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आयुर्वेद कॉलेज और BASU के बीच MOU, वैज्ञानिक तरीके से शोध कर सकेंगे छात्र

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Published : Mar 6, 2021, 12:50 PM IST

mou between ayurveda college and BASU
mou between ayurveda college and BASU

पटना के कदमकुंआ स्थित राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में आयुर्वेद कॉलेज और बिहार पशु एवं विज्ञान विश्वविद्यालय के बीच एमओयू साइन हुआ. दोनों कॉलेज के बीच एमओयू साइन होने से आयुर्वेद कॉलेज के शोधार्थी छात्रों को यह सुनहरा अवसर मिल पाएगा जब वह अपने शोध को वैज्ञानिक तरीके से पूर्ण कर सकेंगे.

पटना: शुक्रवार को आयुर्वेद कॉलेज और बिहार पशु एवं विज्ञान विश्वविद्यालय के बीच एमओयू साइन हुआ. इस एमओयू के बाद अब कॉलेज में होने वाले शोध को पूर्ण वैज्ञानिक तरीके से सिद्ध कर इसके लाभ को जन-जन तक पहुंचाया जा सकेगा. इसके साथ ही बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के शोधार्थी छात्र भी अपने शोध विषय को आयुर्वेदिक कॉलेज की मदद से पूर्ण कर सकेंगे.

mou between ayurveda college and BASU
आयुर्वेद कॉलेज और बीएएसयू के बीच एमओयू

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आयुर्वेद कॉलेज और बीएएसयू के बीच एमओयू
इस मौके पर कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉक्टर दिनेश्वर प्रसाद, BASU ( बिहार एनिमल एंड साइंस यूनिवर्सिटी ) के वाइस चांसलर डॉ रामेश्वर सिंह, डीन डॉ वीर सिंह, डायरेक्टर रिसर्च डॉक्टर रविंद्र कुमार, राज्य आयुष समिति के स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर डॉ आनंद भूषण चौधरी समेत दोनों महाविद्यालय के कई अन्य विभाग के प्रभारी भी मौजूद रहे.

आयुर्वेद कॉलेज और BASU के बीच MOU

'बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के शोधार्थी छात्र भी अपने शोध विषय को आयुर्वेदिक कॉलेज की मदद से पूर्ण कर सकेंगे. इस एमओयू के साइन होने से दोनों तरह की विधाओं के बीच ज्ञान का आदान-प्रदान संभव हो सकेगा. कोई भी औषधि तैयार होती है तो सबसे पहले उसका ट्रायल जानवरों पर किया जाता है. और अस्पताल में रिसर्च के लिए पशुओं का अलग से एक लैब बनाना अभी संभव नहीं था. एमओयू के बाद अब आयुर्वेदिक दवाओं के रिसर्च की ऑथेंटिसिटी और ज्यादा बढ़ जाएगी'.- प्रोफेसर डॉक्टर दिनेश्वर प्रसाद, प्राचार्य, आयुर्वेद कॉलेज

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'कोई भी दवा को तैयार करने में पहले फेज में एनिमल मॉडल पर ही स्टडी किया जाता है. जिसमें दवाओं की एफिशिएंसी और टाक्सीसिटी दोनों का मूल्यांकन किया जाता है. देखा जाता है कि यह सेफ है या नहीं और सेफ है तो कितना सेफ है. इस एमओयू से दोनों संस्थानों को लाभ होगा. भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद रही है और एविडेंस बेस्ड रिसर्च होने से विश्व भर में आयुर्वेद एक बार फिर से अपनी पहचान बनाएगा'.- डॉ रामेश्वर सिंह, वाइस चांसलर, बिहार पशु एवं विज्ञान विश्वविद्यालय

शोध में होगी आसानी
दोनों कॉलेज के बीच एमओयू साइन होने से आयुर्वेद कॉलेज के शोधार्थी छात्रों को इससे काफी फायदा होगा. छात्र अपने शोध को वैज्ञानिक तरीके से पूर्ण कर सकेंगे. इसके लिए बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय उनकी हर तरह से मदद करेगा. आयुर्वेदिक मेडिसिन में एविडेंस बेस्ड रिसर्च अब संभव हो पाएगा.

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