'चुनाव के दौरान प्रचार नहीं कर पाने के कारण छटपटा कर रह गया मैं'

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Published : Jul 5, 2021, 2:53 PM IST

Lalu Prasad Yadav

आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने कार्यकर्ताओं को अपने राजनीतिक संघर्ष और पार्टी की स्थापना के किस्से सुनाए. इस उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में प्रचार नहीं कर पाने का उन्हें मलाल है, लेकिन उनकी मजबूरी थी. लालू ने दावा किया कि आरजेडी का भविष्य उज्जवल है

पटना/नई दिल्ली: आज राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का 25वां स्थापना दिवस है. इस मौके पर 3 साल बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. अपने संबोधन में लालू ने अपने संघर्ष को याद किया. साथ ही कहा कि चुनाव के दौरान प्रचार नहीं कर पाने के कारण वह छटपटा कर रह गए थे.

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चुनाव में नहीं आने का मलाल
दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से रजत जयंती समारोह को संबोधित करते हुए आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जब वे उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत की, हर चुनाव में हिस्सा लिया. पार्टी के लिए प्रचार किया, लेकिन पिछली बार जब वे बिहार चुनाव के दौरान मौजूद नहीं थे तो छटपटा कर रह गए थे. प्रचार नहीं कर पाने का उन्हें मलाल है.

मंडल आंदोलन का जिक्र
लालू यादव ने आरजेडी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लालू प्रसाद यादव ने मंडल आंदोलन का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि समाज के वंचित लोगों को पहली बार हमारी सरकार में बूथ तक जाने का मौका मिला.

आरजेडी का भविष्य उज्जवल
लालू प्रसाद यादव ने दावा किया कि आरजेडी का भविष्य उज्जवल है. उन्होंने कहा, मैं पांच-पांच प्रधानमंत्री को देखा और बनाने में सहयोग किया, हमें केंद्रीय मंत्री नहीं बनाया गया था तो हमने कुछ नहीं बोला, लेकिन नीतीशजी व्याकुल थे, तो उन्हें कहकर शायद कृषि मंत्री बनवा दिया था.

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1997 में आरजेडी का गठन
आपको बताएं कि पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने 5 जुलाई 1997 को जनता दल से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल का गठन किया था. इन 25 सालों में पार्टी ने कई उतार-चढ़ाव देखें है. स्थापना के करीब 8 साल सत्ता में रही, उसके बाद से लगातार विपक्ष में ही है. हालांकि इस बीच में साल 2015 से 2017 में नीतीश कुमार की अगुवाई में साझा सरकार चलाने का अवसर जरूर मिला. वहीं मनमोहन सिंह की सरकार में 2004-2009 के दौरान लालू यादव समेत कई सांसद केंद्रीय मंत्री भी थे.

बिहार की सबसे बड़ी पार्टी
हालिया बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी 75 सीट लाकर सबसे बड़ी पार्टी बनी है. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का खाता भी नहीं खुला था. वहीं राज्यसभा में आरजेडी के 6 सदस्य और विधान परिषद में भी 6 सदस्य हैं. इसके अलावे झारखंड विधानसभा में एक विधायक हैं, जो कि वहां की हेमंत सरकार में मंत्री भी हैं.

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