और उनके परिजनों से मुलाकात की. अयांश का हाल जाना और फिर अपने एक महीने का वेतन उसके इलाज के लिए देने का फैसला किया.

मुकेश सहनी, मंत्री, बिहार सरकार

इस दौरान मंत्री ने कहा कि अयांश 10 महीने का छोटा बच्चा है, जिसकी बीमारी अत्यंत दुर्लभ है. डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी के इलाज के लिए जिस इंजेक्शन की जरूरत है वो 16 करोड़ रुपयों का है. इस परिवार के लिए इतनी रकम एकत्र करना संभव नहीं है, लेकिन इस मुश्किल वक्त में बिहार के लोग अयांश के साथ हैं.

ये भी पढ़ें- ईटीवी भारत की मुहिम को मिला खेसारी का साथ, कहा- मैं हर संभव मदद में जुटा हूं, आप सबों से भी हाथ जोड़कर...

''हम सभी से निवेदन करते हैं कि अयांश को बचाने की मुहिम में आगे आएं और जिससे जितना बन पड़े उनकी मदद जरूर करें. हमने अभी एक महीने का वेतन दिया है. आगे जरूरत पड़ेगी तो हम और भी मदद करेंगे. मानवता के खातिर आप भी अयांश की मदद करें और उसके जीवन को बचाने में अपना योगदान दें.''- मुकेश सहनी, मंत्री, बिहार सरकार

जिस तरह ईटीवी भारत ने अयांश को लेकर मुहिम चला रखी है, अब ऐसा लगता है कि इस मिशन में हम आगे बढ़ रहे हैं और बिहार सरकार के मंत्री भी अयांश के घर पहुंचकर उनके परिजनों को आर्थिक मदद कर रहे हैं, जिससे अयांश की जान बचाई जा सकें.

बता दें कि राजधानी पटना के रूपसपुर (Rupaspur) इलाके में रहने वाले आलोक सिंह और नेहा सिंह के 10 महीने के बेटे अयांश को दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी है. इसके इलाज के लिए जिस इंजेक्शन की जरूरत होती है उसकी कीमत 16 करोड़ रुपए (Injection worth rupees 16 crores) है. इस बीमारी में बच्चे के शरीर के अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं.

मेडिकल एक्सपर्ट की मानें तो इस बीमारी के लक्षण के साथ जन्म लेने वाले बच्चे अधिक से अधिक 2 साल तक जिंदा रह पाते हैं. फिर भी इसका अगर ठीक ढंग से ट्रीटमेंट हो जाए, तो बच्चे को नया जीवन मिल सकता है. यहां यह बताना भी जरूरी है कि शुक्रवार को अयांश का मुद्दा विधानसभा में भी उठा. शून्यकाल में बीजेपी के विधायक संजीव चौरसिया ने अयांश की बीमारी का मामला उठाया था और सरकार से संज्ञान लेने का आग्रह किया था.

पटना: ईटीवी भारत की मुहिम 'अयांश को बचाना है' के साथ खेसारी लाल यादव के बाद अब सूबे के मंत्री मुकेश सहनी भी जुड़ गए है. वीआईपी के राष्‍ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) ने अपनी एक महीने का वेतन देने का फैसला किया है. पटना के रूपसपुर में रहने वाला 10 महीने का अयांश बेहद ही दुर्लभ और खतरनाक बीमारी (Rare Diseas) स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी (Spinal Muscular Atrophy) से जूझ रहा है.

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अयांश की गंभीर बीमारी का पता लगने के बाद गुरुवार को मुकेश सहनी खुद उनके घर गए और उन्होंने अयांश और उनके परिजनों से मुलाकात की. अयांश का हाल जाना और फिर अपने एक महीने का वेतन उसके इलाज के लिए देने का फैसला किया.

मुकेश सहनी, मंत्री, बिहार सरकार

इस दौरान मंत्री ने कहा कि अयांश 10 महीने का छोटा बच्चा है, जिसकी बीमारी अत्यंत दुर्लभ है. डॉक्टरों का कहना है कि इस बीमारी के इलाज के लिए जिस इंजेक्शन की जरूरत है वो 16 करोड़ रुपयों का है. इस परिवार के लिए इतनी रकम एकत्र करना संभव नहीं है, लेकिन इस मुश्किल वक्त में बिहार के लोग अयांश के साथ हैं.

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''हम सभी से निवेदन करते हैं कि अयांश को बचाने की मुहिम में आगे आएं और जिससे जितना बन पड़े उनकी मदद जरूर करें. हमने अभी एक महीने का वेतन दिया है. आगे जरूरत पड़ेगी तो हम और भी मदद करेंगे. मानवता के खातिर आप भी अयांश की मदद करें और उसके जीवन को बचाने में अपना योगदान दें.''- मुकेश सहनी, मंत्री, बिहार सरकार

जिस तरह ईटीवी भारत ने अयांश को लेकर मुहिम चला रखी है, अब ऐसा लगता है कि इस मिशन में हम आगे बढ़ रहे हैं और बिहार सरकार के मंत्री भी अयांश के घर पहुंचकर उनके परिजनों को आर्थिक मदद कर रहे हैं, जिससे अयांश की जान बचाई जा सकें.

बता दें कि राजधानी पटना के रूपसपुर (Rupaspur) इलाके में रहने वाले आलोक सिंह और नेहा सिंह के 10 महीने के बेटे अयांश को दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी है. इसके इलाज के लिए जिस इंजेक्शन की जरूरत होती है उसकी कीमत 16 करोड़ रुपए (Injection worth rupees 16 crores) है. इस बीमारी में बच्चे के शरीर के अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं.

मेडिकल एक्सपर्ट की मानें तो इस बीमारी के लक्षण के साथ जन्म लेने वाले बच्चे अधिक से अधिक 2 साल तक जिंदा रह पाते हैं. फिर भी इसका अगर ठीक ढंग से ट्रीटमेंट हो जाए, तो बच्चे को नया जीवन मिल सकता है. यहां यह बताना भी जरूरी है कि शुक्रवार को अयांश का मुद्दा विधानसभा में भी उठा. शून्यकाल में बीजेपी के विधायक संजीव चौरसिया ने अयांश की बीमारी का मामला उठाया था और सरकार से संज्ञान लेने का आग्रह किया था.

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