शराबबंदी पर सियासत: 'बिना तैयारी के सरकार ने की शराबबंदी, नहीं बनाया कोई रोडमैप'

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Published : Nov 30, 2021, 10:51 PM IST

Politics on Liquor Ban in Bihar

बिहार में शराबबंदी पर सियासत (Politics on Liquor Ban in Bihar ) जारी है. विपक्ष लगातार सरकार को घेर रहा है. वहीं, इस मामले में माननीयों की भी एक राय नहीं है. कोई इसे अच्छा बता रहा है तो कई फिर से समीक्षा करने की मांग कर रहा है.

पटना: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban in Bihar) कानून लागू है. शराबबंदी को सफल बनाने के लिए कड़े कानून भी बनाए गए हैं. इसके बावजूद शराब की तस्करी (Alcohol Smuggling) नहीं थम रही है. जिससे लगातार सवाल उठ रहे हैं. मंगलवार को विधानसभा परिसर में शराब की खाली बोतलें मिलने से हंगामा मच गया और विपक्ष नें सीएम नीतीश कुमार से इस मुद्दे पर इस्तीफा भी मांग लिया. शराबबंदी के मामले पर ईटीवी भारत के संवाददाता ने कई विधायकों से बात की तो सभी ने अलग-अलग राय दी (Legislators Opinion on Liquor). किसी ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में शराबबंदी होनी चाहिए और किसी ने फिर से समीक्षा की बात कही.

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'सरकार ने शराबबंदी तो किया लेकिन तैयारी कुछ नहीं किया. 3 राज्यों की सीमा खुली है, सरकार ने कोई रोड मैप नहीं बनाया कि कैसे सीमाओं पर कड़ाई बरती जाए. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय सीमा भी एक बड़ी चुनौती है.' -राहुल तिवारी, विधायक राजद

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'शराबबंदी को सफल बनाया जा सकता है, लेकिन सरकार को अधिकारियों पर नकेल कसना होगा. इसके अलावा पड़ोसी राज्यों में भी शराबबंदी हो इसके लिए आवाज उठाने होंगी.' -अजीत कुशवाहा, विधायक माले

'शराबबंदी सही कदम है, थोड़ी कठिनाई जरूर है लेकिन सरकार अगर मजबूत इरादों के साथ सरकार लागू करना चाहेगी तो शराबबंदी सफल हो सकती है.' -विजय शंकर दुबे, विधायक कांग्रेस

'हम चाहते हैं कि बिहार में शराबबंदी लागू हो. जहां तक पड़ोसी राज्यों का सवाल है तो यह उन्हें तय करना है. इससे हमारा कोई लेना देना नहीं है.' -कृष्ण कुमार ऋषि, विधायक भाजपा

'शराबबंदी कानून को विपक्ष ठेंगा दिखा रहा है. विपक्षी दल ही साजिश कर शराबबंदी को असफल बनाने की कोशिश में जुटे हैं.' -गोपाल मंडल, विधायक जदयू

गौरतलब है कि बिहार से 3 राज्यों की सीमा लगती हैं. सीमा खुली होने के कारण शराब के अवैध कारोबार पर रोक नहीं लग पा रहा है. बिहार से पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और झारखंड की सीमा लगती है. इसके अलावा नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा भी सटी है. सीमा खुली होने के चलते तस्कर पुलिस की मिलीभगत से शराब की तस्करी करते हैं.

बता दें कि साल 2016 में नीतीश सरकार ने बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू किया था. शराबबंदी को लागू करने के लिए कड़े कानून बनाए गए हैं. 5 साल बीत जाने के बाद भी शराबबंदी मूर्त रूप नहीं ले सकी बल्कि जहरीली शराब से मौत का सिलसिला बढ़ गया.

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