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CAG रिपोर्ट पर मंत्री नितिन नवीन ने दी सफाई- कहा, इंडो-नेपाल सड़क का मामला पथ निर्माण विभाग का नहीं

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Published : Jul 31, 2021, 11:40 AM IST

सीएजी (CAG) ने पथ निर्माण विभाग पर दो योजनाओं को लेकर सवाल उठाये हैं. मंत्री नितिन नवीन ने दोनों रिपोर्टों पर अपनी सफाई दी है. पढ़ें खबर.

नितिन नवीन
नितिन नवीन

पटनाः सीएजी (CAG) ने अपनी रिपोर्ट में पथ निर्माण विभाग (Road Construction Department) की योजनाओं को लेकर सवाल खड़ा किया है. सीएजी ने मुख्यमंत्री (CM Nitish Kumar) के ड्रीम प्रोजेक्ट लोहिया पथ चक्र में भी अनियमितता का खुलासा किया है. उससे सरकार पर 18 करोड़ से अधिक का बोझ पड़ा है. वहीं, इंडो-नेपाल (Indo-Nepal) सड़क को लेकर भी सीएजी ने सवाल खड़े किए हैं.

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पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने सफाई देते हुए कहा कि लोहिया पथ चक्र मामले में हम जांच करा रहे हैं. यदि सरकार को राजस्व की हानि हुई तो जो भी दोषी होंगे, उन पर कार्रवाई होगी. जहां तक इंडो-नेपाल के जमीन अधिग्रहण का मामला है, तो इससे विभाग का लेना-देना नहीं है. जिला पदाधिकारी और राजस्व भूमि विभाग का मामला बनता है.

पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने खास बातचीत में कहा कि सीएजी ने मेरे विभाग से दो योजनाओं पर अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया है. लोहिया पथ चक्र के निर्माण को लेकर राजस्व की हानि की बात कही है. उसके बाद हमने पुल निर्माण निगम के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर को मामले की जांच के लिए भेजा है. जो भी दोषी होंगे इस मामले में उन पर कार्रवाई करेंगे.

दूसरा मामला इंडो-नेपाल सड़क का है. इसमें जमीन अधिग्रहण को लेकर सीएजी ने सवाल खड़ा किया है. इससे विभाग का लेना-देना नहीं है. क्योंकि विभाग जमीन अधिग्रहण के लिए राशि देती है. जमीन अधिग्रहण का काम राजस्व विभाग और जिला पदाधिकारी का होता है.

देखें पूरी रिपोर्ट

सीएजी ने बड़ी संख्या में पुल के निर्माण होने और संपर्क पथ नहीं बनने पर भी सवाल खड़ा किया है. पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन का इस पर कहना है कि मुख्यमंत्री सेतु निर्माण योजना में एप्रोच पथ का एलाइनमेंट भी रहता है. कुछ मामले आए हैं, उसे हम लोग देख रहे हैं.

सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में पथ निर्माण विभाग, परिवहन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, जलवायु परिवर्तन विभाग सहित कई विभागों के मामले उजागर किए हैं. हालांकि सत्ता पक्ष का साफ कहना है कि पूरे मामले पर सरकार की नजर है. पथ निर्माण मंत्री भी वही कुछ कहना चाह रहे हैं कि जो भी मामले आए हैं उसे हम देख रहे हैं. यदि सरकार को राजस्व की हानि हुई होगी या अन्य अनियमितता का मामला सामने आता है तो कार्रवाई करेंगे.

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