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नेपाल में भारी बारिश से बिहार की कई नदियां उफान पर, जल संसाधन विभाग ने जारी किया अलर्ट

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Published : Aug 1, 2022, 9:48 PM IST

जल संसाधन विभाग का अलर्ट
जल संसाधन विभाग का अलर्ट

उत्तर बिहार में बाढ़ का खतरा (Flood threat in Bihar) एक बार फिर से मंडराने लगा है. नेपाल में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण उत्तर बिहार की कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जिसको लेकर जल संसाधन विभाग ने अलर्ट जारी किया है. पढे़ं पूरी खबर..

पटना: नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में पिछले दो दिनों में हुई भारी बारिश का असर बिहार की कई नदियों के जलस्तर (Rise in water level of rivers of Bihar) पर देखा जा रहा है. राज्य में सोमवार को कोसी, बागमती और कमला बलान का जलस्तर कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया. जबकि, बिहार इस वर्ष अब तक मॉनसून की अनियमितता और अल्पवृष्टि से उत्पन्न स्थिति से जूझ रहा था. नदियों के बढ़े जलस्तर के मद्देनजर जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा (Water Resources Minister Sanjay Kumar Jha) ने मुख्यालय से लेकर फील्ड तक के सभी अधिकारियों और अभियंताओं को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिये हैं.

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तटबंधों की सुरक्षा के लिए की जा रही रात्रि गश्ती: प्रदेश के सभी तटबंधों की सुरक्षा के लिए विभाग की टीमों द्वारा रात्रि गश्ती की जा रही है. उल्लेखनीय है कि बिहार में एक जून से 31 जुलाई तक कुल 306.9 एमएम बारिश हुई है. जबकि, मॉनसून सामान्य रहने पर 503.8 एमएम बारिश होनी चाहिए थी. इस तरह राज्य में इस वर्ष मॉनसून सीजन में सामान्य से 39 प्रतिशत कम बारिश हुई है. इसके मद्देनजर विभाग के अधिकारी और अभियंता सभी नहरों में अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने के लिए तत्परता से कार्य कर रहे हैं.

नेपाल में भारी बारिश: दो दिनों से नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण बिहार में स्थित प्रमुख बराजों पर पानी का दबाव लगातार बढ़ रहा है. वाल्मीकि नगर बराज पर सोमवार शाम 4 बजे 2 लाख 64 हजार क्यूसेक जलस्राव दर्ज किया गया और इसमें निरंतर वृद्धि हो रही है. गंडक बराज पर इस वर्ष अधिकतम जलस्राव 29 जून को शाम 6 बजे कुल 2 लाख 67 हजार क्यूसेक दर्ज हुआ था. बढ़े जलस्राव के कारण गंडक नदी का जलस्तर कुछ स्थानों पर बढ़ रहा है. इसके मद्देनजर विभाग की टीमों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.

कोसी, बागमती, कमला बलान खतरे के निशान से ऊपर: इसी तरह बीरपुर (सुपौल) स्थित कोसी बराज पर रविवार रात 8 बजे 1 लाख 70 हजार 750 क्यूसेक, जबकि सोमवार सुबह 8 बजे 1 लाख 81 हजार 115 क्यूसेक जलस्राव दर्ज हुआ. कोसी बराज से इस साल अधिकतम जलस्राव गत 17 जून को सुबह 10 बजे 1 लाख 92 हजार क्यूसेक दर्ज हुआ था. कोसी नदी का जलस्तर सोमवार को बसुआ और बालतारा में खतरे के निशान से ऊपर दर्ज हुआ. बसुआ में जलस्तर 48.69 मीटर (डेंजर लेवल 47.75 मीटर) और बालतारा में जलस्तर 33.97 मीटर (डेंजर लेवल 33.85 मीटर) दर्ज किया गया.

कई नदियों के जलस्तर में वृद्धि: नेपाल में भारी बारिश के कारण कमला-बलान और बागमती नदी के जलस्तर में भी वृद्धि देखी जा रही है. कमला-बलान का जलस्तर सोमवार सुबह जयनगर और झंझारपुर में खतरे के निशान से ऊपर दर्ज किया गया. जयनगर में जलस्तर 67.94 मीटर (डेंजर लेवल 67.75 मीटर), जबकि, झंझारपुर में 51.05 मीटर (डेंजर लेवल 50.00 मीटर) दर्ज किया गया. इसी तरह बागमती का जलस्तर सोमवार सुबह बेनीबाद में 48.69 मीटर (डेंजर लेवल 48.68 मीटर), जबकि, सोनाखान में 68.98 मीटर (डेंजर लेवल 68.80 मीटर) दर्ज किया गया.

24 घंटे काम कर रहा कॉल सेंटर: जल संसाधन मंत्री संजय झा के अनुसार बिहार में बाढ़ से सुरक्षा के लिए करीब 3800 किलोमीटर लंबा तटबंध है. सभी तटबंधों की बाढ़ से सुरक्षा सुनिश्चित करने और जन सहभागिता को बढ़ावा देते हुए किसी भी तरह के खतरे की स्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए जल संसाधन विभाग का कॉल सेंटर चौबीसो घंटे कार्य कर रहा है.

लोगों को किया जा रहा अलर्ट: विभाग की ओर से सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से लगातार अनुरोध किया जा रहा है कि यदि किसी व्यक्ति को अपने इलाके के तटबंध में कटाव, रिसाव, दरार या पाइपपिंग दिखे, या तटबंध की सुरक्षा को किसी अन्य प्रकार का खतरा प्रतीत हो, तो वह विभाग के टॉल फ्री नंबर 18003456145 पर कॉल करके सूचना या ट्विटर पर हैशटैग Hello WRD के साथ ट्वीट कर सूचना दे सकता है. विभाग द्वारा ऐसी सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है.

जल संसाधन विभाग ने जारी किया अलर्ट: जल संसाधन विभाग के अधिकारी एवं अभियंता सभी तटबंधों की सुरक्षा के लिए एलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है । रात्रि गश्ती और किसी भी खतरे की स्थिति में त्वरित कार्रवाई में मदद करने के लिए हर किलोमीटर पर एक स्थानीय प्रहरी की तैनाती की गई है। साथ ही संवेदनशील स्थलों पर बाढ़ सुरक्षात्मक सामग्रियों का पर्याप्त मात्रा में भंडारण किया गया है। मुख्यालय स्तर पर वरीय अधिकारियों द्वारा पल-पल का अपडेट लिया जा रहा है। जल संसाधन मंत्री पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं.

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