ETV Bharat / state

तीरंदाजी के प्रति दीवानगी ने अंजलि को दिलाई सफलता, कम संसाधन के बावजूद हासिल किया बड़ा मुकाम

author img

By

Published : Aug 13, 2022, 9:41 AM IST

Archery International Player Anjali Kumari ने कहा कि बिहार में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, बस जरूरत है तो एक अच्छे कोच और संसाधन की. उनकी इच्छा बिहार में तीरंदाज में रुचि रखने वाले खिलाड़ियों को तैयार करना है.

तीरंदाजी की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अंजलि
तीरंदाजी की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अंजलि

पटनाः बिहार में खेल के प्रति युवाओं की रूचि (Youth Interest For sports In Bihar) काफी है, लेकिन कमी है तो सिर्फ संसाधन की. ये कहना है बिहार की अंतरराष्ट्रीय स्तर की तीरंदाज अंजलि कुमारी का, जिन्होंने इस खेल में दर्जनों मेडल हासिल कर बिहार का नाम रौशन किया है. अंजलि को खेल के प्रति ऐसी दीवानगी थी कि उन्होंने कम संसाधन में ही तीरंदाजी के क्षेत्र में बड़ा मुकाम हासिल कर लिया. अंजलि की इस सफलता को लेकर ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की.

ये भी पढ़ें: पटना के इंटरनेशनल पैरालंपिक दिव्यांग खिलाड़ी की कहानी है निराली, 95 मेडल जीतकर बढ़ाया देश का मान

अंजलि का फैमिली बैकग्राउंड है स्पोर्टः तीरंदाज अंजलि कुमारी ने बताया कि उनकी खेल के प्रति दीवानगी की शुरुआत घर से ही हुई. उनका फैमिली बैकग्राउंड स्पोर्ट का है. अंजलि के तीन बड़े भाई हैं. दूसरे नंबर के जो भाई है, एथलेटिक के कोच हैं और जो तीसरे नंबर के भाई तीरंदाजी के कोच हैं. उन्होंने ही शुरुआती दौर में अंजलि को शिक्षा दीक्षा दी. उन्होंने कहा कि मेरे परिवार और गुरु का सहयोग शुरू से ही मिलता रहा. जिसका नतीजा है कि 'मैं तीरंदाजी के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच पाई'.

ये भी पढ़ें: 14वीं राष्ट्रीय ग्रैपलिंग प्रतियोगिता: बिहार के खिलाड़ियों ने हासिल किया दूसरा स्थान, विधानसभा अध्यक्ष ने की हौसला अफजाई

"बिहार में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, बस जरूरत है तो एक अच्छे कोच और संसाधन की, मेरे पिताजी जमशेदपुर टाटा स्टील में काम करते थे और मैं उन्हीं के साथ वहां पर रहती थी. जमशेदपुर में तीरंदाजी की प्रैक्टिस करते देख मन में इच्छा हुई कि मैं भी तीरंदाजी कर सकती हूं और वहीं पर प्रैक्टिस करनी शुरू कर दी. मैं लगातार प्रैक्टिस करती हूं और मेरा बस एक ही सपना है बिहार में तीरंदाज में रुचि रखने वाले खिलाड़ियों को तैयार करना और बिहार के लिए खेलना, जिसके लिए लगातार प्रयास जारी है"- अंजलि कुमारी, तीरंदाज

छपरा में तीरंदाजी का बनाया माहौलः अंजलि ने बताया कि 2019 से सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा छपरा के जिला समाहरणालय में क्लर्क के पोस्ट पर योगदान दिया और उसके बाद छपरा में तीरंदाजी को लेकर के एक सकारात्मक माहौल बनाया. अब वो खेल प्राधिकरण विभाग में तीरंदाजी खेल को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है. अंजलि ने बताया कि तीरंदाजी को बढ़ावा के लिए बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के डीजे के सहयोग से बिहार में तीन एकलव्य सेंटर पटना, गया और भोजपुर में बनाया जा रहा है. आने वाले समय में अन्य जिलों में भी सेंटर बनाया जाएगा, जहां पर तीरंदाजी के खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देकर उनके टैलेंट को निखार जाएगा.

2004 से खेल रही तीरंदाजीः आपको बता दें कि अंजलि 2004 से तीरंदाजी खेल रही हैं. वो एनआईएस की कोच भी हैं. उन्होंने 2009 में अंतरराष्ट्रीय तीरंदाजी में हिस्सा लिया था, जो कि चाइना में हुआ था. फिर 2010 में वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम खेला और उसमें ब्राउनच मेडल जीता. 2014 में एशियन ग्रैम्पिक्स टूर्नामेंट खेला जो कि बैंकॉक में हुआ था. उसमें सिल्वर मेडल हासिल किया था. 2015 में वर्ल्ड कप एस्टेज टू, जो कि कोलंबिया में हुआ था अच्छी उपलब्धि हासिल की थी. जिससे बिहार ही नहीं बल्कि देश का भी मान सम्मान बढ़ा था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.